Navratri Me Mata Ka Bhog: इन भोगों से प्रसन्न होती हैं माता, जानें किस दिन क्या भोग लगाएं

Navratri Ke Bhog: मां को प्रसन्न करने के लिए नौवों देवियों की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। पूजा अर्चना के साथ भक्त माता को भोग भी लगाते हैं। माता के नौं रूप हैं और इन सभी नौ देवियों का भोग अलग-अलग है।

Written By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-10-06 21:29 IST

नवरात्रि में माता के भोग pic(social media)

Navratri Me Mata Ka Bhog: शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर 2021(Navratri Start Kab se Hai) दिन गुरुवार से शुरू हो रहा है, जो 14 अक्टूबर को समाप्त होगा। नवरात्रि के इन नौं दिनों में माता की आराधना और पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही मां को प्रसन्न करने के लिए नौवों देवियों की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। पूजा अर्चना के साथ भक्त माता को भोग(mata Ka Bhog) भी लगाते हैं। माता के नौं रूप हैं और इन सभी नौ देवियों का भोग अलग -अलग है। आइये आज आपको नौ देवियों के भोग की जानकारी देते हैं ताकि आप पूजा अर्चना के साथ माता को उनके दिन के हिसाब से भोग अर्पित कर सकें।

प्रथम देवी शैलपुत्री pic(social media) 

1- माता का पहला स्वरूप(Mata Ka Pahla Swaroop)

प्रथम देवी शैलपुत्री - नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है कि माता शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। इसीलिए इनको सफेद रंग बहुत पसंद है। इस दिन मां को गाय के घी का भोग लगाना चाहिए।

दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी pic(social media)

2- माता का दूसरा स्वरूप (Mata ka Dusra Swaroop)

दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी- दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी का है और इस दिन मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि यह भोग लगाने से माँ दीर्घायु होने का वरदान देती हैं।

तीसरा दिन माता चंद्रघंटा pic (social media)

3- माता का तीसरा स्स्वरूप (Mata Ka Teesara Swaroop)

तीसरा दिन माता चंद्रघंटा- तीसरा दिन माता चंद्रघंटा का है। माता चंद्र घंटा की पूजा-अर्चना से मानव सांसारिक कष्टों से मुक्ति पाते हैं। इस दिन मां को दूध से बनी मिठाइयां, खीर आदि का भोग लगाने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से धन-वैभव व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

चौथा दिन मां कूष्मांडा pic(social media) 

4- माता का चौथ स्वरूप (Mata ka Chautha Swaroop)

चौथा दिन मां कूष्मांडा की पूजा- नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। इस दिन माता को मालपुए का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है और मनोबल बढ़ता है।

पांचवां दिन माता स्कंदमाता pic(social media)

5- माता का पांचवां स्वरूप (Mata Ka Panchava Swaroop)

पांचवां दिन माता स्कंदमाता- नवरात्रि के पांचवें दिन दुर्गा जी के पंचम स्वरुप माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है।माता को केले का भोग लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि माता को केले का भोग लगाने से सभी शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है । बच्चों का भविष्य अच्छा रहता है।

छठा दिन माता कात्यायनी pic(social media)

6- माता का छठा स्वरूप (Mata Ka Chatha Swaroop)

छठा दिन माता कात्यायनी- नवरात्रि के छठें दिन माता कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है । माता कात्यायनी को लौकी, मीठे पान और शहद का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने घर से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है।

सातवां दिन माता कालरात्रि pic(social media)

7- माता का सांतवां स्वरूप (Mata Ka Satvana Swaroop)

सातवां दिन माता कालरात्रि- नवरात्र के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है। माता कालरात्रि शत्रुओं का नाश करती हैं और भक्तों को अभयदान देती हैं। इस दिन देवी कालरात्रि को गुड से निर्मित भोग लगाना चाहिए।

आठवां दिन माता महागौरी pic(social media)

8- माता का आठवां स्वरूप (Mata Ka Athavan Swaroop)

आठवां दिन माता महागौरी- नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है। महागौरी की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इसीलिए इस दिन आप भोग के रूप में माता को नारियल चढ़ाएं तो आपको मनोवांछित फल प्राप्त होगा।

नवां दिन माता सिद्धिदात्री pi(social media)

9- माता का नौंवा स्वरूप (Mata Ka Navan Swaroop)

नवां दिन माता सिद्धिदात्री- नवरात्रि का नौवां दिन माता सिद्धिदात्री का है। देवी सिद्धिदात्री को घर में बने हलवा-पूड़ी और खीर का भोग लगा कर कन्या की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती हैं।

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