Neem Ke Fayde: नीम का इस्तेमाल दांतों को देगा मोतियों सी चमक, आंतों के अल्सर को भी करता है दूर
Neem Me Kya Hota Hai: भरपूर एंटीकैंसर गुणों से युक्त नीम एक मात्र एक ऐसा पेड़ा है जिसके हर हिस्से का इस्तेमाल औषधि बनाने के लिए किया जाता है।
Neem Me Kya Hota Hai: नीम जिसका प्रयोग प्राचीन काल से ही एक औषधि के रूप में किया जाता है। अनगिनत गुणों से भरपूर नीम आपके रक्त को साफ करके शरीर से किसी भी जहरीले तत्व को बाहर निकालने में सहायक होता है। बता दें कि नीम में फंगस, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की अदभुत क्षमता होती है। इतना ही नहीं भरपूर एंटीकैंसर गुणों से युक्त नीम एक मात्र एक ऐसा पेड़ा है जिसके हर हिस्से का इस्तेमाल औषधि बनाने के लिए किया जाता है। चलिए जानते हैं नीम के फायदे-
नीम के फायदे (Benefits Of Neem)
1- प्राचीन काल से ही लोग नीम का सेवन करते आ रहे हैं। नीम में मौजूद कई औषधीय गुण लोगों को कई प्रकार की बीमारियां से बचाने में कारगर हैं। नीम की डंडी से दातुन करने पर मुंह के अंदर मौजूद सभी बैड बैक्टीरिया मर जाने के साथ -साथ दांत भी चमकदार और मजबूत बनते हैं।
2- बता दें कि नीम के पत्तों का उपयोग कुष्ठ रोग को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इतना ही नहीं इसके इस्तेमाल से नेत्र विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट की ख़राबी, भूख न लगना, त्वचा के अल्सर, हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोगों (हृदय रोग), बुखार, मधुमेह, मसूड़ों की बीमारी (मसूड़े की सूजन) और जिगर के रोग तक ठीक हो जाते हैं।
3- नीम का पेड़ भरपूर ऑक्सीजन भी प्रदान करता है। इसलिए प्राचीन काल से ही घर के आस -पास लोग नीम का पेड़ जरूर लगाया करते थे। आज शहरों में आयी इसकी कमी की वजह ही प्रदूषण बढ़ने का भी कारण बनी है।
4- नीम ही एकमात्र ऐसा पेड़ है जिसकी पत्तियां, तना और इसका बीज सभी किसी ना किसी काम आते हैं। इसकी पत्तियों के सेवन से शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में आसानी होती है। इतना ही नहीं नीम में फंगस, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है। इसलिए इस की पत्ती का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। नीम की सुखी पत्तियों को जला कर धुंआ करने से मच्छर तुरंत भाग जाते हैं। इतना ही नहीं नीम की पत्तियों के पानी से नहाने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोगों से भी छुटकारा मिल जाता है।
5- इसके अलावा कुष्ठ रोग के लिए भी नीम के पत्तों का उपयोग किया जाता है। नीम से नेत्र विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट की खराबी, भूख ना लगना, त्वचा के विकार, बुखार, मधुमेह, मसूड़ों की बीमारी आदि जैसे गंभीर रोगों में भी आराम मिलता है।
6- नीम की छाल का उपयोग मलेरिया, पेट और आंतों के अल्सर, त्वचा रोग, दर्द, बुखार आदि को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। डायबिटीज के मरीज़ों के लिए नीम एक दवा की तरह है। इसका रोज़ाना प्रयोग शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखता है। इतना ही नहीं शरीर में बैक्टीरिया को मार कर पाचन तंत्र को स्वस्थ और मज़बूत बनायें रखने का काम नीम बखूबी करता है।
7- लोगों के दांतों पर जमे मैल को नीम का दातुन आसानी से साफ़ कर देता है। इसके अलावा नीम के पत्तों का अर्क मसूड़ों पर रोजाना लगाने से दातों पर कभी मेल नहीं जमता है। रोजाना बासी मुंह नीम की 4 से 5 पत्तियां खाने से खून साफ होने के साथ -साथ पेट में किसी तरह की बीमारी नहीं होती है। इतना ही नहीं कील मुंहासों को हटा कर त्वचा को चमकदार बनाये रखने का काम नीम बखूबी करता है।
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