Osho Ke Anmol Vichaar: ओशो कहते हैं," तुम्हारा काम ही तुम्हारी ख़ुशी हैं"

Osho Ke Anmol Vichaar: जीवन में कई परेशानियां आतीं हैं लेकिन उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए। जिससे वो दोबारा आपके जीवन में न आएं। कुछ ऐसे ही प्रेरित करते हैं ओशो के ये विचार।

Update:2024-04-14 09:07 IST

Osho Ke Anmol Vichaar (Image Credit-Social Media)

Osho Ke Anmol Vichaar: आज की दुनिया में व्यक्ति घर परिवार ऑफिस हर तरफ से खुद को जब हरा हुआ महसूस करता है और उसे कोई सहारा नज़र नहीं आता है और वो जीवन के दोराहे पर खड़ा होता है तो उसे किसी ऐसे का साथ चाहिए होता है जो उसे सही मार्ग दिखा सके। या कुछ ऐसी बातें जिनसे वो अपने जीवन में आगे बढ़ सके। आज हम आपके लिए ओशो के उन विचारों को साझा करने जा रहे हैं तो आपको जीवन जीने का एक अलग और बेहतर तरीका बताएँगे।

ओशो के अनमोल विचार (Osho Ke Anmol Vichaar)

  • यहां कोई भी आपके सपने को पूरा करने के लिए नहीं है। हर कोई यहाँ अपने भाग्य और अपनी हक़ीक़त बनाने में लगा हैं।
  • उदासी, उतना उदास नहीं करती। जितना उदासी आ गई, यह बात उदास करती है।
  • यदि आप सच्चाई को देखना चाहते हैं, तो उसके लिए या उसके खिलाफ कोई राय न रखें।
  • चुनें नहीं। जीवन को स्वीकार करें क्योंकि यह अपनी समग्रता में है।
  • जीवन ठहराव और गति के बीच एक संतुलन है।
  • मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं। बुद्धिमान खुद पर हँसते है।
  • किसी के साथ किसी प्रतियोगिता की कोई आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं हैं, और जैसे आप हैं, आप पूरी तरह से अच्छे हैं। खुद को स्वीकार करें।
  • आप वो बन जाते हैं जो आपको लगता है कि आप हैं।
  • अधिक से अधिक निर्दोष, कम ज्ञानी और अधिक बालसुलभ बनें। जीवन को मजे के रूप में लें – क्योंकि यही ठीक है!
  • स्वयं की खोज करें, अन्यथा आपको अन्य लोगों की राय पर निर्भर रहना होगा जो खुद को भी नहीं जानते हैं।
  • अपनी विशिष्टता का सम्मान करें, और तुलना छोड़ें। अपने अस्तित्व में मस्त रहो।
  • जब प्यार और नफरत दोनों अनुपस्थित होते हैं तो सब कुछ स्पष्ट और निर्विवाद हो जाता है।
  • आप जितने लोगों को चाहे, उतने लोगों को प्यार कर सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि आप एक दिन दिवालिया हो जाएंगे और कहेंगे अब मेरे पास प्रेम नहीं बचा है।
  • मित्रता सबसे शुद्ध प्रेम है। यह प्रेम का उच्चतम रूप है जहां कुछ भी नहीं मांगा जाता है, कोई भी शर्त नहीं है, जहां हर कोई बस देने में आनंद लेता है।
  • बिना प्यार के इंसान बस एक शरीर हैं।
  • प्यार खुश होता है जब यह कुछ देने में सक्षम होता है। अहंकार खुश होता है जब वह कुछ लेने में सक्षम होता है।
  • अगर आप बिना प्यार के काम करते हैं, तो आप गुलाम की तरह काम कर रहे हैं। जब आप प्यार से काम करते हैं, तो आप एक सम्राट की तरह काम करते हैं। तुम्हारा काम ही तुम्हारी ख़ुशी हैं, तुम्हारा काम ही तुम्हारा नृत्य है।
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