Osho Ke Anmol Vichar: ओशो कहते हैं पुरुष जितना प्रेम शब्दों में प्रकट करता है उससे कई गुना ज्यादा स्त्री मौन में प्रकट कर देती है
Osho Ke Anmol Vichar: ओशो का ज्ञान उनकी कई किताबों में संग्रहित हैं वहीँ उन्होंने हमेशा अपने अलग नज़रिये को लोगों तक पहुंचाया जिसने सभी को बेहद प्रभावित किया।
Osho Ke Anmol Vichar: ओशो रजनीश के विचारों को लोगों द्वारा काफी अपनाया जाता है साथ ही उनके विचार और जीवन को देखने का अलग नजरिया कई लोगों को काफी पसंद भी आता है। ऐसे में आज हम उनके कुछ अनमोल विचार लेकर आये हैं जिन्हे अपनाकर आप भी अपने जीवन में सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं। आइये इन विचारों पर नज़र डालते हैं।
ओशो के अनमोल विचार (Osho Ke Anmol Vichar)
ओशो के विचारों पर आधारित लगभग 650 किताबों का प्रकाशन हो चुका है वहीँ इन बातों को यहाँ हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं। आइये जानते हैं ओशो के कुछ अनमोल विचार।
1- जो कुछ भी महान है, उस पर किसी का अधिकार नहीं हो सकता. और यह सबसे मूर्ख बातों में से एक है जो मनुष्य करता है - मनुष्य अधिकार चाहता है.
2 . आत्मज्ञान एक समझ है कि यही सबकुछ है, यही बिलकुल सही है, बस यही है। आत्मज्ञान उप्लाब्धि नहीं है, लेकिन ये यह जानना है कि न कुछ पाना है और न ही कहीं जाना है।
3.अगर आपको कोई फूल पसंद है तो उसे तोड़े नहीं, क्योंकि अगर आप उसे तोड़ते हैं तो वह मुरझा जाता है। इसलिए अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो उसे वैसे ही रहने दें।
4. असली सवाल यह है कि तुम अंदर से क्या हो, अगर तुम अंदर से गलत हो तो तुम जो भी करोगे, उससे गलत ही होगा। अगर तुम अंदर से सही हो तो तुम जो भी करोगे वह सही ही होगा।
5. सफाई देने में और स्पष्ट करने में अपना कीमती समय बर्बाद ना करें, लोग वहीं सुनते हैं, जों सुनना चाहते हैं।
6. योग एक विधि है, जो हमें सपनों से बाहर लाता है। योग एक विज्ञान है जो हमें यहां और अभी होना सिखाता है।
7. संसार सुंदर है, क्योंकि इसे ईश्वर ने बनाया है। जो संसार को गंदा कहता है, वह भगवान का तिरस्कार कर रहा है।
8. अगर आपको कुछ बुरा करना है तो ताकत की जरूरत होती है, बल्कि अच्छे काम के लिए तो प्यार ही पर्याप्त है।
9. पुरुष जितना प्रेम शब्दों में प्रकट करेगा, उससे कई गुना ज्यादा स्त्री मौन में प्रकट कर देगी।
10. आप बाहरी रूप को बदलते हुए कई जिंदगियां लगा देंगे फिर भी कभी संतुष्ट नहीं हो पायेंगे, जबतक कि भीतर बदलाव नहीं होगा, बाहर कभी भी परफेक्ट नहीं हो सकता है.