Premanand Ji Maharaj : जानिए प्रेमानंद गोविन्द जी महाराज के अनमोल विचार, जो आपको जीवन की नई ज्योत दिखाएंगे
Premanand Ji Maharaj Motivation: अगर आप प्रेमानंद जी के ज्ञान के मंदिर में खुद को सराबोर करना चाहते हैं तो आपके लिए हम आज प्रेमानंद गोविन्द जी महाराज के अनमोल विचार लेकर आये हैं।
Premanand Ji Maharaj : पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविन्द शरण जी महाराज अपने विचारों और कथनों से सभी को काफी प्रभावित करते हैं। उनकी बातें सुनकर उनके भक्त बेहद भावविभोर हो उठते हैं। अगर आप भी कभी किसी मार्ग पर विचलित हो जाये या निराशा आपको घेर ले तो आप भी प्रेमानंद जी के इन अनमोल विचारों को पढ़कर खुद को आत्मविश्वास से भर सकते हैं। जिससे आने वाला समय आपके लिए पाजिटिविटी लेकर आएगा।
प्रेमानंद गोविन्द जी महाराज के अनमोल विचार
महाराज जी एक साधारण परिवार से हैं उन्हें अपनी माता जी से बेहद लगाव था। बेहद छोटी ही उम्र में प्रेमानंद जी घर को छोड़कर अध्यात्म की ओर अग्रसर हो गए। ऐसे में उनके विचारों की शुद्धता और उनका कोमल स्वाभाव कई लोगों को बेहद पसंद आता है। ऐसे में अगर आप भी प्रेमानंद जी के ज्ञान के मंदिर में खुद को सराबोर करना चाहते हैं तो आपके लिए हम आज प्रेमानंद गोविन्द जी महाराज के अनमोल विचार लेकर आये हैं।
मनुष्य जीवन सत्य मार्ग के लिए है ,
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अच्छे बनो माँ बाप की सेवा क्यों बीमारों का सेवा करो जरूरत मंद की मद्दद करो
यही मनुष्य जीवन है।
सभी समस्याओ से सुलझने का एक मात्रा उपाय है
प्रभु को अपना वास्तविक मान लो ,उनकी जगह पर किसी को मत बैठा
लो
बाबाजी बन जाना आसान है लेकिन उनके मार्ग पर चलना कठिन है।
चमड़े का बेल्ट और चमड़े का जूता पहनने वाला को गौ हत्या का पाप लगता है।
हमे सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है किसी व्यक्ति से क्या होगा कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।
मेरा एक मात्रा साथी गुरु प्रदत्त नाम और मंत्र है।
प्रभु का नाम जप संख्या से नहीं डूब कर करो।
ब्रह्मचर्य की रक्षा करें ब्रह्मचर्य बहुत बड़ा अमृत तत्व है ,मूर्खता के कारण लोग इसे ध्यान नहीं देते हैं।
प्रभु श्री हरि का जप करो सभी विप्पत्तियो से छुटकारा मिल जायेगा
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प्रातः काल जब उठे तो गुरुदेव को प्रणाम करके निश्चय करें की आज हम पूरा का पूरा समय आराध्य देव में लगाने की पूरा का पूरा चेस्टा करेंगे।
जो ह्री का भक्त होता है उसे हमेशा जय की प्राप्ति होती है ,उसे कोई परास्त नहीं कर सकता।
अगर हमको अपने मन को सांत करना है मन को इस्थिर करना है तो एक उपाय है प्रभु के चरणों का दृढ़ता पूर्वक आश्रय और नाम जप करे।
जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है ,वह भले ही जीवित है लेकिन मुख से मरा हुआ है।