Premanand Ji Maharaj Satsang: मांस खाने वालों के लिए प्रेमानंद जी ने कह दी ये बड़ी बात, सोचने पर हो जायेंगे मजबूर

Premanand Ji Maharaj Satsang: प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे उन्होंने मांस खाने वाले लोगों के लिए बड़ी बात कही है।

Update:2024-02-24 10:43 IST

Premanand Ji Maharaj (Image Credit-Social Media)

Premanand Ji Maharaj Satsang: वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज अपने प्रवचनों से लोगों को काफी प्रभावित करते हैं। ऐसे में उन्होंने मांसाहारी लोगों के लिए कुछ ऐसी बातें कहीं हैं जो सुनकर आप भी हैरान रह जायेंगे। आइये विस्तार से जानते हैं और वीडियो के मध्यान से देखते हैं कि महाराज जी ने ऐसे लोगों को क्या हिदायत दी है।

मांसाहारी लोगों के लिए प्रेमानंद जी ने कही ये बात

प्रेमानंद जी महराज सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्ध हैं उन्होंने कई ऐसी बातें कही हैं जिससे आपको भी ज्ञात होगा कि मांस का सेवन करना उचित नहीं होता है। दरअसल प्रेमानंद जी कहते हैं कि जिस तरह मनुष्य को अपना शरीर प्यारा होता है और अगर उसमे ज़रा सी भी तकलीफ होती है तो आपको जितना कष्ट होता है वैसे ही प्रत्येक जीव को भी उतनी ही पीड़ा होती है।

उन्होंने कहा कि जब आपके शरीर को एक सुई चुभ जाती है तो आपको कितनी पीड़ा होती है और आप किसी के शरीर को चाकू से काट रहे हैं तो उसको कितनी तकलीफ होती होगी। आप उसे काटकर खा रहे हैं तो आपको इस बात का तो पता होगा ही कि आप पाप कर रहे हैं। भगवान् ने मनुष्य के खाने के लिए कई सारी चीज़ें बनाई हैं जैसे मूली, गाजर, रोटियां हैं, दाल हैं, मिष्ठान हैं, कितने मेवे हैं कितने फल हैं, ये सब आप खा सकते हैं। इन सबको मनुष्य के लिए ही बनाया गया है।

मूली को आप उखाड़ कर रख देंगें तो वो सूख जाएगी। क्योंकि उसमे जान है गाजर गेहूं सभी के पौधों में जान होती है लेकिन ईश्वर ने उसे खाने का विधान बनाया है। लेकिन पशु पक्षियों को काटकर खाना मनुष्य के लिए नहीं बना है। वो राक्षसों का स्वभाव है। महाराज जी ने आगे कहा कि आप लोग राक्षस तो हैं नहीं तो आपको मांसाहार खाने की क्या आवश्यकता है।

जब आपके शरीर को कष्ट होता है तो पशुओं के भी शरीर में कष्ट होगा ही। आप उन्हें जिन्दा भूनकर खा रहे हैं। उबालकर काटकर खा रहे हो तुम्हारी दुर्गति पक्की है। मांस खाना, शराब पीना, व्यभिचार या दूसरी स्त्रियों पर नज़र रखना ये तुम जानते हो कि पाप है लेकिन मानते नहीं हो इसका मतलब ये है कि आपमें सामर्थ नहीं है। वो सामर्थ है नाम जप जिससे आप भोगों पर विजय प्राप्त करेंगे। 

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