Quit India Movement Day 2023: भारत छोड़ो आंदोलन से काँप उठे थे ब्रिटिश,जानिए इस दिन की पूरी कहानी

Quit India Movement Day 2023: भारत छोड़ो आंदोलन दिवस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण दिन है। यह आंदोलन 1942 में 8 अगस्त को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा शुरू किया गया था और इसका मुख्य लक्ष्य ब्रिटिश शासन के विरुद्ध स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए लड़ना था।

Update:2023-08-08 07:15 IST
Quit India Movement Day 2023 (Photo: Social Media)

Quit India Movement Day 2023: भारत छोड़ो आंदोलन दिवस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण दिन है। यह आंदोलन 1942 में 8 अगस्त को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा शुरू किया गया था और इसका मुख्य लक्ष्य ब्रिटिश शासन के विरुद्ध स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए लड़ना था। यह आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।

भारत छोड़ो आंदोलन दिवस: ‘करो या मरो’ का आह्वान

भारत छोड़ो आंदोलन दिवस को "करो या मरो" का आह्वान भी कहा जाता है। इस दिन महात्मा गाँधी ने मुंबई के गुवालिया टैंक से इस आंदोलन की शुरुआत करी थी। इस दिवस के द्वारा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1942 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों को संघर्ष के लिए एकत्रित किया था। इस आंदोलन का मुख्य मंत्र "करो या मरो" था, जिससे भारतीयों को ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अपनी आजादी के लिए साहस और संकल्प के साथ संघर्ष करने का संदेश मिलता था। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का एक महत्वपूर्ण चरण था। इस दिन को अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है।

भारत छोड़ो आंदोलन के पीछे के कारण

भारत छोड़ो आंदोलन के पीछे कई कारण थे, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की उम्मीद और आग्रह के परिणामस्वरूप यह आंदोलन शुरू हुआ। कुछ मुख्य कारणों में शामिल हैं:

1) द्वितीय विश्व युद्ध: पारिस्थितिकियों के कारण और द्वितीय विश्व युद्ध के परिणामस्वरूप ब्रिटिश शासन की कमजोरी दिखाई देने लगी, जिससे स्वतंत्रता संग्राम की उम्मीदें बढ़ गई।

2) महात्मा गांधी की पुनरावलोकन यात्रा: 1942 में महात्मा गांधी ने "ब्रिटिश को भागो" आंदोलन की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश सरकार से भारतीय स्वतंत्रता की मांग की थी।

3) कुंभकोणम संधि: 1942 में कुंभकोणम संधि के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समर्थन में कोई भी योजना नहीं बनाने का आलंब दिया, जिससे भारतीयों में उचित आक्रोश उत्पन्न हुआ।

4) आर्थिक स्थिति: द्वितीय विश्व युद्ध के कारण भारत की आर्थिक स्थिति में भारी परिवर्तन हुआ था, जिससे जनसामान्य लोगों की स्थिति और जीवनयापन में सुधार होने की आशा थी

5) महात्मा गांधी की नेतृत्व: महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय जनता में स्वाधीनता के प्रति उत्साह उत्तेजित हो गया था, और उन्होंने इस आंदोलन की शुरुआत की ताकि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नया दिशा देने का प्रयास किया।

6) अंग्रेजों ने राष्ट्रवादियों का सहयोग प्राप्त करने के लिए क्रिप्स मिशन भेजा जो विफल रहा और कांग्रेस ने क्रिप्स योजना को खारिज कर दिया।

भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान हुई घटनाएं

1) कुली घाट पर हमला (9 अगस्त 1942): आंदोलन की शुरुआत में ही 9 अगस्त 1942 को बंगलूरू के कुली घाट पर ब्रिटिश सरकार के वाहनों पर हमला किया गया था।

2) बम्बई रोजगार परिषद (8 अगस्त 1942): बम्बई में जवाहरलाल नेहरू ने बम्बई रोजगार परिषद की बैठक में भाषण दिया, जिसमें उन्होंने आंदोलन की महत्वपूर्णता और उसके लक्ष्यों को स्पष्ट किया।

3) बहादुरशाह जफर समारोह (9 अगस्त 1942): आंदोलन के पहले दिन, दिल्ली के शाही मैदान में बहादुरशाह जफर समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें भारतीयों ने स्वतंत्रता के लिए अपनी प्रतिज्ञा दी।

4) मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया।

5) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने आंदोलन का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया था ल

6) अंग्रेजों को ऑल इंडिया मुस्लिम लीग, रियासतों, भारतीय शाही पुलिस, ब्रिटिश भारतीय सेना और भारतीय सिविल सेवा सहित वाइसराय काउंसिल(जिसमें अधिकांश भारतीय थे) का समर्थन प्राप्त था।

7) महात्मा गाँधी, वल्लभ भाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू समेत अन्य नेताओं को ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया

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