Raksha Bandhan 2023: रक्षा बंधन पर अपने भाई के लिए बनाइये ये स्वादिष्ट मिठाइयां, आपके गुण गाते नहीं थकेंगे सब
Raksha Bandhan 2023: क्यों न इस साल आप अपने हांथों से अपने भाई की मनपसंद मिठाई बनाएं? ऐसे में हम आपके लिए कुछ स्पेशल मिठाइयों की लिस्ट लेकर आये हैं। इन्हे आप कैसे बना सकते हैं।
Raksha Bandhan 2023: रक्षा बंधन भाई-बहन दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। भाई-बहन के प्यार और रिश्ते के लिए ये खूब सारी खुशियां साथ लेकर आता है। राखी एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, इसलिए रिश्ते की मिठास और त्योहार को बेहतरीन बनती है मिठाइयां और अगर वोआपके हांथों की हों तो ये और भी अच्छा है। जहाँ बाज़ार में मिलने वाली मिठाइयां न तो उतनी शुद्धता से बनाई जाती हैं और न ही उसमे आपका प्यार शामिल होता है तो क्यों न इस साल आप अपने हांथों से अपने भाई की मनपसंद मिठाई बनाएं? ऐसे में हम आपके लिए कुछ स्पेशल मिठाइयों की लिस्ट लेकर आये हैं। इन्हे आप कैसे बना सकते हैं।
रक्षा बंधन पर बनाये अपने हांथों से अपने भाई के लिए मिठाइयां
रक्षा बंधन एक शुभ दिन है जब बहनें अपने भाइयों के हाथों को पवित्र राखी से बांधती हैं। ये पारंपरिक भारतीय त्योहार भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का सम्मान करता है। ये अनुष्ठान भाई और बहन के खट्टे-मीठे रिश्ते का जश्न मनाने के बारे में है। जब इन त्योहारों की बात आती है तो हम रक्षा बंधन की मिठाइयों को कैसे भूल सकते हैं? ऐसे में रिश्ते में मिठास बनाए रखने के लिए राखी के दिन बहनें अपने भाई को स्वादिष्ट मिठाइयों के साथ उनका मुँह मीठा करतीं हैं। आइये कुछ लाजवाब मिठाइयों को बनाने की विधि आपके साथ शेयर करते हैं।
1.काजूकतली
काजू पाउडर और चीनी काजू कतली को एक पारंपरिक भारतीय मिठाई बनाते हैं। काजू कतली में चीनी की मात्रा कम होती है। काजूकतली का आकार हीरे जैसा है और ये चांदी के वर्क से ढकी रहती है। इसको बनाने के लिए आपको बारीक पिसे हुए काजू, चीनी, पानी और दूध पाउडर की ज़रूरत होगी। इन सभी सामग्री को अच्छे से मिलकर एक थाली में बटर पेपर लगाकर जमा दें फिर 1-2 घंटे इसे फ्रिज में सेटल दें फिर चांदी के वर्क की चादर इसपर बिछा दें और डायमंड शेप में इसे काट लें। ये काजूकतली बर्फी अविश्वसनीय रूप से स्वादिष्ट होती हैं। यह एक ऐसी मिठाई है जिसका आनंद हर कोई उठाता है।
2.रसगुल्ला
हर भारतीय को ये रसगुल्ला बेहद पसंद होता हैं और ये हर ख़ुशी के मौके का हिस्सा होता हैं। रोसोगुल्ला एक बंगाली मिठाई है जिसे रसगुल्ला कहा जाता है। ये चीनी के पानी में डूबी पैनर बॉल है। रसगुल्ला शब्द सुनते ही मुंह में पानी भर आता है। सके लिए आपको चाहिए होगा दूध, नीबू का रस,चीनी, हरी इलायची की फली और पानी। दूध को मध्यम आंच पर उबलने रख दीजिए. 2 बड़े चम्मच पानी में नींबू का रस मिलाएं। जब दूध में उबाल आ जाए तो इसमें धीरे-धीरे पानी-नींबू के रस का मिश्रण डालें और स्पैचुला की मदद से लगातार चलाते रहें। ठोस दूध वाला हिस्सा और तरल मट्ठा वाला हिस्सा एक या दो मिनट में अलग होना शुरू हो जाएगा। जब यह पूरी तरह अलग हो जाए तो आंच बंद कर दें। एक बड़ी छलनी या कोलंडर पर पनीर का कपड़ा (सादा मलमल का कपड़ा) फैलाएं और उस पर डालें और मट्ठा को सूखा दें। खट्टेपन (नींबू का स्वाद) को दूर करने के लिए इसे बहते पानी में धोएं या ऊपर से 2-3 गिलास सादा पानी डालें। पानी निथार लें और छेना को मलमल के कपड़े में बांध लें। अतिरिक्त पानी निकालने के लिए इसे धीरे से निचोड़ें और सही मात्रा में नमी प्राप्त करने के लिए इसे 30 मिनट के लिए लटका दें। इसे 30 से 45 मिनट से ज्यादा न लटकाएं। मलमल का कपड़ा खोलकर छेना को एक प्लेट में निकाल लीजिए।
इसे हाथ से मसल लें। ये भुरभुरा और थोड़ा नम होना चाहिए। अगर ये बहुत सूखा है, तो रसगुल्ला सख्त हो जाएंगे और यदि ये बहुत नरम है, तो वो पकाते समय टूट जाएंगे और पकाने के बाद अपना आकार बरकरार नहीं रखेंगे। इसे हाथ से तब तक गूंधें जब तक ये सब आटे की तरह एक साथ न आ जाए और इसमें से कुछ चर्बी निकलना शुरू न हो जाए। आपकी हथेली थोड़ी चिपचिपी हो जाएगी, ये एक संकेत है कि इसने वसा छोड़ना शुरू कर दिया है। इसके बाद गूंधना बंद कर दें। गूंथे हुए पनीर के आटे से 13-15 छोटी-छोटी लोइयां बना लीजिए। अगले चरण में चीनी की चाशनी में उबालने के बाद गेंदों का आकार लगभग दोगुना हो जाएगा, इसलिए बहुत बड़ी गेंदें न बनाएं।
अब एक बड़े चौड़े बर्तन (ढक्कन वाले) जैसे प्रेशर कुकर या सॉस पैन में मध्यम आंच पर 1½ कप चीनी को 4 कप पानी और इलायची की फली के साथ गर्म करें और चीनी की चाशनी बनाएं। जब उबाल आने लगे तो तैयार बॉल्स को इसमें धीरे से डालें। इसे ढक्कन से ढक दें और मध्यम आंच पर पकने दें। अगर आप प्रेशर कुकर का उपयोग कर रहे हैं, तो कुकर का ढक्कन लगा दें, सीटी का प्रयोग न करें। लगभग 5 मिनट के बाद, ढक्कन हटा दें और इसे स्पैचुला से धीरे-धीरे हिलाएं। इसे फिर से ढक्कन से ढक दें और मध्यम आंच पर 7-8 मिनट तक उबलने दें, बीच में एक बार इसे हल्के हाथों से हिलाए। ढक्कन हटा दें और आंच बंद कर दें। आप देखेंगे कि गेंदों का आकार लगभग दोगुना हो गया है।
आंच बंद करने के बाद ये थोड़े सिकुड़ जाएंगे लेकिन ये सामान्य है। (यदि यह बहुत अधिक सिकुड़ जाता है तो ये संकेत है कि कुछ गलत हो गया है।) इन्हें एक बड़े कटोरे में डालें और 5-6 घंटे के लिए ठंडा होने दें। रसगुल्ला अब परोसने के लिए तैयार हैं। रक्षा बंधन पर अपने भाई को जब आप ये स्वादिष्ट रसगुल्ला खिलाएंगी तो वो भी इसे खाकर बेहद खुश हो जायेंगे।