Smriti Irani: टीवी दुनिया की खूबसूरत अदाकारा से लेकर सियासत में 'जायंट किलर' तक का सफर, जानिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ये पर्सनल बातें
Smriti Irani: सियासत में एक बेहतरीन वक्ता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली स्मृति ईरानी का यहां तक का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। तो आइए एक नजर उनकी यहां तक की यात्रा पर डालते हैं।
Smriti Irani: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी उन गिने चुने कलाकारों में शामिल हैं, जो टेलीविजन की दुनिया के साथ–साथ सियासत में भी उतनी ही मशहूर हुईं। एक प्रसिद्ध टीवी सीरियल में ‘तुलसी’ का किरदार अदा कर घर-घर पहचाने जाने वाली स्मृति राजनीति में जायंट किलर के नाम से तब मशहूर हुईं, जब उन्होंने गांधी खानदान के चिराग और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव में हरा दिया। स्मृति ईरानी मोदी सरकार की सबसे चर्चित महिला मंत्रियों में शुमार हैं।
चाहे उनसे जुड़े विवाद हो या उनका कोई बयान मीडिया में खूब अटेंशन पाता है। स्मृति ईरानी ने संसद में हाल ही में जिस तरह से राहुल गांधी को अपने भाषण के जरिए घेरा था, वो काफी वायरल हुआ था। पिछले दिनों स्मृति ईरानी की सौतेली बेटी शानेल की शादी राजस्थान में हुई थी, जिसके फोटो एवं वीडियो काफी वायरल हुए थे। सियासत में एक बेहतरीन वक्ता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली स्मृति ईरानी का यहां तक का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। तो आइए एक नजर उनकी यहां तक की यात्रा पर डालते हैं।
गरीबी के कारण बीच में छोड़नी पड़ी पढ़ाई
स्मृति ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 को दिल्ली में हुआ था। पंजाबी मूल के उनके पिता का नाम अजय कुमार मल्होत्रा और बंगाली मूल की उनकी माता का नाम शिबानी बाहची है। उनके पिता एक छोटी कुरियर की कंपनी चलाते थे। घर की आर्थिक सेहत अच्छी नहीं थी। इसलिए तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी स्मृति को 10वीं के बाद ही कामकाज में लग जाना पड़ा। किसी तरह 12वीं करने के बाद उन्होंने कॉरसपोंडेंस से बीकॉम की पढ़ाई शुरू की, लेकिन पैसों की तंगी की वजह से उन्हें पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी।
होटल में वेट्रेस बनकर किया काम
आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार की मदद के लिए उन्होंने दिल्ली में ब्यूटी प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग की। होटल में वेट्रस बनकर भी काम किया। उन्हें इसके लिए 200 रूपये मिलते थे। उसी दौरान एक शख्स ने उन्हें मुंबई जाकर फैशन इंडस्ट्री में भाग्य आजमाने की सलाह दी। स्मृति ने उसपर अमल करते हुए साल 1998 में मुंबई पहुंच गईं।
मिस इंडिया के लिए हुईं सेलेक्ट लेकिन....
मुंबई पहुंचकर स्मृति ईरानी ने मिस इंडिया के लिए ऑडिशन दिया और सेलेक्ट भी हो गईं। मगर पिता ने कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने से मना कर दिया। मां के समर्थन की बदौलत उन्होंने इसमें हिस्सा लिया और फाइनल तक का सफर किया, लेकिन विजेता नहीं बन सकीं। अब स्मृति को मां से लिए पैसे चुकाने थे, लिहाजा उन्होंने काम खोजना शुरू कर दिया। इस दौरान उन्हें कई मॉडलिंग के ऑडिशन भी दिए, लेकिन सब में निराशा ही हाथ लगी। जेट एयरवेज में फ्लाइट अटैंडेंट के लिए अप्लाई किया, वहां भी रिजेक्शन मिला। इसके बाद उन्हें मैकडॉन्लड्स में काम मिला।
टेलीविजन की दुनिया में रखा कदम
साल 2000 स्मृति ईरानी के जीवन का अहम समय साबित हुआ। उन्होंने उस साल टेलीविजन सीरियल 'हम है कल आज कल और कल' से टीवी इंडस्ट्री में कदम रखा। लेकिन उन्हें असली पहचान मिली एकता कपूर के शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से। स्मृति ने एक बार बताया था कि फिट न होने की वजह से उन्हें एकता की टीम ने रिजेक्ट कर दिया था।
तब एकता कपूर ने उन्हें सपोर्ट करते हुए सीरियल में लीड रोल ‘तुलसी विरानी’ का किरदार दिया था। जिसने उन्हें हिंदुस्तान के घर-घर में पहुंचा दिया। इस शो के लिए स्मृति ईरानी पर पुरस्करों की बारिश हो गई थी। उन्होंने पांच इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवॉर्ड्स, चार इंडियन टेली अवॉर्ड्स और 8 स्टार परिवार अवॉर्ड्स अपने नाम किए थे।
पारसी बिजनेसमैन से रचाई शादी
स्मृति मल्होत्रा ने साल 2001 में शादीशुदा रह चुके पारसी बिजनेसमैन जुबिन ईरानी से शादी की। यहीं से उनके नाम में ईरानी शब्द जुड़ गया और वो स्मृति ईरानी के नाम से जानी जानी लगीं। अक्टूबर 2001 में स्मृति ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम जोहर है। दो साल बाद यानी सितंबर 2003 में वे बेटी जोइश की मां बनी। उनकी एक सौतेली बेटी शानेल भी है, जिसकी शादी हाल ही में हुई है। शानेल जुबिन ईरानी की पहली पत्नी मोना की बेटी हैं।
स्मृति ईरानी का सियासी सफर
बताया जाता है कि स्मृति ईरानी का परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से काफी पहले से जुड़ा रहा है। उनके दादाजी संघ के स्वयंसेवक थे और उनकी मां जनसंघ में थीं। परिवार के अन्य सदस्यों के नक्शेकदम पर चलते हुए स्मृति ईरानी ने भी राजनीति की ओर रूख किया और 2003 में बीजेपी में शामिल हो गईं। 2004 में उन्हें महाराष्ट्र यूथ विंग का उपाध्यक्ष बनाया गया। 2004 के आम चुनाव में दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से उन्हें बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खिलाफ उतारा, लेकिन वो जीत नहीं सकीं। इसके बाद वो बीजेपी के संगठन में सक्रिय रहीं। साल 2011 में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजा।
2014 में बीजेपी ने उन्हें गांधी परिवार के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़वाया। इस चुनाव में उन्होंने अच्छी खासी टक्कर राहुल गांधी को दी थी, लेकिन जीत नहीं पाई थीं। फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल किया और मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया। तब वो मोदी सरकार की सबसे युवा महिला मंत्री थीं। 2019 में एकबार फिर वह राहुल गांधी के सामने थी, लेकिन इसबार उन्हें गांधी परिवार के किले को ध्वस्त कर दिया। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बड़े अंतर से चुनाव हराकर लोकसभा पहुंची। एकबार फिर उन्हें पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट में शामिल किया और आज भी वो मंत्री पद पर कायम हैं।
स्मृति ईरानी से जुड़े विवाद
स्मृति ईरानी जितनी अपनी लोकप्रियता को लेकर सुर्खियों में रहीं, उसी तरह उनसे जुड़े विवाद भी सुर्खियों में रहे। पहले कार्यकाल में उनकी डिग्री को लेकर जबरदस्त बवाल हुआ था। कांग्रेस ने ईरानी पर चुनाव आयोग में गलत हलफनामा देने का आरोप लगाया था। इसके बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमूला की खुदकुशी मामले में को लेकर भी वो विवादों में आई थीं। पिछले साल गोवा में उनकी बेटी जोइश ईरानी के रेस्टोरेंट को लेकर भी कांग्रेस ने काफी हंगामा मचाया था।