लखनऊ : डॉक्टर्स की मानें तो वर्कप्लेस स्ट्रेस इक्कीसवीं सदी की एक बड़ी सेहत समस्या बनकर उभर रहा है। खासकर एग्जीक्यूटिव श्रेणी के लोग जो लंबे समय तक एक स्थान पर कम्प्यूटर पर ही काम करते रहते हैं और मैट्रो शहरों में काम के लिए काफी समय ट्रेवल करते हैं। हैल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि जो लोग 12 घंटे तक ऑफिस में काम करते हैं और एक दो घंटा जाने-आने में ही व्यतीत करते हैं। ऐसे लोगों को अपने शरीर के लिए समय ही नहीं होता है। वे घर पहुंचते हैं तो इतने थक जाते हैं खाना खाकर सो जाते हैं।
वर्कप्लेस स्ट्रेस के लक्षण
वर्कप्लेस स्ट्रेस को समय रहते पहचान लेना जरूरी है। इसके प्रमुख लक्षण हैं भूख कम लगना, अचानक से वजन घटना या बढऩा, शरीर में थकान महसूस होना, अक्सर बीमार पड़ जाना एवं चिड़चिड़ा स्वभाव हो जाना। इसके साथ ही किसी के साथ बात न करना या काम में मन न लगना आदि।
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स्ट्रेस से होने वाले नुकसान
ऑफिस यानी वर्कप्लेस में होने वाले तनाव की वजह से लोग बेचैनी, सिरदर्द, एंग्जायटी, आंखों पर दबाव, पीठ दर्द, अनिद्रा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हार्ट डिजीज के शिकार हो जाते हैं। इससे कार्यक्षमता कम हो जाती है और उनका घरेलू संबंध, अन्य रिश्ते एवं सहकर्मियों के साथ रिश्ते भी बिगडऩे लगते हैं।
ऐसे करें खुद का बचाव
वर्कप्लेस स्ट्रेस से बचने के लिए कुछ बातों पर अमल करना जरूरी है । इन बातों को ध्यान देकर आप ने केवल खुद स्वस्थ रह सकते हैं बल्कि अपने परिवार को भी स्वस्थ रख सकते हैं। इसके लिए आपको पर्सनल और प्रोफेशनल जीवन को अलग-अलग जीने की कोशिश करें। ऑफिस का काम घर न लाएं और घर का काम ऑफिस न ले जाएं। काम का भार अपनी कार्यक्षमता के मुताबिक ही लें। टाइम मैनेजमेंट आजमाएं। समुचित मात्रा में पानी पीएं और पौष्टिक भोजन करें। काम के बीच में ब्रेक लें और खुद को रिफे्रश करें। रिलैक्सेशन करना सीखें और मेडिटेशन का सहारा लें। नियमित कम से कम 30 मिनट का हल्का व्यायाम या कोई खेल जरूर खेलें। इससे तनाव कम होता है और सेहत भी ठीक रहती है।