प्रेमानंद से जानें कैसी होनी चाहिए दिनचर्या, ये बातें बदल सकती हैं बच्चे की जिंदगी
Premanand Ji Maharaj Ka Pravachan: अपने एक सत्संग के दौरान प्रेमानंद जी महाराज ने बच्चों की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए, इस बारे में विस्तार से बताया। आइए जानते हैं इस बारे में।;
Premanand Ji Maharaj (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Premanand Maharaj Ji Ke Pravachan: प्रेमानंद जी महाराज, जो राधा रानी के परभक्त और वृंदावन के प्रसिद्ध संत हैं, आज के समय में इंटरनेट पर हर कहीं चर्चा में बने रहते हैं। उनके सुर्खियों में बने रहने की वजह होती है उनका सत्संग और प्रवचन। सोशल मीडिया पर आए दिन उनके प्रवचनों के वीडियोज (Premanand Ji Maharaj Video) वायरल होते रहते हैं।
प्रेमानंद जी महाराज एक ऐसे संत हैं, जो अपने प्रवचन के माध्यम से लोगों का सही मार्गदर्शन करते हैं और उन्हें जीवन जीने का सही तरीका बताते हैं। इसी वजह से बच्चे से लेकर बूढ़े तक उनके आश्रम में जाकर अपने मन में चल रहे सवालों का जवाब जानना चाहते हैं।
अपने एक सत्संग के दौरान प्रेमानंद जी महाराज ने बच्चों की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए (Bachon Ki Dincharya Kaisi Honi Chahiye) इस पर विस्तृत जानकारी दी थी। तो चलिए जानते हैं कि आखिर बच्चों की दिनचर्या यानी कि डेली रूटीन कैसा होना चाहिए।
कैसा होना चाहिए विद्यार्थियों का डेली रूटीन (Students Daily Routine By Premanand Ji Maharaj)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
1- सुबह जल्दी उठें: प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि बच्चों को ब्रह्ममुहूर्त में उठना चाहिए और उठने के बाद सबसे पहले भगवान का नाम लेना चाहिए और धरती को नमन करना चाहिए। इसके बाद माता-पिता और बड़ों का आशीर्वाद लें, बासी मुंह जल पिएं और फिर थोड़ी देर के लिए टहलें। इसके बाद शौच और स्नान करना चाहिए। फिर कम से कम 10 मिनट व्यायाम और प्राणायाम करें।
2- पढ़ाई: प्रेमानंद जी ने बच्चों से यह भी कहा कि ये सब करने के बाद विद्यार्थियों को जो स्कूल में पढ़ाया गया है, उसका रिविजन करना चाहिए, इससे आपकी मेमोरी में सारी चीजें बैठ जाएंगी।
3- आहार का रखें ध्यान: प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि बच्चों को चाउमीन, पिज्जा, बर्गर, सैंडविच वगैरह नहीं खिलाना चाहिए। क्योंकि ये जो चीजें हैं, उनकी आंतों को कमजोर बनाती हैं और बुद्धि को खराब बना देंगी। ये सभी चीजें स्वाद में तो अच्छी लगती हैं, लेकिन स्वास्थ्य और बुद्धि पवित्रता के लिए बिल्कुल हानिकारक हैं।
4- रात्रि में करें प्रार्थना: रात में सोते समय भगवान से प्रार्थना करे कि हे प्रभु आज हमसे जो भी गलती हुई हो, हम आपसे प्रार्थना करते हैं कि आप उसे मुझे समझाओ। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को 10 बजे तक सो जाना चाहिए।