सेहत: हाथ धुलने की अच्छी आदत बच्चों के ‘इम्यून सिस्टम’ को करेगा मजबूत

हमें अपने बच्चों को यह बताना बहुत आवश्यक है कि वह कैसे अपने हाथों की सफाई या धुलाई कैसे कर सकते है । और किस प्रकार अपने हाथों को साफ़ रख कर अपने मानसिक और शारीरिक विकास को एक सही गति और दिशा दे सकते हैं । ताकि आगे चलकर एक स्वस्थ नागरिक बनकर देश के विकास और निर्माण में सहायक बन सकते हैं

Update: 2019-03-18 15:07 GMT

अक्सर देखा जाता है कि हमारे बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है । जिसके कारण बच्चों में संक्रमण होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, सबसे पहले कारणों में तो हमारा प्रदूषित वातावरण आता है। जिसमें कई प्रकार के हानिकारक गैसें शामिल हैं । जिसके कारण श्वसन सम्बंधित बीमारी, आँखों में जलन, होने का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन स्वछता एक ऐसी प्रक्रिया हैं, जिसको अपना कर हम अपना और अपने बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी हद तक मजबूत बना सकते है, इस प्रक्रिया में सबसे पहले आता है, हमारे हाथों की सफाई, यह ध्यान रखने कि बात है । कि हम अपने और अपने बच्चों के हाथों को किस प्रकार साफ़ रखते है या साफ़ रखने कि आदत है कि नहीं, खास कर खाना खाने से पहले और शौच के बाद।

हमें अपने बच्चों को यह बताना बहुत आवश्यक है कि वह कैसे अपने हाथों की सफाई या धुलाई कैसे कर सकते है । और किस प्रकार अपने हाथों को साफ़ रख कर अपने मानसिक और शारीरिक विकास को एक सही गति और दिशा दे सकते हैं । ताकि आगे चलकर एक स्वस्थ नागरिक बनकर देश के विकास और निर्माण में सहायक बन सकते हैं

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‘हाथ धोकर पीछे पड़ना, एक ऐसी कहावत है, जिसका प्रयोग पहले इसलिए किया जाता था कि ‘कोई व्यक्ति किसी काम के पीछे तब तक पड़ा रहता था, जब-तक की वह काम पूरा नही हो जाता था’, ठीक उसी प्रकार अगर हमें अपने बच्चों के ‘इम्यून सिस्टम’ को मजबूत बनाना है, तो इस कहावत को अपने बच्चों कि दिनचर्या में शामिल करना बहुत आवश्यक है, क्योंकि यदि हमारे बच्चे बीमार पड़ते हैं तो उनकी पढाई-लिखाई में रुकावटें आ जाती हैं और इसका सीधा असर उनके रिपोर्ट कार्ड पर पड़ता है जिसके कारण उनका मनोबल भी गिरता है और लक्ष्य काफी पीछे छूट जाता है ।

इस लिए इस समस्या से बचने के लिए हमें अपने बच्चों को हाथ धुलने कि आदत से होने वाले फायदे और हाथ धुलने के तरीकों के बारे में बताना होगा । हमें अपने बच्चों को खेल-खेल में ही यह बताना होगा, कि कैसे कुछ ही सेकेण्ड में हम अपने हाथों को हैण्डवाश या लिक्विड सोप से धुल सकते हैं, हम आपको बता दें कि हैण्डवाश या लिक्विड सोप से 99 परसेंट कीटाणुओं मर जाते हैं। जिससे हमारा हाथ स्वच्छ हो जाता है। अच्छी तरह से हाथ धुलने कि आदत हमें अपने बच्चों में बचपन से ही डालनी चाहिए।

बच्चे तो गन्दगी में खेलेंगे ही

हमें यह मानकर चलना चाहिए कि बच्चे हमेशा हमारी नजरों के सामने नहीं रह सकते, कभी वे दोस्तों के साथ बाहर गंदगी में खेलेंगे भी और कभी स्कूल के बाहर मिलने वाली चीजों को खाएंगे भी। बाहर का दूषित भोजन और धूल-मिट्टी में दिनभर रहने की वजह से उनके कीटाणुओं के संपर्क में जाने की संभावनाएं बनती हैं। आज के दौर में जब माता-पिता दोनों ही वर्किंग हैं तो वे अपने बच्चों की खुद निगरानी नहीं कर पाते हैं।

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इसलिए बच्चों में ‘इम्यून सिस्टम’ का मजबूत होना अत्यंत आवश्यक है, इन्हें ही देश का भविष्य कहा जाता है और जब ये भविष्य ही बीमारियों और समस्याओं की चपेट में रहेगा तो आप खुद ही सोच सकते हैं कि स्थिति कैसी होगी। इसलिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है जैसे-

-बच्चों के खेलकर आने के बाद हैण्ड सैनिटाइजर से उनके हाथों को साफ़ करना चाहिए ।

-छींकते समय नाक पर रूमाल रखने कि आदत डलवानी चाहिए ।

-बाथरूम के बाद हाथ को अच्छी तरह से धुलने का तरीका बताना चाहिए ।

-टूथब्रश ढंककर रखना और सही समय पर उसको बदलना बहुत जरूरी है ।

- खाना खाने से पहले और बाद में हाथों की सफाई ।

-नाखूनों को हमेशा काटकर रखना ।

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