Mustard Oil Health Benefits: सरसों के तेल में छुपा है सेहत का खज़ाना , कैंसर की भी करता है रोकथाम
Mustard Oil Health Benefits: आपकी सेहत के लिए सरसों कई प्रकार से फायदेमंद साबित हो सकती है।
Mustard Oil Health Benefits: भारतीय रसोई में आमतौर पर प्रतिदिन सरसों के दाने से तड़का जरूर लगाया जाता है। लेकिन क्या आप सरसों से होने वाले सेहत के विभिन्न फायदों (mustard oil health benefits) को जानते है? बता दें कि सरसों क्रूसिफेरा या ब्रैसिकेसी (Cruciferae or Brassicaceae) परिवार का एक पौधा होता है, जो आकार में लगभग 1 से लेकर 3 फुट तक लंबा हो सकता है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कैंपेस्ट्रिस (Brassica campestris) है।
गौरतलब है कि इसकी पत्तियों का उपयोग साग बनाने के लिए, जबकि फूल और बीजों का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, सरसों के बीज का उपयोग मसाले के रूप में भी किया जाता रहा है। उल्लेखनीय है कि सरसों के मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती हैं। जिसमें काली सरसों, पीली सरसों और भूरी सरसों शामिल होती हैं ।
इसके अलावा, सरसों से ही मिलती-जुलती राई भी होती है। उल्लेखनीय है कि राई के दाने सरसों के दाने से आकार में थोड़े छोटे होने के साथ ही दोनों का स्वाद भी अलग होता है। बता दें कि जहां, सरसों के दाने का तेल निकाला जाता है, वहीं राई के दाने आचार बनाते समय डाले जाते हैं। लेकिन गुणों के मामले में दोनों में ही लगभग एक समान गुण और पोषक तत्व पाए जाते हैं। अंग्रेजी में दोनों को ही मस्टर्ड (mustard) कहा जाता है।
सरसों में छुपे हैं औषधिये गुण :
आपकी सेहत के लिए सरसों कई प्रकार से फायदेमंद (mustard oil health benefits) साबित हो सकती है।बता दें कि सरसों में मौजूद कैरोटीनॉयड, फेनोलिक कंपाउंड्स और ग्लूकोसिनोलेट्स जैसे कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स तत्व मौजूद होते हैं। गौरतलब है कि इन फाइटोकेमिकल्स कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियों से बचाव करने में मददगार होते हैं। इतना ही नहीं सरसों में पाया जाने वाले औषधीय गुण आपके सेहत के लिए विशेष फायदेमंद हो सकते हैं।
सरसों के फायदे( Benefits of Mustard )
- कैंसर की रोकथाम :
सरसों में मौजूद पोषक तत्व शरीर में कैंसर को पनपने से रोकने में सहायक होते हैं। इतना ही नहीं सरसों के तेल में मौजूद मौजूद ओमेगा-3 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड कोलन कैंसर के खतरे को रोकने में प्रभावी रूप से असरदार रूप से सहायक होते हैं।
- अस्थमा में राहत :
सरसों में मौजूद औषधीय गुण अस्थमा में प्रभावी रूप से लाभकारी हो सकते हैं।बता दें कि सरसों के बीज में मौजूद साइनपाइन (sinapine) नामक कार्बनिक यौगिक आपके मांसपेशियों की सक्रियता और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाकर अस्थमा की स्थिति के विपरीत क्रिया उत्पन्न कर अस्थमा को रोकने में सहायक साबित होता है।
- माइग्रेन करें दूर:
माइग्रेन की समस्या को दूर करने के लिए सरसों का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। सरसों के बीज में मौजूद राइबोफ्लेविनन (Riboflavin) नामक विटामिन माइग्रेन के खतरे को कम करने में मददगार होता है।
- रक्तचाप को करता है नियंत्रित :
सरसों का उपयोग रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए भी किया जा सकता है। बता दें कि सरसों के बीज में मौजूद मेथनॉल अर्क में एंटीहाइपरटेंशन प्रभाव प्राप्त होता है। इसलिए, क्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए सीमित मात्रा में सरसों के बीज या फिर राई के बीज का सेवन किया जा सकता है।
- वजन कम करने में सहायक :
वजन घटाने के लिए सरसों के बीज का उपयोग फायदेमंद साबित होता है। शोध के अनुसार सरसों के बीज से निकाला गया तेल वजन घटाने में मददगार होता है। दरअसल, सरसों के तेल में मौजूद डायसेलिग्लिसरॉल (Diacylglycerol) की प्रचुर मात्रा आपके बढ़े हुए वजन को घटाने में सहायक होने के साथ सरसों के बीज या राई पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के साथ मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाने में मदद करता है।
- कोलेस्ट्रॉल को करें नियंत्रित
सरसों के बीज में डायसेलिग्लिसरॉल (diacylglycerol) की प्रचुर मात्रा कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। इतना ही नहीं सरसों के सेवन से हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि होने के साथ लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) यानी खराब कोलेस्ट्रॉल में भी कमी आती है।
- मधुमेह से करता है बचाव :
मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए सरसों बहुत फायदेमंद होती है। बगा सदन कि काले सरसों के बीज में मौजूद हाइपोग्लाइसेमिक और एंटीडायबिटिक गुण आपके रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मददगार होते हैं।
- रुमेटाइड अर्थराइटिस में लाभदायक
सरसों का तेल रुमेटाइड अर्थराइटिस से भी उभरने में सहायक होता है। बता दें कि रुमेटाइड अर्थराइटिस में पैरों की गांठ में सूजन की समस्या के साथ-साथ दर्द भी हो सकता है। बता दें कि सरसों के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड रुमेटाइड अर्थराइटिस में आराम पहुंचाने में सहायक होने के साथ अर्थराइटिस के कारण होने वाले दर्द और जोड़ों में सूजन को कुछ हद तक कम करने में भी मददगार होता है।
- रतौंधी की समस्या को करें दूर
विटामिन ए की कमी से होने वाले रतौधीं की समस्या को भी सरसों के उपयोग से दूर किया जा सकता है। बता दें कई पीली सरसों में मौजूद विटामिन-ए की प्रचुर मात्रा रतौंधी की समस्या को कुछ हद तक कम करने में सहायक होती है।
- रजोनिवृत्ति
सरसों में मौजूद कॉपर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और सेलेनियम की प्रचुर मात्रा रजोनिवृत्ति के कुछ लक्षणों या रजोनिवृत्ति में महिलाओं को होने वाली कुछ समस्याओं जैसे – उच्च रक्तचाप और ओस्टियोपोरोसिस से छुटकारा दिलाती हैं।
- पीठ दर्द और मांसपेशियों के दर्द में सहायक
सरसों या फिर राई के उपयोग से पीठ दर्द और मांशपेशियों के दर्द में राहत पहुँचता है। बता दें कि सरसों का उपयोग मलहम और दर्द निवारक के रूप में भी गठिया की समस्या के साथ ही पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द के इलाज के लिए किया जाता है । इसके अलावा, ठंड के दिनों में सरसों तेल को गुनगुना करके शरीर पर इसकी मालिश करने से लाभ हो सकता है।