Mango Variety In India: ये 'आम' ऐसा है जो सबसे खास, कई वैरायटी से फेमस है फलों का राजा
Mango Variety In India: दुनियाभर में आम की 1500 से ज्यादा किस्में हैं और ये जानकर आपको हैरानी नहीं होनी चाहिए कि इनमें से सिर्फ भारत में 1000 किस्में उगाई जाती हैं।
Mango Variety In India: गर्मियों के मौसम में प्रकृति ने हमें बहुत सारी किस्मों के फलों से नवाजा है। इनमे से कई सारे फल गर्मियों के मौसम में हमारे शरीर में पानी की कमी को दूर करते हैं। फलों में आम ऐसा फल है जो हर किसी शख्स को पसंद होता है और इसीलिए आम को फलों का राजा कहा जाता है। बता दें कि दुनियाभर में आम की 1500 से ज्यादा किस्में हैं और ये जानकर आपको हैरानी नहीं होनी चाहिए कि इनमें से सिर्फ भारत में 1000 किस्में उगाई जाती हैं। इन किस्मों की अपनी अलग ही पहचान महक और स्वाद होते हैं।
आम खाने के बहुत सारे फायदे-
इम्यूनिटी-
आम को विटामिन सी का अच्छा सोर्स माना जाता है।
याददाश्त-
आम में पाया जाने वाला ग्लूटामिन एसिड याददाश्त को तेज करने में मदद कर सकता है।
डायबिटीज-
डायबिटीज में मीठी चीजें खाने की मनाही होती है।
स्किन-
गर्मियों के मौसम में स्किन संबंधी समस्याएं काफी देखी जाती हैं।
आंख-
यहां हम आपको आम के कुछ लोकप्रिय किस्मों की जानकारी दे रहे हैं-
दशहरी-
उत्तर प्रदेश के बाजारों में दशहरी आम का दबदबा रहता है। उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद में दशहरी की खेती खूब होती है। यह अपनी भीनी खुशबू और स्वाद के लिए विदेशों में भी मशहूर है। इसे दक्षिण भारत में दसहरी भी कहा जाता है।
हाफस-
विदेशों में निर्यात किया जाने वाला सबसे महंगा आम है। केसरिया रंग हाफस की पहचान हैं।
तोतापुरी-
यह हरे रंग का होता है और तोते की चोंच जैसा दिखता है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उगाया जाने वाला यह आम अन्य किस्मों जितना मोटा नहीं होता है। हालांकि, यह अचार और सलाद के लिए सबसे अच्छा है।
केसर-
सबसे महंगे आमों में से एक, केसर के गूदे का रंग केसरिया होता है। यह आम अहमदाबाद और गुजरात में उगाया जाता है। जूनागढ़ के नवाब ने सबसे पहले इस आम की खेती 1931 में की थी और 1934 में इसे केसर नाम मिला।
अल्फांसो आम-
महाराष्ट्र में पैदा होने वाला यह आम अब गुजरात और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी उगता है।
लंगड़ा आम-
लंगड़ा आम एक प्रसिद्ध प्रजाति है जो वाराणसी और उत्तर प्रदेश में पाई जाती है। यह आम जुलाई से अगस्त में पकता है। यह आकार में अंडाकार और पकने पर भी हरे रंग का होता है।
रत्नागिरी-
आम की यह प्रसिद्ध प्रजाति रत्नागिरी आम महाराष्ट्र के रत्नागिरी, देवगढ़, रायगढ़ और कोंकण में उगते हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रत्येक आम का वजन 150 से 300 ग्राम के बीच होता है। इन आमों के टॉप पर एक लाल पट्टी होती है।
चौसा-
बिहार और उत्तर भारत में चौसा आम बहुत लोकप्रिय है। इसका स्वाद बहुत मीठा होता है और छिलके का रंग चमकीला पीला होता है। इस आम का पीला-सुनहरा रंग ही इसकी पहचान है।
सिंदूरी आम-
सिंदूरी आम के ऊपरी छिलके में लाल रंग के धब्बे होते हैं जिसके कारण इसे सिंदूरी आम कहा जाता है। यह आम चबाने योग्य और थोड़ा खट्टा होता है। इस आम की खुशबू काफी देर तक मुंह में रहती है। शेक बनाने के लिए यह सबसे अच्छा आम है। आम का गूदा बहुत पीले रंग का होता है। आंध्र प्रदेश जैसे अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में इस आम की खेती की जाती है।
सफेदा आम (बंगनपल्ली)
आम की इस किस्म की उत्पत्ति आंध्र प्रदेश में हुई थी। आकार में अल्फांसो से भी बड़ा यह आम कुन्नूर, आंध्र प्रदेश में उगता है। इस अंडाकार आकार के आम का छिलका बहुत कोमल होता है । सफेदा आम, इसे बंगनपल्ली के नाम से भी जाना जाता है। इस फल का छिलका हल्का हरे रंग के साथ पीला होता है। इस आम में काफी रेशे होते हैं। यह लंबे आकार का होता है।