Tulsi Puja Niyam: तुलसी की पूजा के नियम, गलती से भी कभी ऐसे न तोड़े पत्ती

Tulsi Puja Ke Niyam: सुबह-शाम तुलसी के सामने घी का दीपक जलाने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

Report :  Vidushi Mishra
Update: 2022-11-19 01:11 GMT

तुलसी (फोटो- सोशल मीडिया)

Tulsi Ki Puja Ke Niyam: तुलसी का पौधा धार्मिक महत्ता रखने के साथ औषधियां गुणों की भी खान है। हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा करना बेहद लाभकारी बताया है। विष्णुप्रिया के नाम से तुलसी को जाना जाता है। शास्त्रों में ऐसा बखान है कि तुलसी की पूजा करने से भौतिक सुख मिलते हैं। सुबह-शाम तुलसी के सामने घी का दीपक जलाने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है। लेकिन तुलसी की पूजा के कुछ बहुत ही जरूरी नियम हैं जिनको अनदेखा नहीं करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि तुलसी की पूजा करने में क्या सावधानी बरतनी चाहिए।

तुलसी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बातें

  • धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में बिना नहाए तुलसी दल को नहीं छूना चाहिए और न ही तोड़ना चाहिए। महिलाओं को अशुद्ध अवस्था में भी तुलसी स्पर्श नहीं करनी चाहिए। हमेशा स्नान करने के बाद ही तुलसी को प्रणाम करके पत्ता तोड़ना चाहिए।
  • तुलसी के पौधों को प्रणाम करके तो पत्ती तोड़नी चाहिए, लेकिन पत्ती सुबह के समय या फिर दिन में ही तोड़े। सूर्यास्त होने के बाद तुलसी की पत्ती नहीं तोड़नी चाहिए। न ही शाम के समय तुलसी को छूना या हिलाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु रूष्ट हो जाते हैं।
  • तुलसी की पत्ती को या पौधे को गलती से भी रविवार, एकादशी, चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण के दिन न ही छूना चाहिए और न ही तोड़ना चाहिए। तुलसी पत्ता तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का फल नहीं प्राप्त होता है। साथ ही ध्यान से रविवार-एकादशी के दिन तुलसी पर जल भी न चढ़ाएं। शास्त्रों में ऐसा बताया जाता है कि इस दिन माता तुलसी भगवान विष्णु जी के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
  • सुबह स्नान करने के बाद तुलसी पर जल चढ़ाकर पूजा करने का विधान है। संध्या के समय तुलसी में सिर्फ घी का दीपक प्रज्जवलित करते हैं। ध्यान देते हुए कभी शाम को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। 
  • घर के सभी सदस्यों को नियमबद्ध तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए। लेकिन तुलसी में ज्यादा जल नहीं डालना चाहिए। नहीं तो तुलसी सूख जाती है। 
  • तुलसी का पौधा ध्यान देते हुए कभी भी दक्षिण-पूर्व दिशा में नही रखना चाहिए। क्योंकि इस दिशा को अग्नि की दिशा माना जाता है। 
  • सूखने से और हवा चलने से अगर तुलसी की पत्ती जमीन पर गिर जाएं तो ऐसे धोकर पौधे में ही डाल दें। क्योंकि तुलसी की पत्ती कभी पैरों के नीचे नहीं आनी चाहिए। इससे तुलसी का अपमान होता है। इसलिए ध्यान से तुलसी के पौधे की साफ-सफाई बीच-बीच में करते रहना चाहिए। 
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