Vat Savitri Vrat Puja Samagri: वट सावित्री व्रत की क्या है पूजन विधि और सामग्री, इस दिन ध्यान रखें इन बातों का

Vat Savitri Vrat Poojan Samagri List: वट सावित्री व्रत 6 जून को है अगर आप भी पूजन सामग्री की लिस्ट तैयार कर रहीं हैं तो एक नज़र इस लिस्ट पर भी देख लीजिये साथ ही आपको किन बातों का ख्याल रखना है आइये जान लेते हैं।

Update:2024-06-05 11:20 IST

Vat Savitri Vrat Poojan Samagri List (Image Credit-Social Media)

Vat Savitri Vrat Poojan Samagri List: वट सावित्री व्रत इस साल 6 जून को है ये व्रत सुहागिने अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखतीं हैं। ये ज्येष्ठ अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। आइये जानते हैं क्या है इसकी पूजन विधि और साथ ही इस दिन आपको किन बातों का ख़ास ख्याल रखना चाहिए।

वट सावित्री व्रत की पूजन विधि और सामग्री (Vat Savitri Vrat Poojan Samagri List)

वट सावित्री व्रत 6 जून यानि बृहस्पतिवार को है इस दिन अमावस्या और शनि जयंती भी है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखतीं हैं और इसलिए इस पूजा में पूजन सामग्री का विशेष महत्त्व है। इसके साथ ही इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है यही वजह है कि इस व्रत को बरगदाई व्रत पूजन भी कहा जाता है।

हिन्दू धर्म में कई व्रत ऐसे हैं जिसमे सुहागिनें अपने पति की लम्बी उम्र और अपने सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखतीं हैं। ऐसे ही वट सावित्री व्रत भी सौभाग्य प्राप्ति का एक बड़ा व्रत माना जाता है। ये व्रत ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है ये पूजन सुबह किया जाता है। आइये जानते हैं इसके लिए क्या-क्या सामग्री चाहिए होती है।

वट सावित्री व्रत का पूजन बरगद के पेड़ के नीचे किया जाता है इस दिन अगर आप किसी बरगद या वट वृक्ष के नीचे इस पूजा को न कर पाएं तो आप किसी बड़गर के पेड़ से डाली भी लेकर इसका पूजन कर सकतीं हैं या अगर आप विदेश में है या ऐसी किसी जगह है जहाँ आपको इसकी डाली न मिले तो आप इसकी तस्वीर भी रख सकतीं हैं। इसके अलावा आपको कुछ अन्य चीज़ों की भी ज़रूरत होगी जैसे- बरगद का फल, सावित्री और सत्यवान की मूर्ति या तस्वीर, भिगोया हुआ काला चना, कलावा, सफेद कच्चा सूत, रक्षासूत्र, बांस का पंखा, सवा मीटर का कपड़ा, लाल और पीले फूल, मिठाई, बताशा, फल, धूप, दीपक, अगरबत्ती, मिट्टी का दीया, सिंदूर (पीला या लाल जो आपके यहाँ चलता हो), अक्षत, रोली, सवा मीटर का कपड़ा, पान का पत्ता, सुपारी, नारियल, श्रृंगार सामग्री, जल कलश, पूजा की थाली, वट सावित्री व्रत कथा की किताब, हल्दी वाला ऐपन (चावल के आटे में हल्दी मिलाकर बना लें) कच्चा आम, खरबूजा और शक्कर मिला पानी या शरबत।

वट वृक्ष के नीचे सावित्री सत्यवान और यमराज की प्रतिमा रखें। अगर आप चाहे तो इनकी पूजा बिना प्रतिमा या इनकी मूर्ति रखे भी कर सकतीं हैं। सबसे पहले वट वृक्ष या बरगद की जड़ में जल अर्पित करें इसके बाद फूल, दूब और मिठाई का भोग लगाएं। इसके साथ ही कच्चा आम और खरबूजा भी चढ़ाएं। इसके बाद सत्यवान और सावित्री की कथा कहें। अब कच्चा सूत लेकर बरगद के पेड़ की 12 बार परिक्रमा करें और इसे तने से लपेटती जाएं। इसके बाद भीगे चने, वस्त्र और कुछ मुद्रा अपनी सास को भेंट करें और उनका आशीर्वाद लें। अब भीगे चने 12 शरबत के साथ निगल लें और बरगद का फल या कोपल भी पानी से निगल लें। इसके साथ बरगद पर सिन्दूर लगाएं और गौर पर भी सिन्दूर चढ़ाकर स्वयं भी सिन्दूर ले लें। इसके बाद बड़ों का पैर छुएं और पति के पैर छूकर पूजन समाप्त करें और व्रत खोल लें। इस दिन आप पुआ और पूरी व गुलगुले चढ़कर भी बरगद देव से अपने पति की लम्बी उम्र का आशीर्वाद मांग सकतीं हैं।

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