Motivational Story: जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शब्दिक ज्ञान व व्याहारिक ज्ञान
Motivational Story: आजकल स्कूल कॉलेज गुरुकुल आदि शिक्षा संस्थानों में लोग 'विद्या' तो पढ़ लेते हैं, अर्थात शाब्दिक ज्ञान तो प्राप्त कर लेते हैं, परंतु 'शिक्षा' व्यवहारिक ज्ञान को प्राप्त नहीं करते।"
Motivational Story: व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए 'शाब्दिक ज्ञान' भी चाहिए और 'व्यावहारिक ज्ञान' भी चाहिए।एक मोटी सी परिभाषा में शाब्दिक ज्ञान को 'पाठ्यक्रम' या 'विद्या' के नाम से कहा जाता है। और व्यवहारिक ज्ञान को 'शिक्षा' या 'उत्तम आचरण' के नाम से कहा जाता है।" आजकल स्कूल कॉलेज गुरुकुल आदि शिक्षा संस्थानों में लोग 'विद्या' तो पढ़ लेते हैं, अर्थात शाब्दिक ज्ञान तो प्राप्त कर लेते हैं, परंतु 'शिक्षा' व्यवहारिक ज्ञान को प्राप्त नहीं करते।" वे व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने में अधिक रुचि नहीं रखते।
किस प्रकार से उनको दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए,"इस विषय में कोई विशेष ध्यान नहीं देते। “ थोड़ा बहुत काम चलाऊ बातें सीख लेते हैं, जिससे कि उनका काम ज्यादा न अटके।" "परंतु इस व्यावहारिक ज्ञान को वे पूरा नहीं सीखते, जिसके कारण वे अपने जीवन व्यवहार नौकरी व्यापार आदि में तथा परिवार, मित्रों, रिस्तेदारो आदि के साथ उचित व्यवहार नहीं कर पाते, और लड़ाई झगड़े झूठ छल कपट धोखा बेईमानी, मांग कर दहेज लेना आदि दुर्व्यवहार करने के कारण वे अपने जीवन में असफल हो जाते हैं।"
“शाब्दिक ज्ञान से तो आप धन कमा कर अपनी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं। और व्यावहारिक ज्ञान के कारण आप सबके साथ उत्तम व्यवहार करके अपने तथा दूसरों के जीवन को सुखमय बना सकते हैं।" "इसलिए जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शाब्दिक ज्ञान और व्यावहारिक ज्ञान, दोनों की आवश्यकता है।" इन दोनों को प्राप्त करने का उपाय क्या है? उत्तर -“जो वेदों /शास्त्रों के विद्वान हैं, ऋषियों, मुनियों, आचार्यों की मान्यता के अनुसार जो वेदों /शास्त्रों को पढ़ते पढ़ाते, वेदों/शास्त्रों के ज्ञान को ठीक प्रकार से समझकर, अपने जीवन में भी ढालते हैं, ऐसे योग्य विद्वान गुरुजनों के पास जाकर, उनसे वेदों की विद्या और शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए।"
“ गुरुजी से विद्या पढ़ने से शाब्दिक ज्ञान तो हो जाएगा। परंतु यदि उनकी सेवा भी की जाए, उनके आदेश निर्देश का पालन भी किया जाए, तो उनसे व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त होगा। इसलिए वैदिक विद्वानों, मुनियों आचार्यों के पास जाकर विद्या भी पढ़ें एवम् जीवन में अमल लाएं, तथा उनकी सेवा भी करें। तब आपको दोनों लाभ हो जाएंगे, और आपका जीवन सफल हो जाएगा।”
( लेखिका प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं ।)