Vishva Shakahari Divas: शाकाहार की ओर बढ़ कर हर साल बचाये जा सकते हैं 66 हज़ार करोड़ रुपये

Vishva Shakahari Divas: आज पूरे विश्व में 'विश्व शाकाहारी दिवस' मनाया जा रहा है। चलिए जानते हैं इसके इतिहास, उद्देश्य और महत्वों के बारे में...

Written By :  AKshita Pidiha
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-10-01 08:14 IST

विश्व शाकाहारी दिवस (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)

Vishva Shakahari Divas: हर वर्ष 01 अक्टूबर को विश्व शाकाहारी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस दिवस के लिए एक थीम तैयार की जाती है। परंतु इस वर्ष अभी तक कोई थीम निर्धारित नहीं हुई है। इस दिवस को मानने के पीछे के कारणों को जानने के लिए इतिहास पर एक नज़र डालते हैं।

कोरोना वायरस महामारी के बाद से दुनिया में शाकाहारी भोजन के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ा है। इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए ज्यादातर लोग शाकाहारी भोजन अपना रहे हैं। वहीं, फिटनेस के लिए भी वेजिटेरियन डाइट का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है।

इतिहास

इस दिन को सबसे पहले मानना उत्तरी अमेरिका से शुरू हुआ। 1977 में उत्तरी अमेरिकन वेजिटेरियन सोसाइटी (NAVS) की स्थापना हुई थी । उसी साल पहली बार विश्व शाकाहारी दिवस मनाया गया था।तब यह दिन नॉर्थ अमेरिकन वेजिटेरियन सोसाइटी और अंतराष्ट्रीय शाकाहारी संघ के साथ मनाया गया। यानि यह नोर्थ अमेरिकी शाकाहारी समाज का स्थापना दिवस है।

विश्व शाकाहारी दिवस (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया) 

इस दिन का उद्देश्य

इस खास दिवस का उद्देश्य शाकाहार के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाना और उन भ्रामक अवधारणाओं से मुक्त करना है, जो इसे किसी भी डाइट से कमतर मानती हैं। साथ ही यह सात्विक आहार आपको पर्यावरण एवं पशुओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाता है।

शाकाहारी भोजन का महत्व

शाकाहारी भोजन हृदय रोग और कैंसर के ख़तरे को कम करता है।शाकाहारी लोगो में हृदय संबंधी रोग होने की संभावना 30 फ़ीसद कम होती है।शाकाहारी भोजन हल्का होने की वजह से जल्दी पच जाता है।

  • शाकाहारी भोजन मस्तिष्क को सचेत रखता है।
  • शाकाहारी खाना खाने वाले लोगों को हाई ब्लड प्रेशर का खतरा काफी कम होता है।
  • शाकाहारी खाना खाने से टाइप 2 डायबिटीज और इंसुलिन कम करने में मदद मिल सकती है।

प्लेनेटरी हेल्थ डाइट से बचाया जा सकेगा जीवों को

दुनिया की आबादी फिलहाल लगभग 7.7 अरब है जो कि साल 2050 तक 10 अरब हो सकती है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने एक डाइट प्लान बनाया है जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना इतनी बड़ी आबादी के लिए भोजन की आपूर्ति की जा सके। इसे प्लेनेटरी हेल्थ डाइट कहा गया है। इस डाइट प्लान में बताया गया है कि लोगों को प्रोटीन की आपूर्ति के लिए फलियों और दालों की ओर बढ़ना चाहिए। इस प्लान के तहत आपको अपने रोज़ाना के खानपान में से उन ज़्यादातर चीज़ों को निकालना होगा, जिन्हें आप अक्सर खाते हैं, उन चीज़ों को शामिल करना होगा जिन्हें कम खाते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक़, इस डाइट प्लान से हर साल 1.1 करोड़ लोगों को मरने से बचाया जा सकेगा। दरअसल, इन लोगों को खराब खानपान की वजह से होने वाली बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक्स और कैंसर से बचाया जा सकेगा। दुनिया के विकसित देशों में ये बीमारियों लोगों की असमय मृत्यु की सबसे बड़ी वजहों से एक है।

शाकाहारियों और मांसाहारियों पर कराए गए सर्वे में यह दावा किया है कि भारत में अब 70 प्रतिशत लोग मांसाहार का सेवन करते हैं।यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। वहीं शाकाहारी राज्यों की बात करें तो सबसे टॉप पर राजस्थान आता है।जबकि मांसाहारी राज्यों में तेलंगाना राज्य प्रथम है।

भोजन में मांसाहार की मात्रा कम करने से दुनिया भर में हर साल करीब 66 लाख 73 हज़ार करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं जबकि ग्रीन गैस उत्सर्जन में कमी आने से केवल 34 लाख करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं।

भारत में कई बॉलीवुड हस्तियां जैसे अक्षय कुमार,अनुष्का शर्मा, अभिताभ बच्चन ,शाहिद कपूर ,जॉन अब्राहम ,रितेश देशमुख और जेनीलिया डिसूजा जैसे अनेक सेलेब्रिटीज़ भी शाकाहारी हो गए हैं।हाल ही में 10 सितंबर को रितेश जेनीलिया देशमुख ने प्लांट बेस्ड मीट बनाने का फ़ूड प्रोडक्शन शुरू किया है।जिसका प्रचार शाहरुख खान जैसे कलाकारों ने भी किया है। यानी कि धीरे-धीरे पूरा बॉलीवुड भी शाकाहारी बनने की रेस में हैं।

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