Mother after Forty: 40 के बाद बनना है माँ तो इन चुनौतियों के साथ रहें तैयार, जानें इस उम्र के फायदे और नुकसान

आंकड़ों की मानें तो 40 से 44 साल की उम्र में पहली बार मां बनने वाली महिलाओं की संख्या काफी तेज़ी से बढ़ी है। इनमें से कुछ ऐसी महिलायें भी है जो किसी कारण वश दूसरी बार माँ इस उम्र में बनना चाहती हैं।

Written By :  Preeti Mishra
Update: 2022-06-16 14:44 GMT

Mother after Forty (Photo Credit: Social Media)

Mother after Forty: आजकल की दौड़ती-भागती लाइफस्टाइल में सब कुछ पाने के चक्कर में उम्र कब हाथ से निकल जाती है पता ही नहीं चलता। अब शादियों की उम्र 20 -25 से बढ़कर 30 -35 हो गयी। फिर चाहे वो स्त्री हो या पुरुष दोनों ही अपने करियर को सेट करने में इतना लग जाते हैं कि शादी की उम्र ज्यादा हो जाती है। जाहिर सी बात है अधिक उम्र में शादी करने से लोगों के बच्चे भी अधिक उम्र में ही पैदा होंगे।

आजकल के टाइम में 40 की उम्र में मां बनना महिलाओं के बीच एक आम धारणा सी बनती जा रही है। आंकड़ों की मानें तो 40 से 44 साल की उम्र में पहली बार मां बनने वाली महिलाओं की संख्या काफी तेज़ी से बढ़ी है। इनमें से कुछ ऐसी महिलायें भी है जो किसी कारण वश दूसरी बार माँ इस उम्र में बनना चाहती हैं। हालांकि बहुत सी महिलाओं के मन में इस बात की शंका रहती है क्या इस उम्र में बच्चे को जन्म देना उनकी सेहत के लिए नुक्सान दायक तो नहीं होगा या फिर इस उम्र में उन्हें कहीं और ज्यादा दिक्कत तो नहीं झेलनी पड़ेगी इत्यादि।

तो आइये इन सभी सवालों के जबाव को खोजने की कोशिश करते हैं और जानते हैं कि 40 की उम्र में मां बनने के क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।

40 की उम्र में मां बनने के हैं ये फायदे:

40 की उम्र में मां बनने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि तब तक व्यक्ति का करियर सेट हो चुका होता है और आपके पास अपने बच्चों को अच्छे से पालने के लिए बहुत सा समय होने के साथ पैसों की भी दिक्कत नहीं आती है।

बता दें कि एक शोध के अनुसार 40 की उम्र में बच्चे पैदा होने से आपकी याददाश्त जल्दी कमजोर नहीं होती है। गौरतलब है कि इस उम्र में बच्चे पैदा करने से आपकी उम्र बढ़ने के साथ बेहतर परिणाम भी सामने आते हैं।

लेकिन इन सब के अलावा 40 की उम्र में मां बनने पर स्वास्थ्य सम्बन्धी कुछ नुक्सान भी होते हैं जिन्हें बिलकुल अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इसमें प्रमुख रूप से हाई ब्लड प्रेशर, गैस्ट्रो इंटाल डायबिटीज, बर्थ डिफेक्ट, गर्भपात, जन्म के समय बच्चे का कम वजन, इकोटॉपिक प्रेगनेंसी, उम्र और फर्टिलिटी जैसी गंभीर समस्यायें सामने आती है।

दरअसल महिलाओं में 35 साल की उम्र के बाद प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। गौरतलब है कि करीब एक तिहाई महिलाएं 35 की उम्र में आकर इस समस्या का सामना करती है।

लेकिन अगर आप भी इस प्रकार की समस्याओं का सामना कर रही हैं तो आप इन तरीकों को अपनाकर अपनी परेशानियों को कम कर सकती हैं। जिसमें IVF, फ्रिजिंग एग (Freezing egg), स्पर्म बैंक, सरोगेसी, डॉक्टर से फर्टिलिटी ड्रग के बारे में करें बात, रिप्रोडक्टिव तकनीक का करें इस्तेमाल और इनट्रॉटिन इनसेमिनशन आदि तरीके अपना सकती हैं।

ध्यान रहे 40 की उम्र में मां बनना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि इस दौरान आपको अत्यधिक दर्द झेलने के साथ ही आपका बीपी भी नार्मल नहीं रहता है। इतना ही नहीं आपको हमेशा थकान संबंधी समस्या भी हो सकती है।

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