Hypertension: हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक है पानी
Hypertension: इसके अलावा शराब का सेवन कम, रोज़ाना एक्सरसाइज़, तनाव कम लेना, हेल्दी वज़न बनाए रखना और स्मोकिंग से दूर रहकर भी आप ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रह सकते हैं ।
Hypertension: हाई ब्लड प्रेशर शरीर की एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपकी रक्त वाहिकाओं से खून तेज़ी से फ्लो होने लगता है, जो आख़िरकार हृदय रोगों सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं के होने का बड़ा कारण बन सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक़ शरीर अगर अच्छी तरह से हाइड्रेट रहेगा तो आपके ब्लड प्रेशर का स्तर संतुलित बना रहता है। यानी शरीर में जब पानी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है, तो आपका हृदय पूरे शरीर में रक्त पंप करने में अधिक कुशल तरीके से काम करता है।
बीपी को मैनेज करने में लाइफस्टाइल की है प्रमुख भूमिका
गौरतलब है कि जब उच्च रक्तचाप से बचाव करने के लिए आपको अपनी जीवनशैली को स्वस्थ बनाना बेहद जरुरी है । रिसर्च के अनुसार व्यक्ति को एक ऐसी डाइट फॉलो करनी होती है जिसमें नमक की मात्रा बेहद कम हो। इसके अलावा शराब का सेवन कम, रोज़ाना एक्सरसाइज़, तनाव कम लेना, हेल्दी वज़न बनाए रखना और स्मोकिंग से दूर रहकर भी आप ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रह सकते हैं ।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार ढेर सारा पानी पीने से भी आप हाइपरटेंशन की समस्या को आसानी से कम कर सकते है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपको दिन में कितना पानी पीने की जरूरत है जिससे आप अपने ब्लड प्रेशर के स्तर कम कर सकें?
बीपी को कम करने के लिए कितना पानी पीना है जरुरी ?
एक्सपर्ट्स के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 8 गिलास पानी से आप बीपी की परेशानी को दूर कर सकते हैं। बता दें कि पानी आपके शरीर के ब्लड को डिटॉक्स करता है, जिसके फलस्वरूप टॉक्सिन्स और गंदगी शरीर से बाहर आसानी से निकल जाती है।इतना ही नहीं पानी के सेवन से अतिरिक्त सोडियम भी शरीर से बाहर निकल जाता है, जो आपको हाई ब्लड प्रेशर कम करने में मददगार साबित होता है।
क्रेनबेरी जूस का सेवन है फायदेमंद
एक्सपर्ट्स के अनुसार क्रेनबेरी जूस एक ऐसा ड्रिंक है, जिसे पीने से हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिल सकती है। बता दें विटामिन-सी से भरपूर क्रेनबेरी जूस इसके आपके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के साथ ऑक्सीडेटिल स्ट्रेस से लड़कर बैक्टीरिया को मारता भी है।
हाई ब्लड प्रेशर है 'साइलेंट किलर'
WHO के अनुसार दुनियाभर में 30-79 वर्ष की आयु के 128 करोड़ वयस्क उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। जबकि 46 प्रतिशत ऐसे लोग भी हैं जिन्हें पता ही नहीं है कि वे हाइपरटेंशन के मरीज़ हैं। बता दें कि कई बार ऐसा ज़रूरी नहीं होता कि बीपी की समस्या लक्षणों के साथ ही उभरे। उल्लेखनीय है कि जब हाई बीपी की बीमारी अपने ख़तरनाक स्टेज पर पहुंच जाती है, तब व्यक्ति में इसके संकेत नज़र आने शुरू हो जाते हैं। जिसमें हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। गौरतलब है कि यही वे बड़े कारण हैं जिसकी वजह से हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर होने का क्या है प्रमुख कारण?
WHO के अनुसार हाइपरटेंश के कारणों में अस्वस्थ डाइट, जिसमें ज़रूरत से ज़्यादा नमक का इस्तेमाल , ट्रांस फैट्स और सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर डाइट का सेवन, फल और सब्ज़ियों का कम सेवन, फिज़िकल एक्टिविटी की कमी, तंबाकू-शराब का सेवन और मोटापा मुख्य रूप से शामिल हैं। यह ऐसी वजह हैं जिन्हें कंट्रोल कर आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बच सकते है। उल्लेखनीय है कि पारिवारिक हाइपरटेंशन का इतिहास, 65 से ऊपर उम्र और डायबिटीज़, किडनी का रोग जैसी गंभीर बीमारियों के कारण भी हाइपरटेंशन की समस्या हो जाती है।