World Aids Day: 6 महीने में इस तकनीक की मदद से ऐसे कंट्रोल होगी HIV

एड्स की रोकथाम के लिए पूरी दुनिया में वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हैं। पिछले दिनों सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इंफ्यूजन नाम की एक नई तकनीक एड्स को कंट्रोल करने में कारगर है।

Update:2019-12-01 16:17 IST

लखनऊ: एड्स की रोकथाम के लिए पूरी दुनिया में वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हैं। पिछले दिनों सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इंफ्यूजन नाम की एक नई तकनीक एड्स को कंट्रोल करने में कारगर है। इसके जरिए एचआईवी जैसी घातक बीमारी को 6-7 महीनों में रोका जा सकता है।

इंफ्यूजन नाम की यह टेक्नोलॉजी एड्स की बीमारी से लड़ रहे लोगों के लिए नई उम्मीद बनकर उभरी है, हालांकि इससे पहले भी कई बार इस तकनीक पर प्रयोग किए जा चुके हैं, लेकिन वैज्ञानिकों को इससे ज्यादा फायदा नहीं मिला।

राकफेलर यूनिवर्सिटी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के शोधकर्ताओं ने एचआईवी को नियंत्रित करने के लिए 2 तरह की एंटीबॉडी को मिलाया है। इस प्रयोग में वैज्ञानिकों ने 2 लोगों में एचआईवी पर 30 हफ्तों में कामयाबी पाई। वहीं, दूसरे लोगों में इन एंटीबॉडी का असर 15 हफ्तों तक देखा गया है।

डॉक्टर कार्ल डीफेनबैक के अनुसार, 'एड्स होने पर सिर्फ एक तरह की एंटीबॉडी से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन यह तकनीक इस घातक बीमारी से लड़ने में कारगर हो सकती है। इससे एचआईवी के खतरे को भी कम किया जा सकेगा'।

लोग एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) द्वारा एचआईवी का इलाज किया करते हैं, जिसमें उन्हें हर एक दिन दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन, कई लोगों के लिए रोज-रोज दवाई लेना बहुत कठिन होता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के शोधकर्ताओं ने साल 2016 में एचआईवी वायरस से लड़ने के लिए जोरदार प्रयास किया था। लेकिन वे उसमें सफल नहीं हो पाए थे।

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कैसे हुई विश्व एड्स दिवस की शुरुआत?

विश्व एड्स दिवस सबसे पहले अगस्त 1987 में जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम के व्यक्ति ने मनाया था। जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर विश्व स्वास्थ्य संगठन में एड्स पर ग्लोबल कार्यक्रम के लिए अधिकारियों के रूप में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में नियुक्त थे।

जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल प्रोग्राम ऑन एड्स के डायरेक्टर जोनाथन मान के सामने विश्व एड्स दिवस मनाने का सुझाव रखा।

जोनाथन को विश्व एड्स दिवस मनाने का विचार अच्छा लगा और उन्होंने 1 दिसंबर 1988 को विश्व एड्स डे मनाने के लिए चुना। बता दें कि आठ सरकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य दिवसों में विश्व एड्स दिवस शामिल है।

इन वजहों से होता है एड्स

-अनसेफ सेक्स (बिना कनडोम के) करने से।

-संक्रमित खून चढ़ाने से।

-एचआईवी पॉजिटिव महिला के बच्चे में।

-एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार यूज करने से।

-इन्फेक्टेड ब्लेड यूज करने से।

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एचआईवी के लक्षण?

एचआईवी/एड्स होने पर निम्नु प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं...

-बुखार

-पसीना आना

-ठंड लगना

-थकान

-भूख कम लगना

-वजन घटा

-उल्टी आना

-गले में खराश रहना

-दस्त होना

-खांसी होना

-सांस लेने में समस्या

-शरीर पर चकत्ते होना

-स्किन प्रॉब्लेम

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