Stephen Hawking Bio in Hindi: स्टीफन हॉकिंग एक ऐसा नाम जिसने बिग बेंग थ्योरी और ब्लैक होल के रहस्य को सुलझाया , आइए उनके जीवन को जानते हैं

Stephen Hawking Biography in Hindi: 17 वर्ष की आयु में, स्टीफन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। यहाँ उन्होंने भौतिकी (Physics) में अध्ययन किया। वे गणित पढ़ना चाहते थे।लेकिन ऑक्सफोर्ड में गणित का कार्यक्रम उपलब्ध नहीं था, इसलिए उन्होंने भौतिकी को चुना।;

Written By :  AKshita Pidiha
Update:2025-01-07 16:06 IST

World Famous Scientist Stephen Hawking Wikipedia in Hindi (Photo - Social Media)

Stephen Hawking Biography in Hindi: स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) विज्ञान की दुनिया का वह नाम है, जिसने न केवल ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में मदद की, बल्कि अपनी शारीरिक सीमाओं के बावजूद एक असाधारण जीवन जीकर पूरे विश्व को प्रेरणा दी। यहाँ उनके जीवन, वैज्ञानिक उपलब्धियों और उनकी मृत्यु तक की विस्तृत जानकारी दी गई है।

शुरुआती दिन (Stephen Hawking Career)

स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड में हुआ। यह तारीख विशेष थी क्योंकि यह महान खगोलशास्त्री गैलीलियो गैलीली की मृत्यु की 300वीं वर्षगांठ थी। उनका परिवार बेहद शिक्षित था। उनके पिता, डॉ. फ्रैंक हॉकिंग, एक ट्रॉपिकल मेडिसिन विशेषज्ञ थे और उनकी मां इसोबेल हॉकिंग, एक प्रगतिशील विचारधारा वाली महिला थीं।


हॉकिंग का बचपन एक मध्यम वर्गीय परिवार में बीता। उनकी शिक्षा सेंट अल्बंस स्कूल में हुई। बचपन से ही वे विज्ञान और गणित के प्रति रुचि रखते थे। हालांकि उनके स्कूल के शिक्षक उन्हें एक साधारण छात्र मानते थे। लेकिन स्टीफन के अंदर हमेशा कुछ बड़ा करने की जिज्ञासा थी।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रवेश (Stephen Hawking Oxford University)

17 वर्ष की आयु में, स्टीफन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। यहाँ उन्होंने भौतिकी (Physics) में अध्ययन किया। वे गणित पढ़ना चाहते थे।लेकिन ऑक्सफोर्ड में गणित का कार्यक्रम उपलब्ध नहीं था, इसलिए उन्होंने भौतिकी को चुना।ऑक्सफोर्ड में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, हॉकिंग ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कॉस्मोलॉजी (ब्रह्मांड विज्ञान) पर शोध कार्य शुरू किया।


यहाँ उन्होंने प्रसिद्ध खगोलशास्त्री डेनिस सियामा के निर्देशन में अपनी पीएचडी पूरी की।

एएलएस (ALS) बीमारी का पता लगना

स्टीफन हॉकिंग के जीवन का सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब 1963 में उन्हें मोटर न्यूरॉन डिजीज (एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस या ALS) का पता चला। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनकी बीमारी लाइलाज है। वे केवल दो साल और जीवित रह सकते हैं। इस खबर ने उनके जीवन को झकझोर दिया। तब स्टीफन सर्फ 21 साल के थे ।


हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी ऊर्जा को विज्ञान में लगा दिया। उन्होंने शादी की, अपना शोध कार्य जारी रखा और ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में जुट गए।

वैज्ञानिक योगदान

स्टीफन हॉकिंग ने ब्रह्मांड विज्ञान और भौतिकी के क्षेत्र में कई अहम योगदान दिए। इनमें से कुछ प्रमुख योगदान निम्नलिखित हैं:

  1. ब्लैक होल और सिंगुलैरिटी पर शोध(Black hole)- 1970 के दशक में, हॉकिंग ने सिंगुलैरिटी के सिद्धांत को विकसित किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे ब्लैक होल के केंद्र में गुरुत्वाकर्षण इतना तीव्र होता है कि वहाँ समय और स्थान खत्म हो जाते हैं।
  2. हॉकिंग रेडिएशन(Hawking Radiation)- ब्लैक होल से जुड़ी उनकी सबसे प्रसिद्ध खोज ‘हॉकिंग रेडिएशन’ है। उन्होंने यह सिद्ध किया कि ब्लैक होल पूरी तरह से काले नहीं होते, बल्कि वे धीरे-धीरे ऊर्जा के रूप में विकिरण उत्सर्जित करते हैं। इस खोज ने ब्लैक होल के बारे में हमारी धारणा को बदल दिया।
  3. ग्रैंड यूनिफाइड थ्योरी (GUT)- हॉकिंग ने ब्रह्मांड के प्रारंभिक क्षणों को समझने के लिए ‘ग्रैंड यूनिफाइड थ्योरी’ पर काम किया। इसका उद्देश्य गुरुत्वाकर्षण, इलेक्ट्रोमैग्नेटिज़्म, और अन्य मूलभूत बलों को एकीकृत करना था।
  4. बिग बैंग थ्योरीBig Bang Theory)- हॉकिंग ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति के सिद्धांत पर काम किया और बिग बैंग थ्योरी को विस्तार से समझाया।
  5. स्टीफन हॉकिंग की किताबें

उनकी किताबें विज्ञान को जनसामान्य तक पहुँचाने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं:ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम (1988),द ग्रांड डिज़ाइन (2010),ब्लैक होल्स एंड बेबी यूनिवर्सेस (1993),द यूनिवर्स इन ए नटशेल (2001)

व्यक्तिगत जीवन (Stephen Hawking Personal Life)

स्टीफन हॉकिंग ने 1965 में जेन वाइल्ड से शादी की। जेन उनके संघर्ष के दिनों में उनके साथ खड़ी रहीं। उनके तीन बच्चे हुए: रॉबर्ट, लूसी और टिम। हालांकि, 1995 में दोनों का तलाक हो गया। बाद में, हॉकिंग ने अपनी नर्स ऐलेन मेसन से शादी की, लेकिन यह रिश्ता भी 2006 में टूट गया।ALS बीमारी के कारण हॉकिंग की शारीरिक स्थिति समय के साथ खराब होती गई। 1985 में, उन्हें ट्रेकियोस्टोमी की सर्जरी करानी पड़ी, जिसके बाद वे बोलने में असमर्थ हो गए। उनकी आवाज को कृत्रिम वॉयस सिंथेसाइज़र के माध्यम से पहचाना गया।


स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी बीमारी को अपनी कमजोरी बनने नहीं दिया। उनका मानना था, "जब तक जीवन है, तब तक आशा है।"

हॉकिंग को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले, जैसे: अल्बर्ट आइंस्टीन मेडल (1979), कोपले मेडल (2006), फंडामेंटल फिजिक्स प्राइज (2013)

स्टीफन हॉकिंग और भगवान पर उनके विचार (Bhgawan par unke vichar)

भगवान के अस्तित्व को नकारना- हॉकिंग ने बार-बार अपने विचार व्यक्त किए कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझाने के लिए ‘भगवान’ की आवश्यकता नहीं है। उनके अनुसार, ब्रह्मांड के निर्माण के पीछे भौतिकी के नियम हैं, न कि किसी ईश्वर की शक्ति।आइंस्टीन धर्म के बारे में अक्सर बातें करते थे । लेकिन किसी व्यक्तिगत ईश्वर में विश्वास नहीं करते थे।


हालांकि वह नास्तिक भी नहीं थे। वह स्वयं को अज्ञेयवादी कहलाना पसंद करते थे. उनका झुकाव यहूदी-डच दार्शनिक बारूक स्पिनोज़ा के सर्वेश्वरवाद की ओर होता था, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में घोषणा की थी कि ईश्वर प्रकृति के समान है।

उद्धरण: “It is not necessary to invoke God to light the blue touch paper and set the universe going.” (ईश्वर को बुलाना आवश्यक नहीं है कि वह ब्रह्मांड को चालू करे।)

बिग बैंग थ्योरी और स्वचालित ब्रह्मांड

उन्होंने ‘बिग बैंग थ्योरी’ को ब्रह्मांड की उत्पत्ति का वैज्ञानिक आधार बताया। उनके अनुसार, ब्रह्मांड स्वयं ही भौतिकी के नियमों के अनुसार अस्तित्व में आया, और इसके लिए किसी अलौकिक शक्ति की आवश्यकता नहीं थी।


एक इंटरव्यू में हॉकिंग ने बताया था कि लोग उनसे बात करने या जवाब देने से डरते हैं। इस कारण वे कई बार अकेलापन महसूस करते हैं। शारीरिक रूप से अक्षम नहीं होने पर वे तैराकी करना पसंद करते।

पुस्तक 'द ग्रैंड डिज़ाइन' (2010)

इस पुस्तक में हॉकिंग ने लिखा कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति भौतिकी के नियमों, जैसे कि गुरुत्वाकर्षण और क्वांटम यांत्रिकी, के कारण हुई।यह विचार कि भगवान ने ब्रह्मांड को बनाया, उनके अनुसार, ‘आवश्यक नहीं’ है।

धार्मिक आलोचना

उनके विचारों को लेकर धार्मिक समुदायों, विशेषकर ईसाई, मुस्लिम और हिंदू धर्म के अनुयायियों ने तीव्र आलोचना की।


उन्हें ‘नास्तिक’ और ‘धर्मविरोधी’ कहकर उनकी आलोचना की गई। हॉकिंग का मानना था कि वैज्ञानिक अनुसंधान और तर्क ब्रह्मांड की सभी गूढ़ पहेलियों को सुलझा सकते हैं।

स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणियाँ

  1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का खतरा- हॉकिंग ने बार-बार चेतावनी दी कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानवता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।उनका कहना था कि अगर AI का विकास नियंत्रित न किया गया, तो यह मानवता को खत्म कर सकता है।
  2. ग्लोबल वॉर्मिंग और पृथ्वी का भविष्य- हॉकिंग ने चेतावनी दी थी कि ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन पृथ्वी को रहने लायक नहीं छोड़ेंगे।उनका मानना था कि मानव जाति को 100 साल के भीतर दूसरे ग्रह पर बसने की योजना बनानी चाहिए।
  3. परग्रही जीवन (Alien Life)- उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि ब्रह्मांड में एलियंस का अस्तित्व संभव है। लेकिन उनसे संपर्क करना खतरनाक हो सकता है।उनका तर्क था कि एलियंस अधिक उन्नत और शक्तिशाली हो सकते हैं, जो पृथ्वी के लिए विनाशकारी साबित हो सकते हैं।
  4. ब्लैक होल और समय यात्रा- हॉकिंग ने कहा कि ब्लैक होल के माध्यम से समय यात्रा संभव हो सकती है। लेकिन यह अभी के विज्ञान के लिए बेहद जटिल है।

विवाद और आलोचना (Stephen Hawking Controversy)

उनकी किताब ‘द ग्रैंड डिज़ाइन’ ने धार्मिक समुदायों के बीच गहरा विवाद खड़ा कर दिया।आलोचकों का कहना था कि हॉकिंग विज्ञान के नाम पर धर्म का मजाक उड़ा रहे हैं।

उनकी AI से संबंधित चेतावनियों को तकनीकी समुदाय ने अत्यधिक निराशावादी करार दिया।कुछ वैज्ञानिकों ने कहा कि AI को नियंत्रित करना संभव है और इसका भविष्य उतना भयावह नहीं होगा जितना हॉकिंग ने कहा।


उनके कुछ सिद्धांत, जैसे कि ‘हॉकिंग रेडिएशन’ और ‘इन्फ्लेशनरी ब्रह्मांड मॉडल’, को लेकर वैज्ञानिक जगत में भी बहस हुई।

उनकी दूसरी शादी (ऐलेन मेसन से) के दौरान उन पर अपनी पहली पत्नी और बच्चों से दूरी बनाने के आरोप लगे। उनकी दूसरी पत्नी पर भी यह आरोप लगे कि वह हॉकिंग के साथ दुर्व्यवहार करती थीं।

स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु (Stephen Hawking death)

हॉकिंग का निधन 14 मार्च, 2018 को हुआ।यह दिन विशेष था क्योंकि यह महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्मदिन की तारीख थी।उनकी मृत्यु का कारण ALS से जुड़ी जटिलताएँ थीं।दुनिया भर के वैज्ञानिक, राजनेता और आम लोग उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे थे।उनकी मृत्यु ने विज्ञान और मानवता के लिए एक युग के अंत को दर्शाया।

स्टीफन हॉकिंग ने अपने विचारों और कार्यों से विज्ञान और दर्शन को एक नई दिशा दी। उनके धार्मिक विचार, भविष्यवाणियाँ और विवाद आज भी चर्चा का विषय हैं। हॉकिंग का जीवन एक प्रेरणा है कि कैसे एक व्यक्ति शारीरिक बाधाओं को पार करके भी असाधारण उपलब्धियाँ प्राप्त कर सकता है। उनके विचार और सिद्धांत आने वाले समय में विज्ञान के लिए एक आधारशिला बने रहेंगे।

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