Election Result 2024: यूपी में भाजपा के नए और पुराने सारे दांव फेल, सामने आई हार की असली वजह

Election Result 2024: यूपी में हार के सबसे अधिक जिम्मेदार पार्टी के ही बड़े नेताओं का अति आत्मविश्वास रहा। स्थानीय और पार्टी के काडर कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर टिकट का बंटवारा किया।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update:2024-06-05 08:39 IST

सीएम योगी,  पीएम मोदी (फोटो: सोशल मीडिया )

Lok Sabha Election Result 2024: 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने ही गढ़ यूपी से बड़ा झटका लगा। अबकी बार 400 पार का नारा देने वाली भाजपा की रणनीति उत्तर प्रदेश के राजनीतिक पिच पर पूरी तरह से फेल साबित हो गई। बीजेपी के प्रदेश में 80 की 80 सीटों पर चुनाव जीतने के सारे सपने धरे के धरे रह गए और पार्टी आधे से भी कम सीटों पर सिमट कर रह गई। इस चुनाव के रिजल्ट ने एक ओर जहां भाजपा कार्यकर्ताओं में अंदर ही अंदर उपजे असंतोष को जगजाहिर किया है तो वहीं संगठन की कमियों का भी पर्दाफाश हुआ है। इस बार के चुनाव में न तो भाजपा संगठन की तैयारी कारगर रही और न ही मतदाताओं पर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का ही कोई असर हुआ। इस चुनाव से यह भी पूरी तरह से साफ हो गया है कि कार्यकर्ताओं में छाई मायूसी और असंतोष के साथ ही चुनाव प्रबंधन की कमियों ने पार्टी के 80 सीटें जीतने के लक्ष्य में सबसे बड़ी बाधा पैदा की।

चुनाव हारने के बाद अब एक के बाद एक कमियां सामने आने लगी हैं। माना जा रहा है कि यूपी में भाजपा इस हार का के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार पार्टी के ही बड़े नेताओं का अति आत्मविश्वास है। जिस तरह से स्थानीय और पार्टी के काडर कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते हुए इस बार के लोकसभा चुनाव के टिकट का बंटवारा किया गया उससे भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ। नतीजा यह हुआ कि भाजपा ने जिन 17 सांसदों का टिकट काटकर उनके स्थान पर नए चेहरे उतारे थे, उनमें से पांच उम्मीदवार हार गए।

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26 मौजूदा सांसदों की हार एक बड़ा संदेश

इस चुनाव में भाजपा के 26 मौजूदा सांसदों की हार को भी पार्टी के लिए बड़ा संदेश माना जा रहा है। टिकटों का मनमनाने ढंग से बंटवारे का भी भाजपा को बड़ा खामियाजा उठाना पड़ा है। टिकट बांटने के जिम्मेदारों ने अधिकांश मौजूदा सांसदों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर जनता के बीच उभरे असंतोष को बिना सोचे समझे फिर से टिकट देकर मैदान में उतार दिया। जिसका नतीजा यह रहा कि सात केंद्रीय मंत्रियों समेत कुल 26 मौजूदा सांसदों को अपनी सीट गंवानी पड़ गई। इससे पार्टी अपने 2019 के प्रदर्शन को दोहराने में पूरी तरह से असफल रही।


दिग्गजों के घरों में भी छूट गए पसीने

2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम के मुताबिक पार्टी के बड़े नेताओं के घरों में भी भाजपा को निराशा हाथ लगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेताओं के जीत की मार्जिन में इस बार भारी कमी आई है। वहीं, चुनाव लड़ने वाले मोदी सरकार के सात केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सरकार के चार में से दो मंत्रियों को भी हार का सामना करना पड़ा है। वहीं कई ऐसी सीटें रहीं जिस पर भाजपा प्रत्याशियों को जीत के लिए कड़े संघर्ष का भी सामना करना पड़ा।

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कई नए प्रयोग भी हो गए फेल

भाजपा ने यूपी की 80 की 80 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए कई नए प्रयोग भी किए थे, लेकिन जिस तरह से चुनाव के नतीजे आए वे बता रहे हैं कि उनके सारे प्रयोग पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क अभियान भी बेअसर रहा। टिफिन बैठक, विकसित भारत संकल्प यात्रा, मोदी का पत्र वितरण जैसे कई प्रमुख अभियान और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को साधने की कोशिश भी इस चुनाव में नाकाम साबित हुई है।

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वोट प्रतिशत में भी आ गई नौ फीसदी की कमी

देखा जाए तो 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार भाजपा की केवल सीटें ही कम नहीं हुई हैं, बल्कि वोट प्रतिशत में भारी कमी दर्ज की गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 62 सीटें जीतने वाली भाजपा को 49.97 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा गिर कर 41.37 के करीब पहुंच गया है।

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भाजपा के खराब प्रदर्शन की ये रही प्रमुख वजहें

- पार्टी काडर कार्यकर्तांओं की उपेक्षा और बाहरी पर भरोसा पड़ा भारी।

- संगठन और सरकार में तालमेल का अभाव भी पार्टी को नुकसान पहुंचाया।

- टिकट बंटवारे में मनमानी के चलते भी नुकसान उठाना पड़ा।

- केवल कागजों पर रही पन्ना प्रमुखों और बूथ कमेटियों की सक्रियता।

- अधिकारियों के आगे मंत्रियों तक का बेअसर होना यह भी हार में एक प्रमुख कारण रहा।

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