Amit Shah Visit Bhopal: अमित शाह ने भाजपा सरकार के 20 सालों का रिपोर्ट कार्ड किया जारी, दिग्गी-कमलनाथ पर जमकर बोला हमला
Amit Shah MP Visit: 20 सालों से चली आ रही बीजेपी सरकार को बरकरार रखने के लिए पार्टी के आला नेताओं ने तूफानी दौरा शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ताबड़तोड़ कार्यक्रम हो रहे हैं।
Amit Shah Visit Bhopal: मध्य प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल हैं, जहां साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस साल के अंत में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें एमपी सबसे बड़ा है और इसे गुजरात के बाद बीजेपी का दूसरा सबसे मजबूत गढ़ भी माना जाता है। यही वजह है कि इस राज्य में 20 सालों से चली आ रही बीजेपी सरकार को बरकरार रखने के लिए पार्टी के आला नेताओं ने तूफानी दौरा शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ताबड़तोड़ कार्यक्रम हो रहे हैं।
इसी क्रम में आज यानी रविवार 20 अगस्त को अमित शाह एकबार फिर मध्य प्रदेश पधारे हैं। पिछले 41 दिनों में उनका एमपी का ये चौथा दौरा है। राजधानी भोपाल पहुंचे शाह का हवाई अड्डे पर सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने गर्मजोशी से स्वागत किया। एयरपोर्ट से सीधा शाह और भाजपा नेताओं का काफिला कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर पहुंचा। जहां उन्होंने भाजपा सरकार के 20 साल (2003-2023) का रिपोर्ट कार्ड पेश किया।
दिग्गी-कमलनाथ पर जमकर बोला हमला
मध्य प्रदेश पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निशाने पर एमपी कांग्रेस के दो सबसे दिग्गज चेहरे दिग्विजय सिंह और कमलनाथ रहे। शाह ने मिस्टर बंटाधार कहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वजिय सिंह के कार्यकाल को याद करते हुए कांग्रेस को खूब घेरा। उन्होंने कहा कि एमपी में कांग्रेस का राज 53 वर्षों तक रहा। इस दरम्यान यह प्रदेश देश के बीमारू राज्यों की श्रेणी में पहुंच गया। 20 सालों में आज बीजेपी की सरकार ने एमपी को बीमारू राज्य की इमेज से बाहर निकाल दिया।
अमित शाह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा, शिवराज जी की लीडरशिप में जितना काम हुआ है उसका काम कमलनाथ और बंटाधारजी को देना चाहिए कि उन्होंने एमपी को कहां छोड़ा था और हमारी सरकार ने उसे कहां पहुंचा दिया है। शाह ने आगे कहा कि यूपीए सरकार के दौरान एमपी को 10 साल में एक लाख 98 हजार करोड़ रूपया दिया गया। जबकि मोदी जी ने मात्र 9 साल में एमपी को 9 लाख 31 हजार करोड़ रूपये दिए हैं।
गरीब कल्याण महा अभियान की शुरूआत की
अमित शाह ने आज गरीब कल्याण महा अभियान की शुरूआत भी की। मिली जानकारी के मुताबिक, इस अभियान के तहत मध्य प्रदेश के उन 1.36 करोड़ लोगों को ब्रांड की तरह पेश किया जाएगा, जो मोदी सरकार के दौरान नीति आयोग की रिपोर्ट में गरीबी रेखा से बाहर आए। इस अभियान के जरिए गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों को उन योजनाओं से जोड़ा जाएगा, जो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलायी जाती हैं।
एमपी बीजेपी के एक नेता ने बताया कि इस अभियान का मकसद लोगों यह बताना है कि 2003 से प्रदेश में काबिज बीजेपी सरकार और 2014 से केंद्र में काबिज मोदी सरकार के कारण ही एक करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। दरअसल, कांग्रेस कर्नाटक की चुनावी सफलता से उत्साहित होकर एमपी में भी गरीबों को फोकस कर चुनाव अभियान चला रही है। इसी को देखते हुए सत्तारूढ़ भाजपा ने गरीब और गरीबों पर फोकस करने का निर्णय लिया है।
भोपाल से ग्वालियर पहुंचे शाह
भोपाल में सभी कार्यक्रम निपटाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ग्वालियर के लिए रवाना हुए। शाम साढ़े तीन बजे के आसपास वह ग्वालियर पहुंचे, जहां भाजपा नेताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। शाह यहां बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लेंगे। ग्वालियर-चंबल की धरती से ही शाह ‘MP के मन में मोदी‘ नाम से सदस्यता अभियान की शुरूआत करेंगे। इसमें पार्टी नेताओं को विधानसभा चुनाव से पहले 40 लाख नए कार्यकर्ताओं को जोड़ने का लक्ष्य दिया जाएगा। ऐसे लोगों पर फोकस करने को कहा जाएगा, जो नए वोटर हैं और सरकार की योजनाओं के लाभार्थी हैं।
2018 में कांग्रेस से पिछड़ गई थी बीजेपी
229 विधानसभा सीटों वाली मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने साल 2003 में 10 वर्षों से सत्ता पर काबिज दिग्विजय सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंका था। इसके बाद विधानसभा और लोकसभा में भाजपा यहां से निरंतर जीतती रही। विधानसभा में हैट्रिक लगाने के बाद साल 2018 में पार्टी को बड़ा झटका तब लगा, जब वह सीटों के मामले में कांग्रेस से पीछे रह गई। नतीजतन 15 साल बाद राज्य में एकबार फिर राज्य में कांग्रेस की वापसी हुई।
हालांकि, यह कमलनाथ की अगुवाई वाली यह सरकार 15 माह से ज्यादा टिक नहीं पाई और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगावत के कारण धराशायी हो गई। कांग्रेस के बागी विधायकों की मदद से बीजेपी की फिर से सरकार में वापसी हुई। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि पिछले चुनाव जैसी नौबत का सामना न करना पड़े और पार्टी 2013 की तरह विराट जीत दर्ज करे।