MP News: गुरू गोलवलकर पर ट्वीट कर फंसे दिग्विजय सिंह, इंदौर में दर्ज हुई एफआईआर, जानें क्या है मामला

MP News: दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर को लेकर एक ऐसा ट्वीट किया, जिस पर बवाल मच गया है।

Update: 2023-07-09 06:10 GMT
दिग्विजय सिंह और गुरु गोलवलकर ( सोशल मीडिया)

MP News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट को लेकर कानूनी पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं। दिग्गी राजा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर को लेकर एक ऐसा ट्वीट किया, जिस पर बवाल मच गया। उनके खिलाफ एक शख्स ने शनिवार देर रात इंदौर के तुकोगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें उन पर समाज में नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया है।

दरअसल, शनिवार सुबह सवा पांच बजे के करीब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया था, जिसमें संघ के द्वितीय सरसंघचालक गुरू गोलवलकर को पिछड़ा और मुस्लिम विरोधी होने का दावा किया गया था। मालूम हो कि देश की आजादी के दौरान गुरू गोलवलकर के हाथों में ही आरएसएस की कमान थी।

दिग्गी राजा का विवादित ट्वीट

10 वर्षों तक मध्य प्रदेश के सीएम रहे दिग्विजय सिंह ने पूर्व आरएससएस चीफ की एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसके कैप्शन में लिखा था, गुरु गोलवलकर जी के दलितों पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल जंगल व ज़मीन पर अधिकार पर क्या विचार थे अवश्य जानिए।
तस्वीर के ऊपर लिखा था, सदाशिव राव गोलवलकर ने अपनी पुस्तक वी एंड अवर नेशनहुड आईडेंटिफाइड में साफ लिखा है। जब भी सत्ता हाथ लगे तो सबसे पहले सरकार की धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल अपने दो तीन विश्वसनीय लोगों को सौंप दें। 95 फीसदी जनता को भिखारी बना दें, उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी।

इस तस्वीर में गोलवलकर को कोट करते हुए लिखा है कि उन्होंने 1940 में कहा था, मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं, लेकिन जो दलित, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता के इस ट्वीट पर बवाल मच गया। इंदौर के तुकोगंज थाने में शनिवार रात साढे 11 बजे एफआईआर कराते हुए एडवोकेट राजेश जोशी ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने अपनी पोस्ट में गुरू गोलवलकर को मुस्लिम और दलित विरोधी बताया है। यह जानकारी झूठी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता ने आरएसएस की छवि खराब करने की कोशिश की है।

आजादी के वक्त संघ प्रमुख थे गोलवलकर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के बाद माधव सदाशिव गोलवलकर संघ के दूसरे प्रमुख बने थे। 1940-1973 तक वे इस पद पर रहे थे। 5 जून 1973 को उनका निधन हो गया था। तब तक उन्होंने आरएसएस को देश के अन्य हिस्सों में पहुंच दिया था। गुरू गोलवलकर का जन्म 19 फरवरी 1906 को महाराष्ट्र के रामटेक में हुआ था। उनके द्वारा लिखी गई एक अन्य किताब ‘बंच ऑफ थॉट्स’ को लेकर भी विरोधी पार्टियां संघ और बीजेपी पर हमलावर रही हैं।

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