MP News: रीवा को विन्ध्य प्रदेश बनाने की मांग, कौन बना था पहला मुख्यमंत्री, और इतिहास

Vindhya Pradesh History: मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी एवं कामरेड नेता लालमणि त्रिपाठी के साथ अन्य सामाजिक संगठन लगातार विंध्य प्रदेश बनाने की मांग की जा रही है।

Update: 2022-12-25 12:58 GMT

रीवा को विन्ध्य प्रदेश बनाने की मांग

MP Vindhya Pradesh History: रीवा कभी विन्ध्य प्रदेश की राजधानी हुआ करता था, जहां मुख्यमंत्री से लेकर के प्रदेश स्तर के कार्यालय हुआ करते थे। विंध्य प्रदेश भारत का एक पूर्व राज्य था। जिसके पहले मुख्यमंत्री अवधेश प्रताप सिंह बने थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद 1 नवंबर 1947 को विन्ध्य प्रदेश का गठन हुआ था। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में मध्य प्रदेश हुआ करता था।

आज़ादी के समय एक स्वतंत्र राज्य माना जाता था विंध्य प्रदेश

अगर बात की जाए तो सन 1947 की है जब भारत ब्रिटिश हुकूमत से आज़ाद हुआ था और तब विंध्य प्रदेश एक स्वतंत्र राज्य माना जाता था। जिसकी बागडोर अवधेश प्रताप सिंह के हाथ में थी और राज्य के प्रमुख महराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव हुआ करते थे।


सन 1951 तक अवधेश प्रताप सिंह ने विंध्य को संभाले रखा और जब प्रथम चुनाव हुए तो विंध्य के पहले मुख्यमंत्री पंडित शम्भुनाथ शुक्ल हुए। विंध्य प्रदेश का निर्माण सेंट्रल इंडिया एजेंसी के पूर्वी भाग की रियासतों को मिलाकर किया गया था, लेकिन 1 नवंबर 1956 के दिन विंध्य प्रदेश को मध्य प्रदेश में मिलाकर इसका अस्तित्व खत्म कर दिया गया और रीवा जिले से राजधानी होने का हक़ भी छीन लिया गया।

सन 1956 तक विंध्य प्रदेश का क्षेत्रफल 60 हज़ार वर्ग किलोमीटर

सन 1956 तक विंध्य प्रदेश का क्षेत्रफल 60 हज़ार वर्ग किलोमीटर था। यहाँ की आबादी 35 लाख 75 हज़ार थी और 60 विधानसभा सहित 6 लोकसभा और राजयसभा सीटें थीं। प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर विंध्य अब मध्यप्रदेश के लिए सिर्फ एक भौगोलिक हिस्सा बन गया था। साल 2000 में एक बार फिर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पंडित श्रीनिवास तिवारी की अगुवाई में विंध्य प्रदेश के सपने को साकार करने की योजना बनाई गई थी, मगर अब तक विन्ध्य प्रदेश रीवा के लोगों के लिए एक सपना बना हुआ है। जो अभी तक साकार नही हो सका है।

इन्होंने की विंध्य प्रदेश बनाने की मांग

मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी एवं कामरेड नेता लालमणि त्रिपाठी के साथ अन्य सामाजिक संगठन के लोगों के द्वारा लगातार विंध्य प्रदेश बनाने की मांग की जा रही है।

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