MP: जब नहीं मिली छुट्टी तो डिप्टी कलेक्टर ने पद से ही दे डाला इस्तीफा, जानें कौन है वो महिला अधिकारी

MP News: एमपी के छतरपुर जिले में कार्यरत डिप्टी कलेक्टर रैंक की एक महिला अधिकारी ने अपने पद से सिर्फ इसलिए इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उनकी छुट्टी मंजूर नहीं की गई।

Update:2023-06-23 12:27 IST
MP deputy collector nisha bangre (photo: social media )

MP News: नौकरी पेशा में लगे अधिकांश लोगों की शिकायत होती है कि उन्हें छुट्टियां नहीं मिल पातीं। काफी जतन के बाद कार्यालय से छुट्टी मंजूर होती है। इसमें भी निजी क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर यह धारणा रही है कि सरकारी सेक्टर में काम कर रहे लोगों को अवकाश हासिल करने में कुछ खास जतन नहीं करना पड़ता। लेकिन मध्य प्रदेश की एक घटना आपको इस प्रचलित धारणा पर सोचने के लिए मजबूर कर सकती है।

दरअसल, एमपी के छतरपुर जिले में कार्यरत डिप्टी कलेक्टर रैंक की एक महिला अधिकारी ने अपने पद से सिर्फ इसलिए इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उनकी छुट्टी मंजूर नहीं की गई। जिले के लवकुश नगर में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी निशा बांगरे इतनी नाराज हुईं कि उन्होंने हाथ से लिखा हुआ त्यागपत्र राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दिया। मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक हलके में इसकी काफी चर्चा हो रही है।

इस्तीफा में अधिकारी ने क्या लिखा ?

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपने खत में धार्मिक भावनाएं आहत करना का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा, मैं अपने घर के उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित न होने से आहत हूं। उक्त कार्यक्रम में विश्व शांतिदूत तथागत बुद्ध की अस्थियों के भी दर्शन लाभ करने की अनुमति न देने से मेरी धार्मिक भावनाओं को अपूरणीय क्षति पहुंची है। अतः मैं अपने मौलिक अधिकार, धार्मिक आस्था एवं संवैधानिक मूल्यों से समझौता करके अपने पद (डिप्टी कलेक्टर) पर बने रहना उचित नहीं समझती हूं। इसलिए अपने डिप्टी कलेक्टर के पद से तत्काल इस्तीफा दे रही हूं। ये लेटर उन्हेंने कल यानी 22 जून 2023 को लिखा था।

क्या है पूरा मामला

मध्य प्रदेश सिविल सेवा की महिला अधिकारी निशा बांगरे बैतूल जिले के आमला में अपना घर बनवाया है। गृह प्रवेश कार्यक्रम के साथ-साथ 25 जून को आमला में ही आयोजित किए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने के लिए उन्होंने अवकाश की अर्जी लगाई थी। इस सम्मलेन में डिप्टी कलेक्टर बांगरे केंद्रीय भूमिका में नजर आ रही थीं। आमला में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रीलंका के कानून मंत्री समेत 11 देशों के सर्वधर्म प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। यहां श्रीलंका से तथागुत बुद्ध की अस्थियां भी लाई जाएंगी।

निशा बांगरे ने अवकाश नहीं देने के पीछे की वजह को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों में शामिल होने की अनुमति न देना गलत है। बांगरे ने एक तरह से जिला प्रशासन को चेतावनी भी दी कि अगर कार्यक्रम को रोकने की कोशिश हुई तो आंदोलन होगा। बता दें कि सर्वधर्म शांति सम्मेलन का आयोजन गगन मलिक नामक एक फाउंडेशन कर रहा है।

जानकारी के मुताबिक, डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने 19 मई को मध्य प्रदेश शासन को छुट्टी के लिए आवेदन दिया था। मगर सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे मप्र सिविल सेवा आचरण नियमों का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी थी। इस बाबत उन्हें विगत 15 जून 2023 को पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया गया था।

कौन है निशा बांगरे

निशा बांगरे मध्य प्रदेश की चर्चित महिला अधिकारियों में हैं। उनके राजनीति में आने की चर्चा काफी समय से हो रही है। बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट पर वो काफी एक्टिव रही हैं। यहां उनके द्वारा अपना नया आशियाना बनाना, अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन जैसे कार्यक्रम आयोजित करना काफी कुछ इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर बयां करता है।

मूलतः बालाघाट जिले की रहने वाली निशा बांगरे ने विदिषा के सम्राट अशोक प्रौद्योगिकी संस्थान से 2014 में इंजीनियरिंग की। इसके बाद कुछ समय निजी क्षेत्र में काम किया। फिर उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। साल 2016 में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविस सिर्विस की परीक्षा पास की और डिप्टी कलेक्टर के लिए चुनी गईं। उन्होंने राज्य में विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं दी हैं।

शादी की वजह से चर्चा में आई थीं

निशा बांगरे के राजनीति में उतरने की चर्चा काफी समय से हो रही है। लेकिन उनकी बारे में असल चर्चा तब हुई थी, जब उन्होंने संविधान को साक्षी मानकर शादी रचाई थी। निशा के पति एक मल्टीनेशनल कंपनी पर कार्यरत हैं। दोनों का तीन साल का एक बेटा है। उनका इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में आमला सीट से उतरना तय माना जा रहा है।

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