MP News: रीवा में तेजी से फैल रहा 'मेडिकल नशे' का अवैध कारोबार,..प्रशासन सुस्त, नशेड़ी मस्त

MP News: मेडिकल नशे में सर्वाधिक ऑनरेक्स कफ सिरफ जो हिमाचल प्रदेश के बाड़ी स्थान से बनकर आती है उसकी रीवा में काफी खपत है ।

Update:2022-10-27 13:42 IST

रीवा में तेज़ी से फ़ैल रहा नशे का अवैध कारोबार (photo: social media )

MP News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में दिन-प्रतिदिन 'मेडिकल नशे' का कारोबार फलता-फूलता नजर आ रहा है। एक तरफ जहां नशा और ड्रग्स का कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। वहीं, जिले में लगातार पुलिस द्वारा पकड़ी जा रही कफ सिरप और नशे की गोलियां ये साबित करती है कि रीवा जिला नशे के अवैध कारोबारियों के लिए खास जगह बन चुका है।

एक अनुमान बताया जा रहा है कि रीवा जिले में प्रतिदिन मेडिकल नशे की हजारों पेटी खप रही है। इस मेडिकल नशे में सर्वाधिक ऑनरेक्स कफ सिरफ जो हिमाचल प्रदेश के बाड़ी स्थान से बनकर आती है उसकी रीवा में काफी खपत है । कोरेक्स का प्रचलन बंद हुआ तो इसी तरह से अन्य नशीली कई सिरफो का प्रयोग किया जाने लगा है। गोली के रूप में अल्फा जोन स्पास्मो प्राचीवन कैल्शियम सांडोज इंजेक्शन का प्रयोग किया जा रहा है ।

अवैध मेडिकल नशे के विरुद्ध रीवा पुलिस अभियान चलाकर कार्यवाही करती है किंतु स्वास्थ्य विभाग यह नहीं जांच कर पा रहा है कि शहर से लेकर गांव तक मेडिकल स्टोर की संख्या में कितनी निरंतर वृद्धि हुई है । साथ ही इन मेडिकल स्टोरों में डॉक्टरों की पर्ची पर दी जाती है उनकी कुल बिक्री कितनी है जो दवा नींद दर्द में काम आती थी उसे युवा नशेड़ी नशे के रूप पर उपयोग कर रहे हैं।

सर्वाधिक नशे की खेप 

रीवा जिले में सर्वाधिक नशे की खेप प्रयागराज से चाकघाट होते हुए रीवा के विभिन्न ग्रामों में प्रवेश होती है। इसी तरह से शंकरगढ़ पूर्व की तरफ से बनारस यूपी से हनुमना होते हुए अवैध नशे की खेप रीवा लाई जाती हैं। सूत्रों की माने तो नशीली कफ शिरप की नकली कंपनियां इलाहाबाद के साथ रीवा जिले के मऊगंज पहाड़ी क्षेत्र में बनाई जाती हैं और दवा कंपनियों की लेवल चस्पा कर नशेड़िओ तक पहुंचाई जा रही है।

तो वहीं नशे के विरुद्ध पुलिसिया कार्रवाई में भी सवाल खड़े हुए हैं नाम न छापने की शर्त पर बताया गया कि 500-1000 सीसी पुलिस पकड़ती है। उसे 200 शीशी दर्शाती है और बाकी बची हुई सीसी से मनमानी अपराधियों की संख्या में वृद्धि करती है। बताया गया है कि नईगढ़ी मोड़ पर दो गुटों के विवाद पर नशीली सिरप का मुकदमा पंजीबद्ध किया गया अभी हाल में धाराविभा के समीपस्थ ग्रामीणों ने खाद वाली बोरी में एक बोरी नशीली कफ सिरप पकड़ी जिसे दो व्यक्तियों के बीच में कम मात्रा दर्शाई गई है।

सवाल यह उठता है कि नशीली दवा पकड़ने के बाद उस बैच की दवा किस कंपनी से उठाई गई । इसकी जांच क्यों नहीं की जाती। उस व्यापारी के मोबाइल नंबर से यह नहीं जांच की गई कि कितने लोग इस ड्रग व्यवसाय में सम्मिलित हैं। शायद यह कार्यवाही करना पुलिस उचित नहीं समझती लगातार नशे के विरुद्ध कार्यवाही करना पुलिस की कामयाबी तो है। लेकिन अवैध नशे को रोकने के लिए शासन प्रशासन द्वारा दवा बनाने वाली कंपनी और वहां से सप्लाई होने वाले ठिकानों तक नहीं पहुंचती है । इस तरह से रीवा जिले में नशे के कारोबार पर रोक नहीं लगाई जा सकती क्योंकि मुख्य व्यवसायी बचे रहेंगे तो छुटपुट बेरोजगार युवकों को इस व्यवसाय में सम्मिलित कर व्यवसाय संचालित करते रहेंगे।

शौचालय में खाली शीशी और गोलियों के रैपर

रीवा जिले के ग्रामीण अंचलों पर हनुमना मऊगंज देवतालाब मनगवां गढ़ कटरा सोहागी त्योथर सिरमौर डभौरा गुढ रायपुर ऐसी कोई स्थान नहीं है जहां शौचालय में खाली शीशी और गोलियों के रैपर पड़े मिलते हैं । शायद यह रीवा जिले का दुर्भाग्य है कि पंजाब के बाद रीवा जिला ड्रग नशे में उड़ता पंजाब होता जा रहा है । जहां अभी तक दारू गांजा भाग का सेवन किया जाता था । अब विभिन्न प्रकार के मेडिकल केमिकल नशे का उपयोग किया जा रहा है। किंतु रीवा जिले के लिए यह जांच का विषय है कि रीवा जिले में ऐसी कितनी नकली कंपनियां संचालित हो रही है जो कि दवा कंपनियों के नाम पर नशीली सिरफ बना रहे हैं।

यदि सूत्रों की बात माने तो इस तरह के व्यापार अब रीवा में पहाड़ी स्थानों पर बनना चालू हो गए हैं । खपत के आधार पर अब मुनाफा बढ़ाने के लिए 150 रुपए की शीशी अब ₹300 में मिल रही है। इसी तरह से गोलियों का रेट भी 200 गुना बढ़ा दिया गया है नशा करने के लिए नशेड़ियों द्वारा अपराधों को अंजाम दिया जाता है । चोरी रहजनी मारपीट लूट हत्या दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों में अक्सर नशेड़ी आरोपी ही सामने आ रहे हैं साथ ही नशे के दलदल में फंसे युवा तरुणाई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं जो ना सिर्फ समाज के लिए बल्कि सरकार के लिए चुनौती और चिंता का विषय है

Tags:    

Similar News