Madhya Pradesh : कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाई गई मादा चीता शाशा की मौत, किडनी की बीमारी से थी पीड़ित
Madhya Pradesh News: मादा चीता शाशा लंबे समय से बीमार थी। उसके इलाज में जुटे डॉक्टर्स ने चेकअप के बाद बताया था कि उसके गुर्दे (किडनी) में दिक्कत है। कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से 8 चीतों को लाया गया था, जिसे पीएम मोदी ने बाड़े में छोड़ा था।
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में नामीबिया (Namibia) से भारत लाई गई मादा चीता 'शाशा' की सोमवार (27 मार्च) को मौत हो गई। शाशा का यूं जाना पशु प्रेमियों को खल गया। बताया जाता है वो बीते 3 महीने से बीमार थी। जानकारी के अनुसार, मादा चीता शाशा को किडनी इन्फेक्शन हुआ था। हाल के दिनों में उसे दस्त भी हो रहा था। उसके शरीर में लगातार पानी की कमी हो रही थी। आपको बता दें कि, कूनो नेशनल पार्क में 2022 में नामीबिया से 8 चीतों को लाया गया था। इनमें 5 मादा जबकि 3 नर चीते शामिल थे।
मीडिया में छपी ख़बरों के अनुसार, नामीबिया से भारत लाई गई 5 साल की मादा चीता शाशा का पिछले 3 महीनों से इलाज चल रहा था। वो लगातार अस्वस्थ थी। आपको बता दें, शाशा के इलाज के लिए भोपाल से एक मेडिकल टीम पहुंची थी। डॉक्टर्स की टीम ने शाशा को इंजेक्शन दिए थे। शाशा के चेकअप के बाद डॉक्टरों ने कहा था कि, वो गुर्दे की बीमारी से पीड़ित है।
प्रधानमंत्री मोदी ने चीतों को कूनो में छोड़ा था
गौरतलब है कि, नामीबिया से लाए गए चीतों को पिछले साल सितंबर महीने में प्रधानमंत्री मोदी ने कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। नामीबिया से लाए गए इन चीतों को स्पेशल बाड़े में छोड़ा गया था। आपको बता दें, 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन होता है। इसी अवसर पर उन्होंने इन चीतों को उनके बाड़ो में छोड़ा था। तब ये ख़बरों की सुर्खियां बनी थी।
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भारत में 1952 से चीते विलुप्त घोषित
मध्य प्रदेश स्थित कूनो नेशनल पार्क में बने बाड़े में पिछले साल 3 मादा चीता शाशा (sasha cheetah), सवाना (Savannah cheetah) और सियाया को छोड़ा गया था। इनकी उम्र 2 से 5 वर्ष के बीच में है। वहीं, प्रधानमंत्री ने अपने कैमरे से सभी चीतों की फोटो भी कैद की थी। आपको बता दें, भारत में साल 1952 से चीते विलुप्त घोषित कर दिए गए थे। केंद्र की वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बार फिर भारत में चीतों की संख्या बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।