Rewa News: सेंट्रल जेल में कैदी की मौत पर रहस्य बरकरार, जेल कर्मियों पर लगा ये गंभीर आरोप
Rewa News: केंद्रीय कारागार रीवा आएदिन किसी ना किसी कारनामे को लेकर सुर्ख़ियों में बना रहता है। कभी बंदियों के साथ क्रूरता से मारपीट, तो कभी घटिया भोजन देने को लेकर यहां विवाद सामने आया करते हैं।
Rewa News: केंद्रीय कारागार रीवा आएदिन किसी ना किसी कारनामे को लेकर सुर्ख़ियों में बना रहता है। कभी बंदियों के साथ क्रूरता से मारपीट, तो कभी घटिया भोजन देने को लेकर यहां विवाद सामने आया करते हैं। बीते माह कुछ विचाराधीन बंदियों द्वारा जेल से छूटने के बाद जेल के अंदर की सभी काली करतूतों का काला चिट्ठा खोल कर रख दिया था। लेकिन जिला प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। अब यहां विवाद हत्या के प्रयास के मामले में सजा काट रहे कैदी राजू शुक्ला पुत्र ईश्वर दीन शुक्ला की मौत को लेकर हो रहा है। जहां परिजन जेल प्रशासन को लेकर तमाम सवाल उठा रहे हैं। राजू शुक्ला निवासी पाली थाना क्षेत्र बैकुंठपुर की संजय गांधी अस्पताल में हुई संदिग्ध मौत पर परिजनों का कहना है कि जेल में राजू के साथ मारपीट की गई थी, जिसके चलते अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
जेल में यातनाएं देने का आरोप
मृतक के पुत्र अभिषेक शुक्ला का आरोप है कि जेल में उनके पिता राजू शुक्ला के साथ मारपीट हुई। जब वो जिंदा थे तो दो दिन पूर्व उनसे मुलाकात करने गए परिजनों को राजू शुक्ला ने रोते हुए अपनी व्यथा बताई थी। कहा था कि जेल में तरह-तरह से उसे यातनाएं दी जा रही हैं। पैसे की मांग की जाती है और नहीं देने पर मारपीटा जाता है। दरअसल, यह पहला मामला नहीं है कि कैदियों की पिटाई से मौत का आरोप जेल प्रशासन पर लगा हो। इससे पहले भी कई बार जेल में संदिग्ध मौतों का मामला सामने आता रहा है।
परिजनों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
राजू शुक्ला की मौत के मामले में परिजनों का कहना है कि उसकी जेल से अस्पताल लाते समय की सीसीटीवी फुटेज सामने लाई जाए, कि उस वक़्त वो किस हाल में था। इससे सारा मामला साफ़ हो जाएगा। मामले की उच्चस्तरीय जांच करके दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। हालांकि अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह पता चलेगा कि राजू शुक्ला की मौत किन परिस्थितियों में हुई है।
सिर्फ पैसे का चलता है जेल में जोर
इससे पहले जेल से बाहर आए लोगों ने कई बार बताया कि जेल में पैसे और पावर वालों के लिए सारी सुविधाएं घर जैसी उपलब्ध कराई जाती हैं। चाहे वह फिर भोजन हो या नशे की व्यवस्था, लेकिन इसके लिए उन्हें मोटी रकम देनी होती है। जेल में खूंखार कैदी भी होते हैं, विचाराधीन कैदी भी। अब यहां कहा जाने लगा है कि केंद्रीय जेल रीवा के हेलीकॉप्टर पर 3 बार से ज्यादा जो सवार हुआ, उसकी मौत होना तय होता है।
क्या होता है जेल का हेलीकॉप्टर
दरअसल, जेल के हेलीकॉप्टर की कहानी कुछ अलग ही होती है। आरोप लगता है कि यदि जेल में कैदी ने अपने हक के लिए आवाज उठाई या जेलर द्वारा मांगे गए पैसों की रकम सही समय पर नहीं पहुंची तो जेलर द्वारा सजायाफ्ता बंदियों के साथ कैदी को चक्कर में बुलवाया जाता है। जहां पर जेलर के दूत पट्टे लेकर खड़े रहते हैं। यहां पर जेलर के चार दूतों द्वारा बंदियों के हाथ पांव पकड़कर कैदियों के ऊपर सैकड़ों पट्टे बरसाए जाते हैं। फिर बंदी को नीचे उतार कर उसका बीपी मापा जाता है। बीपी सही मिलने पर फिर से यही प्रक्रिया स्टार्ट होती है, बंदी को जेलर के दूतों द्वारा तब तक मारा जाता है, जब तक उसकी हालात न ख़राब हो जाए। कहा जाता है कि तीन बार जो इस हालात से गुजरता है वो जिंदा नहीं बच पाता।
भोजन की गुणवत्ता पर सवाल
केंद्रीय जेल से जमानत पर छूटे एक बंदी ने बताया कि जेल में भोजन की गुणवत्ता भी बहुत ही खराब है। अक्सर सब्जी में कीड़े निकलते हैं। आटा भी ठीक नहीं होता है, इससे रोटी सही नहीं बनती है। दाल के नाम पर पानी दिया जाता है, उसमें दाल बहुत ही कम होती है। लेकिन अगर कैदी के पास पैसे हैं तो केंद्रीय जेल रीवा में उसको पेट भर खाना मिलेगा।