MP : गरीबों के मसीहा रहे कमांडो अरुण गौतम को जिला प्रशासन ने बना दिया 'पान सिंह तोमर', भेजा सलाखों के पीछे
MP :कमांडो अरुण गौतम पर लगे रासुका हटाने और जल्द रिहाई के लिए त्योंथर तहसील के एसडीएम को समाजसेवियों ने ज्ञापन सौंप जल्द रिहाई की मांग की है। उनका कहना है नहीं तो आमरण अनशन करेंगे।
Rewa News : मध्य प्रदेश के रीवा जिले की त्योंथर तहसील में लोगों के लिए 'मसीहा' के नाम से जाने जाने वाले कमांडो अरुण गौतम (Commando Arun Gautam) की रिहाई के लिए कई संगठनों व समाजसेवियों ने पत्राचार किया। हर रोज समाजसेवी संगठन के लोग कमांडो अरूण गौतम की रिहाई के लिए आगे आ रहे हैं। उनका कहना है कि, अब लड़ाई आर या पार की होगी।
मध्य प्रदेश के रीवा जिले की त्योंथर तहसील परिसर में किसान नेता ललित मिश्रा द्वारा एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है। एसडीएम की गैरमौजूदगी में नायब तहसीलदार दिलीप शर्मा ने ज्ञापन लिया। इस दौरान ललित मिश्रा ने बताया कि, अगर दो दिनों के भीतर कमांडो अरुण गौतम को बाइज्जत बरी नहीं किया गया तो त्योंथर तहसील परिसर में ही आमरण अनशन करेंगे। इसके लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार होगा।
दो दर्जन अनाथ बच्चों को लिया गोद
आपको बता दें कि, कमांडो अरुण गौतम सेना से रिटायर्ड होने के बाद गांव में ही सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उभरे। समाज हित के लिए उन्होंने कई कार्य किए। त्योंथर तहसील में उन्होंने लगभग दो दर्जन से ज्यादा अनाथ बच्चों को गोद भी लिया। जिनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी कमांडो अरुण गौतम ने बखूबी निभाया। कमांडो अरुण गौतम ने कई ऐसे मुद्दे उठा चुके थे जिसके बाद त्योंथर की जनता उन्हें आने वाले समय में विधायक के रूप में देखने का मूड बना चुकी थी।
कमांडो की लोकप्रियता से डरे विपक्षी
इलाके के लोगों का मानना है कि कमांडो अरुण गौतम की आवाज दबाने के लिए उन्हें सलाखों के पीछे धकेला गया है। दरअसल, अरुण गौतम बिजली, पानी, सड़क से लेकर के हर तरह के मुद्दों को उठाते रहे हैं। उनकी इन्हीं आदतों की वजह से उन्हें विधानसभा क्षेत्र में एक अलग पहचान मिली। आरोप है कि इसी पहचान को दबाने के लिए विपक्षियों के द्वारा कमांडो अरुण गौतम के ऊपर रासुका की कार्रवाई का षड्यंत्र रचा गया। ग्रामीण एवं कमांडो अरुण गौतम के परिजनों ने स्थानीय नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।