डॉक्टर नहीं कर सकते ड्यूटी से मना, कोरोना पर ये बड़ा नियम लागू

मध्य प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर एस्मा लगा दिया है। अब से कोई भी स्वास्थकर्मी डयूटी करने से मना नहीं कर सकेगा

Update: 2021-04-01 04:52 GMT

फाइल फोटो 

भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। संक्रमण की बिगड़ती स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने एस्मा (Essential Services Maintenance Act) लागू करने का फैसला किया है। एस्मा स्वास्थ्य समेत कुल 10 सेवाओं पर लागू किया गया है, जो 3 महीने के लिए प्रभावी रहेगा।

डॉक्टर-नर्स इलाज करने से नहीं कर सकेंगे मना

शिवराज सरकार ने बुधवार देर शाम इसका आदेश जारी कर दिया है। एस्मा के दायरे में सरकारी और निजी दोनों सेवाओं को शामिल किया गया है। एस्मा लागू होने के बाद सरकारी और निजी क्षेत्र के कोई भी डॉक्टर, नर्स या फिर पैरामेडिकल स्टॉफ डयूटी करने से, मरीजों को इलाज करने से मना नहीं कर सकेगा।

स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी किसी भी चीज को मना नहीं किया जा सकेगा

आदेश लागू होने के बाद अब कोई भी व्यक्ति ज़रूरी चीजों की सप्लाई और सेवाएं देने से मना नहीं कर सकेगा। राज्य सरकार द्वारा समस्त शासकीय, निजी स्वास्थ्य और चिकित्सीय संस्थानों में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं, डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता कार्यकर्ता, मेडिकल उपकरणों की बिक्री संधारण और परिवहन, दवाइयों और ड्रग्स की बिक्री, परिवहन और विनिर्माण, एम्बुलेंस सेवाएं, पानी-बिजली की आपूर्ति, सुरक्षा संबंधी सेवाओं, खाद्य-पेयजल प्रावधान के साथ उसका प्रबंधन और बॉयो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन को अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल किया गया है। इन सभी स्वास्थ्य संबंधी कार्यों को करने से अगले 3 महीनों तक मना नहीं किया जा सकेगा।

साथ ही शिवराज सरकार ने कोरोना को देखते हुए वैक्सिनेशन का टारगेट दोगुना करने का भी फैसला किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 1 अप्रैल से प्रतिदिन टीकाकरण का टारगेट बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में नए टारगेट के अनुसार 400019 वैक्सिनेशन प्रतिदिन किए जाएंगे। भोपाल में 40,000 वैक्सिनेशन, इंदौर में 50000, जबलपुर में 25000, ग्वालियर में 25000 और उज्जैन में रोज 20000 लोगों को कोरेाना का टीका देने का लक्ष्‍य रखा गया है।

बढ़ाए जाएंगे वैक्सिनेशन सेंटर

बता दें कि अभी तक प्रदेश में कुल 2,048 वैक्सिनेशन सेंटर बनाए गए थे, लेकिन हर दिन का टारगेट बढ़ाए जाने के कारण सेंटर की संख्या 3 हजार से ज्यादा कर दी गई है। आवश्यकता पड़ने पर सेंटर बढ़ाए जाएंगे. इन सेंटर्स में मतदान की तर्ज पर व्यवस्थाएं की गई हैं।

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