Maharashtra political Crisis: शिवसेना बागी विधायकों की देर रात गुवाहाटी में बैठक, शिंदे को चुना गया गुट का नेता

Maharashtra Political Crisis: शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे सहित पार्टी के बागी विधायकों ने गुवाहाटी में देर रात एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें शिंदे को बागी विधायक गुट का नेता चुना।

Written By :  Rajat Verma
Update: 2022-06-24 02:39 GMT

एकनाथ शिंदे और सीएम उद्धव ठाकरे (Social media)

Maharashtra political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी संकट अपने चरम पर है, ऐसे में उद्धव ठाकरे सरकार (Uddhav Thackeray government) साफ तौर पर बहुमत खो चुकी है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे (shiv sena leader Eknath Shinde) सहित पार्टी के बागी विधायकों ने बीते दिन गुवाहाटी (Guwahati) में देर रात एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने एकमत के साथ एकनाथ शिंदे (eknath shinde) को बागी विधायक गुट का नेता चुना। जिसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस विषय में अवगत कराते हुए लिखे गए पत्र में 37 बागी शिवसेना विधायकों के हस्ताक्षर किए गए। आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे ने बीते दिन गुवाहाटी से एक तस्वीर भी साझा की थी, जिसमें उनके साथ शिवसेना के अन्य बागी विधायक भी नज़र आए।

 शिवसेना विधायकों की बैठक बुलाई थी

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीएम उद्धव ठाकरे ने भी बीते दिन शिवसेना विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें महज 13 विधायक ही शामिल हुए। जिसके चलते उद्धव ने कई विधायकों की सदन की सदस्यता रद्द करने की बात कही है। हालांकि, इसके जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उन्हें किसी भी तरह से डराया नहीं जा सकता है, क्योंकि वह बालासाहब ठाकरे की असली शिवसेना हैं। एक ओर जहां शिवसेना अपने पार्टी विधायकों को बांधने में कमज़ोर रही है वहीं दूसरी ओर एकनाथ शिंदे ने पार्टी के कुल 55 में से 42 विधायकों को खुद के संपर्क में बताया है। 

एकनाथ शिंदे और अन्य बागी विधायकों को बात करने की सलाह

शिवसेना सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे और अन्य बागी विधायकों को बात करने की सलाह दी है और कहा कि अगर वह कहेंगे तो शिवसेना महाविकास अगाडी गठबंधन से निकलने को तैयार है। इसी के साथ शिवसेना की सहयोगी दल राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने बीते दिन उद्धव ठाकरे को अपना समर्थन जाहिर करते हुए उन्हें सख्त कदम उठाते हुए संघर्ष करने के लिए कहा है।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य है वहीं सरकार बनाने के लिए बहुमत के तौर पर 145 विधायकों का समर्थन आवश्यक है। वर्तमान में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास अगाडी (MVA) सरकार के पास कुल 169 विधायक हैं वहीं राज्य में विपक्षी दल भाजपा के कुल 106 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के पार्टी से बगावत के बाद कुल 42 विधायकों के बागी होने के चलते MVA का सियासी समीकरण पूरी तरह से बिगड़ गया है।

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