Shivsena Dispute: न्यूजट्रैक की खबर पर लगी मुहर, 8 महीने पहले ही बता दिया था उद्धव-शिंदे के बीच मचे घमासान का हश्र
Shivsena Dispute: महाराष्ट्र के सियासत पर चल रहे खेल को लेकर आठ महीने पहले न्यूजट्रैक (newstrack.com) ने भविष्यवाणी कर दी थी। आज एक बार फिर हमारे द्वारा किया आंकलन सच साबित हुआ।;
Newstrack Predictions for Maharashtra Politics (Image: Newstrack)
Shivsena Dispute: महाराष्ट्र के सियासी घमासान की परिणीति वही हुई, न्यूजट्रैक ने काफी पहले ही जिसका अंदेशा जताया था। 8 महीने पहले ही न्यूजट्रैक की खबर में कहा गया था कि उद्धव-शिंदे गुट की इस लड़ाई में एक नई शिवसेना के बन जाने, पुरानी शिवसेना के उद्धव के हाथ से निकल जाने या एकनाथ शिंदे की अगुवाई में नई शिवसेना को पुराने सिंबल तीर धनुष मिल जाने जैसी पटकथा धीरे धीरे आपके सामने आने वाली है और अब वही सच साबित हुआ है।
न्यूजट्रैक के संपादक योगेश मिश्रा ने एक इनडेप्थ स्टोरी के जरिये करीब आठ महीने पहले 25 जून 2022 को ही महाराष्ट्र के सियासी समर का लब्बो-लुआब बता दिया था। अब उनका आंकलन पूरी तरह सच साबित हुआ है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और पार्टी का चुनाव चिह्न दोनों ही छीन लिया है।
पढ़ें- आठ महीने पहले लिखी पूरी खबर: Shiv Sena Crisis: उद्धव को अब सरकार की नहीं, हिंदुत्व की लड़ाई लड़नी होगी
महाराष्ट्र के सियासी घमासान को लेकर न्यूजट्रैक पर यह खबर तब लगाई गई थी जब पहली बार एकनाथ शिंदे के बागी तेवर खुलकर सामने आये थे। उस वक्त किसी ने नहीं सोचा था कि यह लड़ाई कौन सा मोड़ लेगी? न्यूजट्रैक ने उसी वक्त अपनी खबर में साफ कर दिया था कि महाराष्ट्र में मची सियासी उथल-पुथल सरकार बनाने व गिराने की लड़ाई नहीं बल्कि पार्टी पर कब्जे की जंग है। इस खबर से एक बार फिर साफ होता है कि न्यूज ट्रैक पर विषय विशेषज्ञों द्वारा खबरों का कितना सटीक विश्लेषण किया जाता है। यही कारण है कि लगातार पाठकों का भरोसा हम पर बढ़ता ही जा रहा है।
उद्धव-शिंदे आमने-सामने
एकनाथ शिंदे निर्वाचन आयोग के फैसले को लोकतंत्र की जीत बता रहे हैं। वह कह रहे हैं कि यह कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों, लाखों शिवसैनिकों, बाला साहेब व आनंद दीघे की विचारधारा की जीत है। वहीं, फैसले से तिलमिलाये उद्धव ठाकरे ने समर्थकों से कहा कि गली-गली में जाकर लोगों को बताइये कि पार्टी का चुनाव चिह्न 'तीर-कमान' चोरी हो गया है। अब चोर को सबक सिखाने की जरूरत है।