Maharashtra Election: महाराष्ट्र में चुनाव से पहले नहीं घोषित होगा विपक्ष का CM चेहरा,शरद पवार ने दिया उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका

Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार विपक्षी दलों के महाविकास अघाड़ी गठबंधन और सत्तारूढ़ पक्ष के महायुति के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-09-06 03:51 GMT

Maharashtra Election ( Pic- Social- Media)

Maharashtra Election: महाराष्ट्र में अभी विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित नहीं की गई है मगर सभी राजनीतिक दल पूरी तरह चुनावी मोड में दिख रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार विपक्षी दलों के महाविकास अघाड़ी गठबंधन और सत्तारूढ़ पक्ष के महायुति के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीएमम चेहरे को लेकर कई दिनों से खींचतान की स्थिति दिख रही है।

इस बीच एनसीपी (शरद पवार)के मुखिया शरद पवार ने पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे को करारा झटका दिया है। उद्धव ठाकरे कई महीने से चुनाव से पहले सीएम चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं मगर शरद पवार ने यह कहकर उन्हें करारा झटका दिया है कि सीएम पद का फैसला चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद संख्या बल के आधार पर किया जाएगा।


उद्धव की मांग पर शरद पवार सहमत नहीं

विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन की बैठकों में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार सीएम फेस घोषित करने की मांग करते रहे हैं। गठबंधन में शामिल शिवसेना यूबीटी की ओर से मांग की जा रही है कि गठबंधन को उद्धव ठाकरे को अपना मुख्यमंत्री चेहरा बनाना चाहिए। हालांकि वे अभी तक इस मुद्दे पर शरद पवार और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का समर्थन जुटाने में नाकाम साबित हुए हैं।


इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ा बयान दिया है। शरद पवार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से किसी भी नेता को सीएम पद का चेहरा नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन विधानसभा चुनाव में बिना किसी चेहरे को आगे किए मैदान में उतरेगा। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटों पर जीत हासिल हुई तो संख्या बल के आधार पर मुख्यमंत्री पद का फैसला किया जाएगा। चुनाव में जिस दल की सीटें अधिक होंगी, उसी के नेता को मुख्यमंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

सीएम पद को लेकर उद्धव को लगा बड़ा झटका

एनसीपी मुखिया शरद पवार की ओर से किया गया यह ऐलान शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देने वाला साबित हो रहा है। उद्धव ठाकरे चुनाव मैदान में उतरने से पहले सीएम पद को लेकर किसी नेता के नाम का ऐलान करने की मांग करते रहे हैं। उनका कहना है कि यदि संख्या बल के आधार पर मुख्यमंत्री का फैसला किया जाएगा तो महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों प्रमुख दलों के बीच विधानसभा की सीटों की मारामारी शुरू हो जाएगी।


तीनों दलों की ओर से अधिक से अधिक सीटें हासिल करने और ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश की जाएगी। अब शरद पवार ने उद्धव ठाकरे की इस मुहिम पर विराम लगा दिया है। इससे साफ है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन बिना किसी सीएम चेहरे के चुनाव मैदान में उतरेगा।

महाराष्ट्र में पहले भी लागू किया जा चुका है यह फॉर्मूला

वैसे यदि महाराष्ट्र की राजनीति को देखा जाए तो राज्य की गठबंधन राजनीति में यह फॉर्मूला 1995 से चलता आ रहा है। उस समय राज्य में पहली बार भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनी थी। तब यह फॉर्मूला शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन ने मिलकर तय किया था। फिर 1999 में इसी फॉर्मूले के आधार पर कांग्रेस का मुख्यमंत्री एवं राकांपा का उपमुख्यमंत्री बना।


बाद में 2004 के विधानसभा चुनाव में यह ट्रेंड बदल गया था। 2004 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी ने कांग्रेस से अधिक सीटें जीती थीं मगर तब शरद पवार ने केंद्र में अपने लिए मनचाहा मंत्रालय एवं राज्य में अपनी पार्टी के लिए कुछ मलाईदार मंत्रालय लेकर मुख्यमंत्री पद दोबारा कांग्रेस को सौंप दिया था।2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अधिक सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही और फिर उसी का मुख्यमंत्री बना था। एनसीपी के मुखिया शरद पवार अब इस बार के विधानसभा चुनाव में भी इसी फॉर्मूले को लागू करने पर जोर दे रहे हैं।

ज्यादा सीटें हासिल करने का घमासान

एनसीपी के मुखिया की ओर से किए गए इस एलान पर अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वैसे उद्धव अप्रत्यक्ष रूप से खुद को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने की मांग करते रहे हैं। शरद पवार की ओर से मुख्यमंत्री पद की तस्वीर साफ किए जाने के बाद माना जा रहा है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों दलों शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार) और कांग्रेस के बीच ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने की होड़ दिखेगी।


वैसे सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में भी अभी तक मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई फैसला नहीं किया जा सका है। सियासी जानकारों का मानना है कि शरद पवार की ओर से सुझाए गए फॉर्मूले को सत्तारूढ़ गठबंधन में भी लागू किया जा सकता है। ऐसे में सत्तारूढ़ महायुति के चुनावी जीत हासिल करने की स्थिति में भाजपा का मुख्यमंत्री बनना तय हो जाएगा।

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