Rajya Sabha Election 2022: राज्यसभा चुनाव में क्या वोट डाल पाएंगे जेल में बंद महाराष्ट्र के ये दिग्गज नेता?
Rajya Sabha Election 2022: राज्यसभा चुनाव की वोटिंग में शामिल होने के लिए जेल में बंद एनसीपी कोटे से मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री देशमुख ने अदालत में याचिका दायर कर अनुमति मांगी है।
Rajya Sabha Election 2022: महाराष्ट्र उन राज्यों में शुमार है जहां आगामी राज्यसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने जा रहे हैं। राज्यसभा की छठी सीट के लिए दो पूर्व सहयोगी बीजेपी और शिवसेना (BJP vs Shiv Sena) के बीच सीधी टक्कर होने जा रही है। सख्त मुकाबले को देखते हुए शिवसेना ने अपने सभी विधायकों की बाड़ेबंदी भी कर दी है। सभी विधायक मुंबई (Mumbai) के ट्राइडेंट होटल (Trident Hotel) में ठहराए गए हैं। इन सबके बीच जेल में बंद एनसीपी कोटे से मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) में वोटिंग की अनुमति मांगी है। इसके लिए दोनों की तरफ से अदालत में याचिका दायर की जा चुकी है, जिसपर आज सुनवाई होनी है।
एक-एक वोट सहेजने की कवायद के बीच सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) के दो विधायकों के वोट का निर्णय अदालत को करना है कि इससे पहले मौजूदा कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) और रमेश कदम (Ramesh Kadam) जेल में रहते हुए साल 2017 में राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) में हिस्सा ले चुके हैं। ऐसे में एनसीपी का मानना है कि राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) में भी मलिक और देशमुख को मतदान की इजाजत मिलनी चाहिए। बता दें कि उद्धव सरकार (Uddhav Thackeray Government) में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग के केस (Money Laundering Case) में मुंबई की आर्थर रोड जेल में कैद हैं।
राज्यसभा चुनाव का समीकरण
महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए उम्मीदवारों को 42 वोटों की दरकार होती है। मौजूदा विधानसभा में बीजेपी के पास 106 विधायक हैं और उसे छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी मिला हुआ है। इसके बावजूद उसके तीसरे उम्मीदवार को जीतने के लिए 14 अतिरिक्त वोटों की दरकार है। वहीं सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी में शिवसेना के पास 55, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। तीनों दल एक-एक सीट जीत रहे हैं। गठबंधन के पास तीसरे सीट के लिए 27 वोट हैं लेकिन मैजिकल फिगर 42 है। वहां तक पहुंचने के लिए उसे 15 और वोटों की जरूरत है।
महाविकास अघाड़ी की चिंता छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों को लेकर है, जो कभी भी पाला बदल सकते हैं। कई छोटी पार्टियों ने खुलकर उद्धव सरकार का विरोध किया है। ऐसे में इस चुनाव में एक-एक वोट का महत्व काफी बढ़ जाता है। इतने कड़े मुकाबले में अगर सत्ताधारी गठबंधन को जेल में बंद अपने नेताओं का समर्थन मिल जाता है तो ये निश्चित तौर पर उनके लिए बड़ी राहत की बात होगी।
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