Sanjay Raut का बड़ा हमला, बोले-2019 में शिंदे को सीएम बनाने का हमारा प्रस्ताव नहीं मानी BJP

Sanjay Raut Statement: भाजपा नेताओं के सामने यह प्रस्ताव रखा गया था मगर पार्टी को यह प्रस्ताव मंजूर नहीं था।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-11-12 09:31 IST

संजय राउत (photo: social media ) 

Sanjay Raut Statement: पात्रा चॉल घोटाले में जेल से बाहर आने के बाद शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत लगातार अपने बयानों से सुर्खियां बटोर रहे हैं। करीब साढ़े तीन महीने तक जेल में रहने के बाद बाहर आए राउत ने शिंदे गुट के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाली भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हम तो एकनाथ शिंदे को 2019 में ही प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे मगर उस समय भाजपा ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के सामने यह प्रस्ताव रखा गया था मगर पार्टी को यह प्रस्ताव मंजूर नहीं था। उस समय शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक नहीं थे। उन्होंने भाजपा पर गठबंधन का धर्म न निभाने का आरोप लगाया। राउत ने कहा कि बाद में सियासी हालात काफी बदल गए और इसी कारण उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी।

हमने गठबंधन को बचाने की की थी कोशिश

पात्रा चॉल घोटाले में संजय राउत को हाल में जमानत मिली है। इस मामले में उन्हें 102 दिनों तक जेल की हवा खानी पड़ी। अब राउत में जल्द ही दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही शाह से मिलकर पूछेंगे कि आखिर उनका गुनाह क्या है। एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान राउत ने भाजपा और शिवसेना के रिश्ते बिगड़ने के मुद्दे पर भी बातचीत की।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और शिवसेना के बीच 50-50 के आधार पर समझौता हुआ था। दोनों दलों की विचारधारा हिंदुत्व की रही है और हम इसी विचारधारा के आधार पर आगे बढ़ना चाहते थे। इस गठबंधन के टूटने का कारण शिवसेना नहीं थी क्योंकि हमने तो अंत समय तक गठबंधन को बनाए रखने की कोशिश की थी।

भाजपा को मंजूर नहीं था शिंदे का नाम

राउत ने 2019 के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए भाजपा को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश भी की। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन के समय उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे के नाम पर मुहर लगाई गई थी मगर भाजपा इसके लिए तैयार नहीं हुई। भाजपा को उस समय शिंदे का नाम मंजूर नहीं था। अगर भाजपा उस समय गठबंधन को बनाए रखने के रुख पर कायम रहती तो एकनाथ शिंदे उसी समय मुख्यमंत्री बन गए होते।

बाद में भाजपा ने शिवसेना को तोड़कर शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का कदम उठाया। भाजपा के इस कदम से साफ हो जाता है कि उसका असली मकसद क्या था। भाजपा शिवसेना को सियासी रूप से बड़ा नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगी हुई थी और इसीलिए उसने अब शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया।

सियासी हालात बदलने पर उद्धव बने सीएम

बाद में उद्धव के मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर राउत ने कहा कि भाजपा के तैयार न होने के बाद राज्य के सियासी हालात बदल गए और उद्धव ठाकरे को सीएम पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए आगे आना पड़ा। राज्य के सियासी हालात बदलने के कारण ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन बना और शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। गठबंधन में शामिल दूसरे दलों की ओर से उद्धव ठाकरे का नाम आगे किया गया और इसलिए उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी।

उन्होंने भाजपा की मौजूदा सरकार में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप भी लगाया। राउत ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में विपक्षी नेताओं को ही क्यों फंसाया जाता है। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ दर्ज किया गया मामला पूरी तरह झूठा और फर्जी है। उन्होंने आशंका जताई कि आने वाले दिनों में उनके खिलाफ और भी झूठे मामले दर्ज किए जा सकते हैं। राउत ने कहा कि ऐसे माहौल में हम सभी को एकजुट रहना होगा और सरकार के इन कदमों के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़नी होगी।

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