Maharashtra Political Crisis: उद्धव सीएम आवास से हो रहे शिफ्ट, अब रहेंगे इस आलीशान मातोश्री बंबंगले में
Maharashtra: एकनाथ शिंदे की बगावत और बीजेपी की मजबूत घेराबंदी ने महाविकास अघाड़ी सरकार को अंत की ओर पहुंचा दिया है। ठाकरे के मातोश्री में शिफ्ट होने के बाद एकबार फिर यह बंगला सुर्खियों में है।
Mumbai: महाराष्ट्र में करीब ढ़ाई साल सरकार चलाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) की विदाई की पटकथा तैयार है। सीएम ठाकरे भी इसे समझ चुके हैं। लिहाजा मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा में हलचल तेज हो गई है। सीएम का सामान गाड़ियों में लादा जा रहा है। उद्धव ठाकरे अब अपने पारिवारिक आवास मातोश्री में ही रहेंगे। शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे की बगावत और बीजेपी (BJP) की मजबूत घेराबंदी ने महाविकास अघाड़ी सरकार को अंत की ओर पहुंचा दिया है। ठाकरे के मातोश्री में शिफ्ट होने के बाद एकबार फिर यह बंगला सुर्खियों में है।
मातोश्री बीते चार दशकों से महाराष्ट्र की सियासत का गढ़ रहा है। इस बंगले की अहमियत यहां की राजनीति में क्या है किसी से छिपी नहीं है। हिंदू ह्रदय सम्राट के नाम से विख्यात शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के जमाने में जब राज्य में शिवसेना और बीजेपी की सरकार थी, तब फरमान मंत्रालय भवन की बजाय यहां से जारी हुआ करते थे। तो आइए इस भवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें जानते हैं ।
1980 के दशक में मातोश्री आया था ठाकरे परिवार
1980 के दशक में शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे अपने परिवार के साथ बांद्रा ईस्ट के कलानगर में बने मातोश्री बंगले में रहने आए। ये 10 हजार स्क्वायर फीट में फैला हुआ है। कहा जाता है कि जब बालासाहेब का दौर था तब शायद ही महाराष्ट्र (Maharashtra) का कोई ऐसा नेता या फिल्मी हस्ती ऐसी हो जो मातोश्री न गई हो।
साल 1995 में जब राज्य में शिवसेना और बीजेपी गठबंधन सत्ता में आई तो मातोश्री बंगले में सुधार करके ग्राउंड फ्लोर के साथ तीन मंजिला इमारत बनी थी। अब मातोश्री बंगले में जगह कम पड़ने के कारण इसके सामने नए मातोश्री -2 बंगले का निर्माण किया गया।
बाला साहेब से मिलना है तो मातोश्री जाना ही पड़ता था
लेकिन सीएम उद्धव ठाकरे अब भी अपने परिवार के साथ कलानगर स्थित पुराने मातोश्री में ही रहते हैं। दरअसल मुंबई में बने इस बंगले की अहमियत वर्षा और राजभवन से भी ज़्यादा नहीं, तो कभी कम भी नहीं रही है। मातोश्री की हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश और दुनिया के किसी भी शख्स को यदि बाला साहेब से मिलना या उनसे किसी तरह की बातचीत करना होता था तो उन्हें मातोश्री जाना ही पड़ता था।
लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, नरेंद्र मोदी, जसवंत सिंह, नितिन गडकरी, गोपीनाथ मुंडे ही नहीं, बल्कि शरद पवार, प्रणव मुखर्जी और विलासराव देशमुख जैसे धुरंधर राजनेता भी बाल ठाकरे में मिलने के लिए मातोश्री का ही रुख करते थे। फिल्म स्टार से राजनेता बने सुनील दत्त हों या बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन सभी अक्सर बाला ठाकरे से मिलने मातोश्री जाया करते थे।