गोरखपुर: विश्व के सबसे लंबे लेक्चर के रूप में भाषण को दर्ज कराने के लिए प्राइवेट शिक्षक सतीश चंद्र शुक्ला के आवेदन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने स्वीकार कर लिया है। रितेश शुक्ल अपना लेक्चर भारत का इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दे पर दें रहे है। पिछले 4 जून से आगामी 10 जून तक लगातार उनका लेक्चर चलेगा।
कौन हैं सतीश शुक्ल
इस दौरान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी मौजूद है। लगातार 140 घंटे के इस लक्ष्य को प्राइड ऑफ गोरखपुर का नाम दिया गया है, जिसमें विभिन्न संस्थानों के बच्चों व अध्यापकों की भागीदारी के साथ-साथ सतीश चंद्र शुक्ल का मनोबल बढ़ाने के लिए बच्चे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसमें जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। अभी तक यह रिकॉर्ड भारत के ही प्रोफेसर रविंद्र के नाम रहा है, जिन्होंने मार्च 2014 में ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय देहरादून उत्तराखंड में एंटीक कंप्यूटर विषय पर 139 घंटे 42 मिनट 56 सेकंड मैराथन स्पीच दिया था।
4 जून से 10 जून तक लेक्चर
4 जून से शुरु हुए इस मैराथन स्पीच को सुबह 6 बजे सतीश ने विधिवत पूजा पाठ कर गीता का श्लोक पढ़कर किया। तभी से वो लगातार 31 घण्टे से ज्यादा स्पीच दे चुके है। उनके स्पीच को सुनने केलिए लगातार बच्चे, अभिवावक, शिक्षक व आम जनता आ रही है। प्राइड ऑफ़ गोरखपुर बनाने के लिए बच्चे लगातार सतीश का उत्साहवर्धन कर रहे है वही उनके साथ उनके पढाये बच्चे भी पिछले 24 घंटे से उनके साथ लगे हुए है और उन्हें तरल प्रदार्थ के रूप में भोजन आदि समय समय पर दे रहे है।
ऐसे मिली प्रेरणा
सतीश शुक्ला ने बताया कि जब बोर्ड परीक्षा चल रही थी तो लगभग 4 लाख बच्चों के बोर्ड परीक्षा छोड़ दी थी, मैंने सोचा कि क्यों ना बच्चों को प्रेरित करने के लिए कुछ ऐसा कार्य किया जाए कि बच्चे पढ़ने के लिए प्रेरित हो। मैं लगातार 140 घंटे में पढ़ाने जा रहा हूं और सभी विषयों को ध्यान में रखकर अपने स्पीच देने की तैयारी कर रहा हूं, जो बच्चे तैयारी कर रहे हैं भारत का इतिहास भूगोल, पॉलिटिक्स, समसामयिक मुद्दे यह सभी इस स्पीच के होंगे बच्चों को प्रेरित करने के लिए है।
इससे उन्हें प्रेरणा मिलेगी, देखो मैं लगातार 140 घंटे कुछ नहीं हो रहा है| अगर आप भी 4 घंटे रोज पढ़ लोगे तो आप अपने परीक्षा में सफल हो जाओगे, मैं इस लंबे स्पीच की तैयारी पिछले 3 वर्षों से कर रहा हूं और 1 साल से मैं इस पर गहन अध्ययन भी कर रहा हूं। पिछले 1 अप्रैल को जब मुझे लगा कि सब कुछ तैयार हो चुका है, तो मैंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अप्लाई किया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने मेरा एक इंटरव्यू लिया और 23 अप्रैल को मुझे सबसे लम्बा स्पीच देने की स्वीकृति मिली है।