Syria Civil War: क्या है सीरिया का गृह युद्ध, कौन हैं विद्रोही, जानिए सब कुछ
Syria Civil War: सीरिया में हो रहे गृह युद्ध के चलते विरोधियों ने लगभग सारे बड़े शहरों पर कब्ज़ा कर लिया है।;
Syria Civil War: सीरिया में गृहयुद्ध 13 साल पहले अरब विद्रोह के दौरान शुरू हुआ था और यह घरेलू विरोध जल्द ही विपक्षी ग्रुपों, चरमपंथी गुटों और अमेरिका, ईरान और रूस सहित अंतरराष्ट्रीय ताकतों को शामिल करते हुए एक खूनी, बहुकोणीय संघर्ष में बदल गया। इस संघर्ष में 5,00,000 से अधिक सीरियाई मारे गए हैं, और लाखों लोग अपने घरों से बेघर हुए हैं। शांति के छोटे दौर के बाद अब सीरियाई विद्रोहियों ने बिजली की रफ्तार से हमला करके बशर अल असद की सरकार को गिरा दिया है। राष्ट्रपति असद देश छोड़कर भाग गए हैं और सेना कमांडर ने ऐलान कर दिया है कि सरकार गिर गई है। असद सरकार को गिराने वाले विद्रोही गुट को तुर्की का समर्थन है।
कौन- कौन है गृह युद्ध में शामिल
सीरियाई सरकार: बशर अल-असद ने 2000 में सत्ता संभाली थी। बशर उस परिवार का हिस्सा हैं जिसने 1970 के तख्तापलट के बाद से सीरिया को चलाया है। वे अल्पसंख्यक "अलावी" सम्प्रदाय से हैं, जो शिया इस्लाम की एक शाखा है।
बशर अल-असद ने शुरू में खुद को एक आधुनिक सुधारवादी के रूप में चित्रित किया, लेकिन उन्होंने अरब देशों में उथलपुथल के दौर में अपने देश में हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का क्रूर दमन किया, जिससे देश भर में भारी विद्रोह भड़क उठा।
कई वर्षों के युद्ध के बाद, असद सरकार ने ईरान, रूस और लेबनान के हिज़्बुल्लाह मिलिशिया की मदद से विद्रोहियों से अधिकांश क्षेत्र को वापस ले लिया। लेकिन हाल ही में असद के उन सहयोगियों को अन्य संघर्षों ने उलझा दिया है जिससे उनका ध्यान सीरिया से भटक गया है।
हयात तहरीर अल-शाम: असद सरकार के खिलाफ विद्रोही हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ग्रुप के झंडे तले लड़ रहे हैं। इस ग्रुप की स्थापना 2011 में "जबात अल-नुसरा" के नाम से की गई थी, और ये अल-कायदा का प्रत्यक्ष सहयोगी गुट था। जिहादी विचारधारा को अपनी प्रेरक शक्ति मानने वाले इस ग्रुप को राष्ट्रपति असद के खिलाफ़ सबसे प्रभावी और घातक समूहों में से एक माना जाता था।
- इस ग्रुप का शुरुआती संबंध इस्लामिक स्टेट और फिर अलकायदा से था। लेकिन 2016 के मध्य तक नुसरा फ्रंट ने अपनी चरमपंथी जड़ों को खत्म करने की कोशिश की और कई अन्य गुटों के साथ मिलकर हयात तहरीर अल-शाम की स्थापना की। एचटीएस नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने सबको साथ लेकर चलने और धार्मिक सहिष्णुता को अपनाने की कसम खाकर ग्रुप की इमेज को फिर से बनाने की कोशिश की। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश अभी भी इसे एक आतंकवादी समूह मानते हैं।
- इस ग्रुप का उत्तर-पश्चिमी सीरिया के अधिकांश हिस्से पर कब्जा पहले से है, और इस क्षेत्र में शासन चलाने के लिए 2017 में एक "मुक्ति सरकार" भी स्थापित की हुई है।
- अब इसका टारगेट सीरिया में खलीफा स्थापित करने के बजाय कट्टरपंथी इस्लामी शासन स्थापित करना है। इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने खलीफा शासन स्थापित करने की कोशिश की थी, लेकिन वह ऐसा करने में असफल रहा था।
कुर्दिश सेना: सीरिया के कुर्द जातीय अल्पसंख्यक की सेना सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज के बैनर तले सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका की मुख्य स्थानीय भागीदार रही है। चरमपंथी समूह को बड़े पैमाने पर पराजित करने के बाद, कुर्द नेतृत्व वाली सेनाओं ने पूर्वोत्तर सीरिया के शहरों पर नियंत्रण मजबूत कर लिया, और वहां बनाए गए स्वायत्त क्षेत्र का विस्तार किया। लेकिन कुर्द लड़ाकों को अभी भी अपने पुराने दुश्मन तुर्की से जूझना पड़ रहा है, जो उन्हें कुर्द अलगाववादी विद्रोह से जुड़ा हुआ मानता है।
-कई अन्य सीरियाई मिलिशिया भी अपने स्वयं के एजेंडे और निष्ठाओं के साथ लड़ रहे हैं।
विदेशी ताकतें भी सक्रिय
तुर्की: गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद से तुर्की सेना ने सीरिया में सीमा पार कई सैन्य एक्शन किए हैं, जिनमें से ज़्यादातर सीरियाई कुर्द नेतृत्व वाली सेनाओं के खिलाफ़ हैं। तुर्की अब सीरिया की उत्तरी सीमा के साथ एक क्षेत्र को प्रभावी रूप से कंट्रोल करता है।
तुर्की सीरियाई राष्ट्रीय सेना जैसे गुटों का भी समर्थन करता है, जो सशस्त्र सीरियाई विपक्षी समूहों का एक गठबंधन है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने विद्रोहियों की कार्रवाई को साफ समर्थन दिया है। उन्होंने कहा था कि विपक्ष का मार्च जारी है। हमारी इच्छा है कि सीरिया में यह मार्च बिना किसी घटना के जारी रहे।
रूस: सीरिया के गृहयुद्ध के दौरान रूस असद के सबसे वफ़ादार विदेशी समर्थकों में से एक रहा है, जिसने उनकी सेना का समर्थन करने के लिए रूसी सैनिकों को भेजा और उनके दुश्मनों पर बमबारी करने के लिए जेट विमानों को भेजा। रूस ने सीरिया में हवाई और नौसैनिक ठिकानों के साथ एक रणनीतिक सैन्य उपस्थिति बनाए रखी है। लेकिन यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण, रूस सीरिया की सरकार का पहले की तरह मज़बूती से समर्थन करने में असमर्थ रहा है। विद्रोहियों की बढ़त को धीमा करने के लिए रूसी हवाई हमले अपेक्षाकृत कम रहे हैं।
ईरान और हिजबुल्लाह: सीरिया ईरान के "प्रतिरोध की धुरी" का एक मुख्य हिस्सा है। इस धुरी में हिजबुल्लाह, हमास और हौथी शामिल हैं। ईरान वाया इराक और सीरिया, हिजबुल्लाह को हथियारों की तस्करी करता है। ईरान और हिजबुल्लाह ने गृह युद्ध के दौरान अल-असद की तरफ से लड़ने के लिए हजारों आतंकवादियों को भी भेजा है।
अमेरिका: सीरियाई गृह युद्ध में अमेरिका की भूमिका कई बार बदल चुकी है। ओबामा प्रशासन ने शुरू में सरकार के खिलाफ विद्रोह में विपक्षी गुटों का समर्थन किया, सीमित प्रभाव के साथ हथियार और प्रशिक्षण प्रदान किया। 2014 में इस्लामिक स्टेट के उदय के बाद, अमेरिकी सेना ने हवाई हमलों और कुर्द बलों की सहायता से आतंकवादी गुट से लड़ाई लड़ी है। अमेरिका अभी भी लगभग 900 सैनिकों की एक सेना सीरिया में बनाए हुए है। इज़राइल : सीरिया में इज़राइल की सैन्य गतिविधियाँ ज़्यादातर हिज़्बुल्लाह और ईरानी ठिकानों, हथियार उत्पादन यूनिटों और ईरान-हिजबुल्ला आवागमन गलियारे के खिलाफ़ हवाई हमलों पर केंद्रित रही हैं।
आगे क्या होगा?
चूंकि सीरिया में ढेरों देश, विद्रोही गुट, आतंकी संगठन ऑपरेट कर रहे हैं और सबके अलग अलग इंटरेस्ट हैं सो स्थायी शांति या समाधान मुश्किल ही है। 2018 में भी विद्रोहियों ने साल भर तक दमिश्क पर कंट्रोल रखा था लेकिन अल असद ने फिर वापसी की थी। इस बार भी असद और ईरान रूस जैसे उनके सहयोगी जल्दी हार नहीं मानने वाले हैं।