Raksha Bandhan : राजधानी लखनऊ का ऐसा गांव, जहां एक दिन पहले मनाया जाता है रक्षाबंधन का त्योहार

Raksha Bandhan : राजधानी लखनऊ में एक ऐसा गांव भी है जहां एक दिन पहले ही रक्षाबंधन का त्योहार लोग मनाते हैं।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-08-21 08:37 GMT

Raksha Bandhan : भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पावन पर्व रक्षाबंधन हम सभी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। यह सिर्फ भारत में मनाया जाने वाला त्योहार नहीं बल्कि दुनियाभर में रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को रक्षा सूत्र कलाई में बांधकर अपने भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करती है।

यह त्योहार हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। लेकिन राजधानी लखनऊ में एक ऐसा गांव भी है जहां एक दिन पहले ही रक्षाबंधन का त्योहार लोग मनाते हैं। हम बात कर रहे हैं राजधानी लखनऊ से 40 किलोमीटर दूर स्थित भैरमपुर गांव की जहां पीढ़ियों से एक दिन पहले ही रक्षाबंधन का त्योहार लोग मनाते चले आ रहे हैं।

रक्षाबंधन का त्यौहार एक दिन पहले मनाते लोग

वहीं गांव के लोगों ने बताया कि पीढ़ियों से चली आ रही इस परंपरा के बारे में कुछ भी सही से जानकारी तो नहीं है लेकिन इसका संबंध गांव में स्थित सिद्ध पीठ भैरवनाथ बाबा से इसका संबंध है।


न्यूज़ ट्रैक से बात करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि कई पीढ़ियों से उनके गांव में रक्षाबंधन का त्योहार एक दिन पहले ही वह लोग मनाते चले आ रहे हैं। बताया जाता है कि इस गांव में एक भैरवनाथ बाबा की सिद्ध पीठ है। जिसकी स्थापना सैकड़ों वर्ष पहले की गई थी।


वहीं उस सिद्ध पीठ में संत रहा करते थें। जिन्होंने किसी बात से नाराज होकर रक्षाबंधन के त्योहार के दिन ग्रामीणों को श्राप दे दिया। और यह कहते हुए गांव से हमेशा के लिए चले गए कि अगर इस गांव में रक्षाबंधन वाले दिन त्योहार मनाया गया तो गांव में विपत्तियां आएंगी।

अगले वर्ष जब रक्षाबंधन आया, तो ग्रामीणों ने बड़ी ही धूमधाम के साथ त्योहार को मनाया। लेकिन संत द्वारा दिए गए श्राप की वजह से गांव में अनेक परेशानियों का ग्रामीणों को सामना करना पड़ा। जिसके बाद से ही रक्षाबंधन का त्योहार पीढ़ियों से इस गांव के लोग एक दिन पहले मनाते चले आ रहे हैं। बताते चलें, इसी सिद्ध पीठ भैरवनाथ बाबा की वजह से इस गांव का नाम भैरमपुर पड़ा।

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