इस पेड़ की कहानी पढ़कर आप भी हो जायेंगे भावुक!

Update:2018-10-07 11:05 IST

नई दिल्ली: दुनिया अंधविश्वास और चमत्कार दोनों से भरी पड़ी है। लोग अपने –अपने हिसाब से उसकी गणना करते है। जिसके प्रमाण समय –समय पर मिलते भी रहते है। ग्रीस में इन दिनों एक खबर सोशल मीडिया में खूब शेयर की जा रही है। उसमें पुनर्जन्म को लेकर दावा किया जा रहा है। इसके मुताबिक़ यहां एक आदमी की 40 साल पहले मृत्यु हो गई थी। लेकिन आज वह फिर से ज़िंदा हो गया है। उसका नाम अहमेट हर्ग्यूनर बताया जा रहा है।

इस बार उसने इंसान नहीं बल्कि पेड़ का रूप धारण किया है। मीडिया में आई खबरों की माने तो जिस समय इस आदमी की मृत्यु हुई थी। उससे कुछ देर पहले उसने अंजीर का फल खाया था। उसके पेट के अंदर अंजीर का बीज भी था। ये बात मरने से पहले उस इंसान ने अपने घरवालों को खुद ही बताई थी।

उसको जिस जगह पर दफनाया गया था। वहां पर कुछ दिनों के बाद से अंजीर का पौधा उग गया। बाद में देखते ही देखते उस पौधे ने पेड़ का रूप ले लिया। अब लोगों का ऐसा मानना है कि वो अंजीर का पेड़ कोई और नहीं बल्कि अहमेट हर्ग्यूनर ही है।

वहीं कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि दरअसल अहमेट हर्ग्यूनर की मौत की खबर आने इस पेड़ के सामने आने के बाद ही सार्वजनिक हुई।

मौत के पीछे बताई गई ये वजह

जानकारी के अनुसार 40 साल पहले अहमेट का की हत्या कर दी गई थी। 1974 में हर्ग्यूनर को ग्रीक और टर्किश संघर्ष के बीच मर्डर कर दिया गया था। कई वर्षों तक उसकी डेडबॉडी और उसेक बारे में कोई खबर नहीं आई। इस बीच जिस जग पर उसे दफनाया गया था। वहां पर अंजीर का पौधा उगने की खबर सभी के सामने आ गई। कुछ समय बाद वहीं पौधा एक पेड़ बनकर खड़ा हो गया।

अहमेट हर्ग्यूनर को करीब से जानने वाले लोगों का मानना है कि वो पेड़ कोई और नहीं बल्कि अहमेट हर्ग्यूनर ही है। उस जगह की पड़ताल करने पर उसकी मौत की सच्चार्इ भी सबके सामने आर्इ। जांच में पाया गया कि साइप्रस में हर्ग्यूनर और उसके एक अन्यच साथी को गुफा के अंदर डाइनामाइट ब्लास्ट करके हत्या कर दी गई थी।

धमाका इतना तेज था कि उस स्थान पर बड़ा सा एक छेद बन गया। उस जगह पर धीरे –धीरे सूरज की रौशनी आने लगी। धूप की रौशनी मिलने से अहमेट के पेट में पड़ा अंजीर का बीज पौधे के रूप में विकसित हो गया। कुछ समय के बाद पौधे की जगह बड़ा सा अंजीर का पेड़ खड़ा हो गया।

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ऐसे पैदा हुआ शक

जानकारों के मुताबिक साल 2011 में एक शोधकर्ता ने उस स्थान का काई बार भ्रमण किया। उन्होंने अंजीर के पेड़ को लेकर काफी शोध किया और ये पाया कि उस स्थान पर अंजीर का पेड़ उगना ही अपने आप में एक असमान्य बात है। काफी घन अध्ययन के बाद पता चला कि पेड़ के नीचे एक डेडबॉडी को दफनाया गया है।

आगे की स्टडी में ये बातें भी निकलकर सामने आई कि मृतक ने कुछ समय पहले अंजीर खार्इ होगी या किसी और वजह से उसका बीज उसके पेट मौजूद रहा होगा। इसी जांच में पाया गया कि मरने वाला शख्स हर्ग्यूनर था। उसके साथ किसी और भी बम से हमला करके उस्जी जगह पर जमीन में गाड़ दिया गया था।

घरवालों ने सुनाई दर्दनाक दास्तां

जब ये बात सभी के सामने आ गई कि मरने वाला आदमी कोई और नहीं बल्कि हर्ग्यूनर ही था। उसके बाद उसकी बहन सामने आई और उसने अपने भाई की दर्द भरी दास्तां बयाँ किया। उसने लोगों को बताया कि वे जिस गांव में रहते थे वहां करीब चार हजार लोग थे जिनमें आधी ग्रीक और आधे तुर्की के थे। 1974 में जब संघर्ष शुरू हुआ तो उनका भाई टर्किश रसिस्टें ट ऑर्गेनाइजेशन का मेम्बर बन गया था।

वे उसी वर्ष 10 जून को उसे ग्रीक उठा ले गए। जिसके बाद बहुत तलाशने पर भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। अंजीर के पेड़ ने दरअसल उन्हें अपने भार्इ के बारे में जानकारी मुहैया करार्इ जब उनके ब्लड सैंपल और बरामद लाश के डीएनए आपस में मैच कर गए। तो नतीजे सभी को हैरान कर देने वाले थे। उन्हें भरोसा हो गया कि वो पेड़ कोई और नहीं बल्कि हर्ग्यूनर ही है।

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