'लाश का फूल' देखने के लिए हज़ारों लोगों की लग गई लाइन, वायरल हुई फोटो
अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में 'कॉर्प्स फ्लावर' नाम का दुर्लभ फूल खिला है। यह फूल तकरीबन 10 साल बाद खिला है
लखनऊ: कुदरत का करिश्मा कहें या साइंस का मायाजाल... दुनियाभर से अकसर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जिसको देखकर विज्ञान भी हैरान रह जाता है। ऐसा ही एक दुर्लभ मामला अमेरिका (America) में सामने आया है जिसको देखने के लिए हज़ारों की लाइन लगी पड़ी है। जिस चीज़ को देखने के लिए इतने लोग लाइन में लगे हैं आपने शायद ही उसका नाम सुना होगा।
दुर्लभ लाश का फूल
इस सप्ताह सैन फ्रांसिस्को (कैलिफोर्निया) में एक खाली पड़े गैस स्टेशन के बाहर हज़ारों लोग अत्यंत दुर्लभ 'लाश का फूल' (corpse flower) की झलक पाने के लिए एक कतार में खड़े होकर लगे हैं। ये फूल अपनी 'दुर्गंध' के लिए जाना जाता है जिसकी तुलना अक्सर 'सड़ते मांस' से की जाती है।
दस साल में एक बार
लाश का फूल अपने वैज्ञानिक नाम Amorphophallus titanum के नाम से भी जाना जाता है। इसे देखने वाले लोग इसलिए ज्यादा उत्साहित हैं क्योंकि ये अति-दुर्लभ पौधा हर सात से दस साल में केवल एक बार खिलने के लिए जाना जाता है। इस फूल को दुनिया में सबसे बड़े फूलों में से एक भी माना जाता है।
लगभग एक दशक में ये 'लाश फूल' 10 फीट तक लंबा हो सकता है। लाश के फूल को दुनिया के सबसे बड़े 'अशाखित पुष्पक्रम' या फूलों के समूह वाले डंठल के रूप में जाना जाता है। औसत लाश के फूल का जीवनकाल लगभग तीन-चार दशकों का होता है।
अपनी बनावट के अलावा ये फूल अपनी गंदी बदबू के लिए भी जाना जाता है जो किसी सड़ते हुए मांस या सड़ते हुए शव के समान होता है। ये हर 10 साल में एक बार खिलने वाला पौधा खिलने पर ही ये खास गंध देता है।
इस वजह से होती है ऐसी गंध
लाश के फूल की अपनी विशिष्ट गंध एक कारण से होती है। इसे कैरियन फूल, वैसे एक फूल के रूप में भी जाना जाता है जो जंगल में परागण करने वाले कीड़ों जैसे कि मैला ढोने वाले मक्खियों और भृंगों को आकर्षित करने के लिए एक मादक गंध छोड़ता है।