Easter Island History Facts: दुनिया की सबसे रहस्यमयी जगह, जहां मौजूद है इंसानों के आकर की हजारों विशालकाय मूर्तियां

Easter Island History Facts: दुनिया में एक ऐसी जगह है, जहां पत्थरों से बनी विशालकाय मूर्तियां एक इतिहास समेटे हुए हैं।

Written By :  Anjali Soni
Update:2022-10-21 20:00 IST

Easter island History Facts(Photo-social media)

Easter Island History Facts: देश-दुनिया में ना जाने इतनी कितनी जगह हैं जिनको देखकर इंसान विस्मित हो जाता है। कई जगह पुराने महल-किले देखने को मिलते हैं तो कई नदी नाले.. इनका इतिहास अपने आप में बहुत ही प्राचीन और बेहद रहस्यमय होता हैं। लेकिन आज हम जो बताने जा रहे हैं उसके बारे में आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी।

दुनिया में एक ऐसी जगह है, जहां पत्थरों से बनी विशालकाय मूर्तियां एक इतिहास समेटे हुए हैं। ये एक दो मूर्तियां नहीं बल्कि इनका संख्या हजारों के पार हैं। जो भी इन बड़ी-बड़ी मूर्तियों को देखता हैं वो अचंभित रहा जाता हैं। सोशल मीडिया पर ये फोटोज हम लोग भी कई दफा देख चुके हैं। इनको देखने के बाद मन में सवाल जरूर आता हैं कि ये तस्वीर कहां की है और इसके पीछे का रहस्य का है। चलिए आज हम आपको इस ऐतिहासिक जगह से रुबरु करवाते हैं...

ईस्टर आइलैंड हैं जगह का नाम:

बता दें जहां ये मूर्तियां मौजूद हैं उस रहस्यमय जगह को ईस्टर आइलैंड के नाम से जाना जाता है। जो दक्षिण अमेरिका में एंडीज पर्वत और प्रशांत महासागर के बीच चिली में मौजूद है। यह एक बेहद सुनसान आइलैंड है, जहां करीब 1000 रहस्यमय मूर्तियां हैं। इस जगह की खोज यूरोपियन एक्सप्लोरर जैकब रॉकडेविन ने की थी, जिस दिन उन्होंने इसकी खोज की वो दिन ईस्टर संडे था। इसी कारन इसका नाम ईस्टर आइलैंड रखा गया।

90 हजार किलो की सबसे भारी मूर्ति:

बता दें यहां हजारों मूर्तियां बनी हुई है। इन रहस्यमय मूर्तियों को 'मोई' के नाम से जाना जाता है। ईस्टर आइलैंड में बड़ी मूर्ति 33 फीट की है, जिसका वजन करीब 90 हजार किलो के बराबर है। ये सभी मूर्तियां देखने में बिल्कुल एक जैसी नज़र आती है। बताया जाता है कि पत्थर की ये मूर्तियां इतनी मजबूत हैं कि किसी हथौड़े से ठोके जाने के बावजूद इन मूर्तियों को खासा नुकसान नहीं पहुंचता।

रापा नुई लोगों ने बसाई थी यह जगह:

इतिहासकारों की मानें तो इस जगह पर हजारों वर्ष पहले रापा नुई लोग रहते थे। इन मूर्तियों को रापा नुई कहे जाने वाले लोगों ने वर्ष 1250 से लेकर 1500 के बीच बनाया था। कई सालों पहले इस द्वीप को रापा नुइयों के लोग छोड़कर चले गए। 1722 में एक यूरोपियन एक्सप्लोरर जैकब रॉकडेविन अपनी बोट से यहां पहुंचे। जैकब रॉकडेविन केा मूर्तियों के अलावा इस आइलैंड पर इंसान नहीं नजर आए।

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