मध्य प्रदेश: भारत को ऐसे ही अजीबोगरीब देश नहीं कहा जाता है। यहां अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं जिस पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही एक ताजा मामला मध्यप्रदेश के धार जिले से सामने आया है। जहां एक व्यक्ति अपने कुत्ते के नाम पर सालभर से राशन ले रहा था। उसने राजू नाम से अपने पालतू कुत्ते का नाम राशन कार्ड में दर्ज करवाया था।
ये है पूरा मामला
ग्राम पंचायत बोडिया के सेल्समैन कैलाश मारू ने बताया कि गांव का एक नरसिंह नाम का व्यक्ति कई महीनों से तीन व्यक्तियों के नाम पर राशन ले रहा था। जब आधार कार्ड फीड कराने को लेकर उससे जानकारी मांगी गई तो उसका ये राज खुल गया।। जब उससे तीनों लोगों के आधार नंबर मांगे गए तो उसने केवल दो के ही दिए और कहा कि तीसरा तो उसका कुत्ता है।
राशन कार्ड में व्यक्ति ने कुत्ते के नाम के आगे लिखे मुखिया से संबंध वाले कॉलम में बकायदा उसे अपना पुत्र बताया हुआ है। जानकारी के मुताबिक गुलरीपाड़ा निवासी नृसिंह बोदर (70) तीन लोगों के राशन के लिए जब दुकान पर गया, तो वहां लगी पीओएस मशीन में कार्ड में दर्ज व्यक्तियों के आधार नंबर डाले जाने थे, ताकि उनकी पहचान की जा सके।
नाम हटाने के निर्देश
मामले पर सेल्समैन कैलाश मारू ने बताया कि जब उसने नृसिहं से तीनों लोगों के आधार नंबर मांगे तो उसने केवल दो के ही दिए और कहा कि तीसरे व्यक्ति का आधार कार्ड नहीं है क्योंकि वह उसका कुत्ता है। जांच करने पर पता चला कि ग्राम पंचायत ने जो राशन कार्ड बनाया था, उसका सत्यापन नहीं किया गया। मारू ने कहा कि इस संबंध में खाद्य अधिकारी अनुराग वर्मा को जानकारी दी जा चुकी है। जिसके बाद उन्होंने नाम हटाने के निर्देश भी दे दिए हैं।
कुत्ते के नाम पर खाया 60 किलो राशन
राशन की दुकान से राशन कार्ड में दर्ज प्रति व्यक्ति को हर महीने पांच किलो राशन दिया जाता है। यानि कुत्ते के नाम पर नृसिंह ने 60 किलो राशन लिया। वहीं जनपद सरदारपुर के सीईओ का कहना है कि अभी मामला उनकी जानकारी में नहीं आया है। सामने आते ही कार्रवाई की जाएगी।
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