Interesting Facts: हवाई जहाज की खिड़की में छोटा छेद क्यों होता है ? जानिए इसके पीछे का लॉजिक
Plain Interesting Fact: प्लेन की खिड़की में ये छेद बनाने के पीछे छुपा है एक बड़ा कारण, जो जरुरी है हमारी जान बचाने के लिए प्लेन उड़ता है। वहां पर एयर प्रेशर या हवा का दबाव होता है। वह बहुत कम हो जाता है।
Interesting fact about plain:हवाईजहाज में अगर आप यात्रा करते हो तो आपने ध्यान दिया होगा कि हवाई जहाज की खिड़कियां हमेशा बंद होती है। प्लेन जब उड़ता है उससे पहले ही उसके दरवाजे भी एक दम एयरटाइट बंद हो जाते हैं। मतलब प्लेन के अंदर कहीं से कोई हवा नहीं आ सकती है। लेकिन प्लेन की खिड़की में एक छोटा सा छेद भी होता है। इसे देख कर क्या आपने कभी सोचा है कि ये छेद क्यों बनाया जाता है। इसका इस्तेमाल बड़े से प्लेन में क्यों किया जाता है। चलिए जानते हैं इसके पीछे की असली वजह।
प्लेन की खिड़की में ये छेद बनाने के पीछे छुपा है एक बड़ा कारण, जो जरुरी है हमारी जान बचाने के लिए
दरअसल जो प्लेन उड़ता है। वहां पर एयर प्रेशर या हवा का दबाव होता है। वह बहुत कम हो जाता है। इतना कम हो जाता है कि सांस लेने में भी कठिनाई आ सकती है। इसलिए प्लेन में खिड़कियों पर ये छेद बनवाया जाता है ये छेद हमारी सेफ्टी का प्रतीक होता है। क्योंकि इससे प्लेन में सफर करने वाले लोगों की जान बचती है। प्लेन एक दम एयर टाइट होता है और उसके अंदर ऑक्सीजन भरी होती है। अंदर ऑक्सीजन भरने के बाद जो अंदर का प्रेशर है। वह पांच गुना ज्यादा हो जाता है। इस प्रेशर को सहने के लिए हवाईजहाज में जो खिड़किया होती है। वह छोटी और घुमावदार बनती है और इन खिड़कियों को तीन परत की बनाया जाता है। बीच वाली परत पर एक छोटा छेद होता है। जिसे ब्लीड हॉल भी कहते हैं।
प्लेन में किसी कारण खिड़की की पहली परत टूट जाए तो परत प्रेशर को होल्ड करले और इन तीनों परतों के बीच में थोड़ी थोड़ी हवा भरी होती है। जो प्रेशर को कण्ट्रोल करने की कंडीशन में होती है। अगर कभी प्लेन की परत टूट भी जाती है तो तुरंत पाइलेट को सुचना दी जाती है। कि कुछ हादसा हो गया है आप प्लैन को नीचे ले जाइए तो तुरंत पाइलेट प्लेन को नीचे ले आता है। छेद बनाने का एक और फाइदा होता है जैसे कार में जब एयर कंडीशनर चलता है तो अंदर शीशे में भाप जमने लगती है लेकिन इस छोटे से छेद के करण प्लेन में कभी भी भाप नहीं जमती है।