बेटे का शव बोरी में लेकर तीन किमी पैदल चला बेबस पिता-पुलिस ने कहा था-थाने लाओ
पुलिस ने पोस्टमार्टम कराना भी जरूरी नहीं समझा। दोनों ही थानों की पुलिस लेरू और उसके परिजनों से शव लेकर थाने आने को कहकर वापस लौट गई। बेटे की मौत से लेरू यादव पर तो जैसे दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा।
कटिहार : बिहार में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 13 साल के बच्चे की मौत हो गई थी। कई दिनों तक लापता रहने के बाद उसका शव खेत से बरामद किया गया था।
बच्चे के पिता ने दो थानों की पुलिस को इसकी सूचना दी थी। लेकिन अमानवीय व्यवहार करते हुए दोनों थानों की पुलिस बिना शव को अपने कब्जे में लिए उक्त स्थल से निकल पड़ी।
पुलिस ने पोस्टमार्टम कराना भी जरूरी नहीं समझा। दोनों ही थानों की पुलिस लेरू और उसके परिजनों से शव लेकर थाने आने को कह चली गई।
बेबस पिता प्लास्टिक की बोरी में अपने 13 साल के बेटे का शव लेकर करीब तीन किलोमीटर तक पैदल चला। तीन किलोमीटर के बाद उसे साधन मिल सका और इसके बाद वह शव लेकर थाने पहुंचा।
मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली इस घटना के सामने आने के बाद से पुलिस के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
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क्या है ये पूरा मामला
घटना कटिहार जिले के कुर्सेला थाना अंतर्गत की है। 26 फरवरी को भागलपुर जिले के गोपालपुर थाना क्षेत्र के करारी तीनटंगा निवासी लेरू यादव का 13 साल का बेटा हरिओम नाव से गंगा नदी पार करते समय गहरे पानी में गिर गया था।
उसे खोजने के लिए नाविकों ने पानी में सर्च आपरेशन चलाया लेकिन बेटे का कुछ भी अता-पता नहीं चल पाया। परिवार पर तो जैसे दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा।
बेटे के लापता होने पर बेबस पिता ने इस घटना को लेकर गोपालपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसे रह-रह कर अपने पुत्र की याद आती रहती थी। आंखों में आंसू लिए लेरू अपने बेटे की तलाश में एक थाने से दूसरे थाने दौड़ता रहा।
पुलिस बोली, पोस्टमार्टम के लिए थाने ले आओ बेटे का शव
कई दिनों तक तलाशने के बाद खेरिया में बेटे की लाश मिली। दूरदराज के रिश्तेदारों ने एक शव देखा और इसकी सूचना पिता को दी। उसके बाद लेरू यादवकुछ ग्रामीणों को साथ में लेकर गोपालपुर थाने पहुंचे।
इसकी सूचना पुलिस को देने के बाद कुर्सेला के खेरिया घाट पहुंचे और शव की पहचान की। शव कई दिनों तक पानी में रहने के कारण क्षत विक्षत हो गया था, उससे तेज दुर्गन्ध आ रही थी।
उसकी शिनाख्त में भी मुश्किलें आ रही थीं, काफी प्रयास के बाद पिता ने कपड़ों से उस कंकाल नुमा शव को पहचाना।
वहीं सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर कुर्सेला तथा गोपालपुर दोनों थाने की पुलिस पहुंची, लेकिन अमानवीय व्यवहार करते हुए दोनों थानों की पुलिस बिना शव को अपने कब्जे में लिए उक्त स्थल से निकल पड़ी।
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पोस्ट मार्टम के लिए बेटे का शव थाने लाने का पुलिस ने सुनाया था फरमान
पुलिस ने पोस्टमार्टम कराना भी जरूरी नहीं समझा। दोनों ही थानों की पुलिस लेरू और उसके परिजनों से शव लेकर थाने आने को कहकर वापस लौट गई। बेटे की मौत से लेरू यादव पर तो जैसे दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा।
आंखों में आंसू लिए पिता किसी तरह से शव को एक बोरे में भरकर लगभग तीन किलो मीटर पैदल चला और कुर्सेला थाना पहुंचे। यहां से उन्होंने गाड़ी की और पोस्टमार्टम के लिए शव को गोपालपुर थाना लेकर गए। तब जाकर शव का पोस्ट मार्टम हो पाया।
बिहार में चारों तरफ इस घटना की चर्चा है। पिता को बेटे का शव पैदल लेकर थाने पहुंचने के लिए विवश करने वाली पुलिस और उसके विभाग के मुखिया को इस मामले में जवाब देते नहीं बन रहा है। दोनों थानों की पुलिस एक दूसरे पर आरोप लगा रही है। मामले से पल्ला झाड़ते हुए जांच और कार्रवाई का भरोसा दिला रही है।
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