55 सालों तक बिना टॉयलेट के चली थी ट्रेन, जानिए ऐसे ही कई रोचक बातें

Update:2018-09-14 14:16 IST

लखनऊ: क्या आप जानते हैं कि भारतीय रेल 55 सालों तक बिना टॉयलेट के ही चलाया गया था। और भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। लगभग 2.5 करोड़ यात्री रोजाना भारतीय ट्रेनों से सफर करते हैं जो ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और तस्मानिया की कुल आबादी के बराबर है। hindi.newstrack.com आज आपको ऐसे ही भारतीय रेलवे से जुड़ी ऐसी ही तमाम रोचक बातें बता रहा है।

भारतीय रेलवे दुनिया में 9वां सबसे बड़ा रोजगार

आंकड़ों के मुताबिक भारत में अब तक 1.15 लाख किलोमीटर लंबी रेल पटरियां बिछाई जा चुकी हैं और ट्रेनें इस पर करीब 13.5 लाख किलोमीटर लंबा सफर तय करती हैं जो कि पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी का 3.5 गुना दूरी है। और भारतीय रेलवे दुनिया में 9वां सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है।

55 साल बिना शौचालय के दौड़ीं थी ट्रेन

भारतीय रेलवे 55 साल बिना शौचालय के दौड़ीं थी। इसकी शुरुआत 1909 में ओखिल चंद्र सेन नामक एक यात्री को पैसेंजर ट्रेन से यात्रा के दौरान शौचालय न होने की वजह से बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था तो उसेने विभाग को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया था।

ये है भारत की सबसे तेज और धीमी ट्रेन

मेतुपलयम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन भारत में चलने वाली सबसे धीमी ट्रेन है। यह लगभग 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है सबसे तेज ट्रेन भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस, दिल्ली से आगरा के बीच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली सेमी-हाईस्पीड ट्रेन का ट्रायल भी पूरा हो चुका है।

एक मात्र ऐसा स्टेशन है जा दो राज्यों में पड़ता है

सबसे लंबे (श्रीवेंकटनरसिम्हाराजुवरीपेता-तमिलनाडु) और सबसे छोटे (ईब-ओडिशा) नाम वाले रेलवे स्टेशन भारत में है। नवापुर रेलवे स्टेशन दो राज्यों में बसा है, इसका आधा हिस्सा महाराष्ट्र और आधा गुजरात में पड़ता है। महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक ही स्थान पर श्रीरामपुर और बेलापुर रेलवे स्टेशन दोनों आमने-सामने हैं। चेनाब नदी के ऊपर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। पेरिस का एफिल टावर भी इसके सामने छोटा है।

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