Unique Village: इस गांव में रोज डेढ़ घंटे मोबाइल फोन्स और टीवी पर रोक, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान

Maharashtra Village Sangli: महाराष्ट्र में सांगली के एक गांव में टेक्नोलॉजी को रोज डेढ़ घंटे के लिए बंद कर देते हैं। गांव में रोज शाम 7 बजे एक साइरन बजता है।

Written By :  Anjali Soni
Update:2022-09-25 20:19 IST

Maharashtra Unique Village: आज के जमाने में कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल और इंटरनेट के बिना नहीं रह सकता है। अगर किसी के पास ये नहीं है तो वह टीवी देखकर काम चलाता है। इसका कारण है आजकल के सारे काम जहां पहले सारे इंसान खुद करते थे। तो वहीं आजकल इंसान अपना काम करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने लग गए हैं। चाहे वह ऑफिस का काम हो या बच्चों की पढ़ाई हो, सभी काम आजकल फोन और इंटरनेट से हो जाते हैं। आज के दौर में हर व्यक्ति ने टेक्नोलॉजी को अपनी जरूरत बना ली है। हालांकि टेक्नोलॉजी का कुछ अच्छा प्रभाव भी है। इससे हम कोई भी जानकारी आसानी से ले सकते हैं। और अपना काम जल्दी खत्म भी कर सकते हैं। लेकिन टेक्नोलॉजी का कुछ बुरा प्रभाव भी है, जैसे बच्चों ने पहले की तरह आउटडोर गेम खेलने बंद कर दिए है। सभी बच्चे अपने मोबाइल फोन्स में इंडोर गेम खेलते हैं। इससे उनकी सेहत में नुकसान भी हो सकता है।

रोज डेढ़ घंटे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बंद:

महाराष्ट्र में सांगली के एक गांव में टेक्नोलॉजी को रोज डेढ़ घंटे के लिए बंद कर देते हैं। गांव में रोज शाम 7 बजे एक साइरन बजता है। उस साइरन को सुनते ही गांव के लोग अपने मोबाइल फोन्स,टीवी और अन्य सारे गैजेट्स बंद कर देते हैं। और लोग आपस में एक दूसरे से बात करते हैं, पूजा पाठ करते हैं , परिवार से बाते करते हैं, बच्चे घर से बाहार जाकर खेलते हैं और अपनी पढ़ाई को समय देते हैं। डेढ़ घंटे बाद जैसे ही साइरन बजता है। 8. 30 बजे लोग फिर से अपने फोन में लग जाते हैं। यह आईडिया इस गांव के सरपंच मोहित को आया उन्होंने कहा कि, कोरोना काल में लॉकडाउन लगने के दौरान सभी बच्चो को ऑनलाइन क्लास लेने के लिए फोन मिल गया था। इसलिए वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल ज्यादा करने लग गए है। और टीवी का इस्तेमाल भी बढ़ गया है।

सरपंच ने इजाद किया ये नया तरीका:

यह तरीका सरपंच ने इसलिए सोचा क्योंकि आज कल के दौर में सभी लोग मोबाइल फोन्स में इतने बिजी रहते हैं कि वह अपने आस-पास रहने वाले लोगों से बात भी नही करते हैं, फोन की वजह से बच्चे अपना बचपन भूल चुके हैं। लोग अपने जीवन को जीना भूल चुके हैं, ये प्रक्रिया करने के दौरान लोगों की निगरानी रखने के लिए गार्ड भी रख रखा है। ताकि कोई साइरन बजने के दौरान टीवी या फोन्स का इस्तेमाल ना करें।

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