घोड़ों वाली दवा: संक्रमितों पर हो रही इस्तेमाल, कितनी है असरदार

फिलीपींस में इस ड्रग का प्रभाव कुछ इस कदर बढ़ गया है कि यहां के कुछ नेता भी इसे कोरोना वैक्सीन की तरह प्रमोट कर रहे हैं।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update: 2021-04-16 07:07 GMT
घोड़े वाली दवा सोशल मीडिया  से फोटो

लखनऊ : कोरोना वायरस( Coronavirus) अपने प्रकोप का प्रसार कर रहा हैं और संक्रमण का आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा हैं। दुनिया (World)के कई देशों में अभी भी संक्रमित सामने आ रहे हैं। इसके लिए वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा हैं और अभियान तेजी से चलाया जा रहा हैं।

दुनिया कई देशों में वैक्सीन की कमी भी आ रही हैं। ऐसे में फिलीपींस (Philippines)  से काफी हैरान करने वाला मामला सामने आ रहा हैं। कोरोना से बचने के लिए लोग घोड़े के लिए इस्तेमाल होने वाले ड्रग का इस्तेमाल करने लगे हैं। इसके पीछे बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आ रहा हैं।

कोरोना वैक्सीन की जगह घोड़ों वाली दवा

बता दें कि इस तरह की इंसानों को खाने के लिए कोई मंजूरी नहीं दी गई है। फिलीपींस इन दिनों कोरोना वैक्सीन की कमी का भी सामना कर रहा है, जिसके वजह से यहां के लोगों का अपने प्रशासन से भरोसा भी कम होने लगा है। कोरोना को लेकर इस देश के लोग काफी तनाव में हैं और फौरन उपाय के लिए बिना किसी बात की चिंता किए आईवर्मीक्टीन (Ivermectin )नाम के ड्रग का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस ड्रग का इस्तेमाल घोड़ों पर किया जाता है।

फिलीपींस में इस ड्रग का प्रभाव कुछ इस कदर बढ़ गया है कि यहां के कुछ नेता और सोशल मीडिया इंफ्लूएंजर्स भी इसे कोरोना वैक्सीन की तरह प्रमोट कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इन दावों को गलत बताया है।

फिलीपींस में इस ड्रग को इंसानों के इस्तेमाल के लिए नहीं रजिस्टर किया गया है। इतना ही नहीं इस ड्रग को बनाने वाली कंपनी मर्क ने भी एक बयान में कहा है कि वैज्ञानिकों ने इस दवा को कोरोना वैक्सीन के तौर पर सही नहीं पाया है, लेकिन इसके बावजूद इस ड्रग की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।


घोड़े की तस्वीर सोशल मीडिया से

 इंसानों के ट्रॉपिकल डिजीज 

आइवरमेक्टिन को लेकर एक समस्या ये भी है कि इसके अलग-अलग वर्जन का मौजूद होना। अमेरिका में इस दवा के एक वर्जन को इंसानों के ट्रॉपिकल डिजीज और जूं के इलाज के लिए स्वीकृत किया गया है, लेकिन कोई भी देश कोरोना की बीमारी में इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दिया है।

फिलीपींस में तो इंसानों को इस दवा के इस्तेमाल की मंजूरी भी नहीं है। इस महामारी के वजह से फिलीपींस में 14 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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